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आइये जाने इनकम टैक्स का सरल अर्थ
एक देश अपने नागरिको को सुविधा मुहैया कराता है, उन सुविधाओं के बदले नागरिक को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सरकार के कहते में जमा कराना होता है । इसे ही अंग्रज़ी में इनकम टैक्स कहते है । इन सुविधाओं में सड़के, लाइटे, पुलिस, इत्यादि आती है । इन सुविधाओं का लाभ हर नागरिक को मिलता है ।
इनकम टैक्स से जुड़े कुछ रोचक प्रश्न –
१. क्या इनकम टैक्स भरना ज़रूरी है ?
उत्तर – अगर आप यह टैक्स सरकार को नहीं भरेंगे तो सरकार द्वारा आपको सड़के, लाइटे, पुलिस, इत्यादि सुविधाएं देना असंभव हो जायेगा ।
२. भारत में इनकम टैक्स (आय कर ) लेने की ज़िम्मेदारी किसकी है ?
उत्तर – भारत में इसके लिए स्वतंत्र संस्थान है जिसे ‘भारतीय आय कर विभाग’ कहते है । इनकम टैक्स (आय कर ) लेने की ज़िम्मेदारी इनकी है ।
३. इनकम टैक्स के लिए कौन सा कनून बनाया गया है ?
उत्तर – आय कर अधिनियम, १९६१ (Income Tax Act, 1961)
४. क्या भारत में हर किसी को इनकम टैक्स (आय कर ) पड़ता है ?
उत्तर – नहीं । जिनकी आय एक निर्धारित सीमा से ऊपर है, सिर्फ उनको ही इनकम टैक्स भरना पड़ता है ।
५. यह निर्धारित सीमा कितनी है ?
उत्तर – जिनकी कमाई २,५०,००० या उससे ऊपर सालाना की है ।
इनाम में जीती गई कितनी राशि पर टैक्स लगना शुरू होता है ?
इससे फ़र्क नहीं पड़ता की कितनी राशि पर टैक्स लगना शुरू होता है । इनाम में जीती गई जितनी भी राशि है, उस पर एक मुस्त टैक्स लगता है – ३० %
अगर यह राशि ₹ १०,००० /- से ऊपर है तो इसके ऊपर १.२% का टैक्स अलग से लगता है ।
कुल देय टैक्स – ३०+१.२ = ३१.२ % (31.2%)
अब मैं आपको कुछ उदाहरणों (examples) से यह स्पष्ट (clear) कर देता हूँ ।
उदाहरण :-
१. केबीसी में कुमारी सीमा ने ₹ १०,०००/- की राशि जीती । कितना टैक्स कुमारी सीमा देगी ?
उत्तर – ₹ १०,००० x ३०% = ₹ ३,०००/-
(10,000 x 30% = 3,000)
२. आपने केबीसी से ₹ १,००,००,००० /- की राशि जीती । आप कितना टैक्स देंगे ?
उत्तर – ₹ १,००,००,००० x ३१.२% = ₹ ३१,२०,०००/-
(1,00,00,000 x 31.2% = 31,20,000)
३. कुमारी सीमा और आप कितनी राशि घर ले जा सकेंगे ?
उत्तर – कुमारी सीमा – ₹ १०,००० – ₹ ३,००० = ₹ ७,००० /- (7,000)
आप – ₹१,००,००,००० – ₹३१,२०,००० = ₹ ६८,८०,००० /- (68,80,000)
इनामी टैक्स से सम्बन्धित कुछ और रोचक तथ्य
क्या इनाम के ऊपर टैक्स बाद में देना होता है या पहले ?
यह टैक्स इनामी राशि लेने से पहले देना पड़ता है । टैक्स की भाषा में इसे आय स्रोत पर कर कटौती कहते है ।
उदाहरण :-
१. केबीसी से श्रीमान रमन ने रूपए जीते । क्या उन्हें राशि पहले दे दी जाये या पहले उनसे कर वसूली की जाये ?
उत्तर – १. श्रीमान रमन जी को पहले कर चुकाना होगा । उसके बाद वह यह इनाम घर ले जा सकते है ।
२. क्या श्रीमान रमन जी को यह टैक्स अपने से देना होगा ? क्या इनाम से टैक्स दिया जा सकता है ?
उत्तर – यह सच है रमन जी को टैक्स खुद ही देना होगा । पर उनको दी जाने वाली इनामी रकम में से टैक्स काटा जाएगा । फिर बची हुई राशि उन्हें दी जायेगी ।
३. अगर मैंने इनाम में कार या फ्लैट जीता, तब टैक्स का क्या हिसाब होगा ?
उत्तर – कार या फ्लैट के मूल्य पर ३१.२% (31.2%) टैक्स निकाल लीजिये । अब इनाम देने वाले आपसे यह राशि लेंगे । वे उसे आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) में जमा कराएँगे । अगर आप टैक्स नहीं देंगे तो कार या फ्लैट नहीं मिलेगा । उपरोक्त दिए गए उत्तर के आधार – आय-कर अधिनियम , १९६१ (1961)
KBC तो करोड़पति बना देता है पर सरकार लखपति बना के छोड़ती है । अगर कोई व्यक्ती इनाम की बाकी मिली रकम से PM relief Fund मे पैसे दे तब भी उसे TDS पर काटे गए tax का कोई benefit नहीं मिलता । ₹10000 तक इनाम की राशि पर TDS नही है, परन्तु टैक्स 30% ही है। Read Section 194B and 115BB।