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शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्‍स लगता है?

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शेयरों की खरीदारी-बिकवाली पर टैक्स को लेकर हमेशा से ही उलझन देखने को मिली है। शेयर पर टैक्स की उलझन को दूर करते हुए यह जानें कि एक दिन में शेयर की खरीद-बिक्री को इंट्रा-डे ट्रांजैक्शन कहते हैं। इंट्रा-डे ट्रांजैक्शन से हुई कमाई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन नहीं, बल्कि स्पेकुलेशन बिजनेस इनकम या बिजनेस लॉस होगी। स्पेकुलेशन लॉस को दूसरी इनकम से एडजस्ट नहीं कर सकते हैं। वहीं स्पेकुलेशन प्रॉफिट करदाता की इनकम में जोड़कर टैक्स लगता है। लेकिन इंट्रा-डे इनकम पर शॉर्ट टर्म गेन की तरह 15 फीसदी टैक्स नहीं लगता।

भारत में लिस्टेड शेयरों की खरीद-फरोख्त से होने वाली कमाई पर टैक्स की दरें काफी उदार हैं. जहां शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है, वहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर कोई टैक्स ही नहीं देना पड़ता. यही नहीं, शेयरों के मामले में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के नियमों का फायदा उठाने के लिए इन्हें अपने पास रखने की अवधि भी दूसरे एसेट के मुकाबले काफी कम है.अगर आपने शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड में साल भर से ज्यादा का निवेश किया है, तो आप लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के फायदे उठाने के हकदार हो जाते हैं, जबकि प्रॉपर्टी, गोल्ड या डेट म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के फायदे के लिए आपको कम से कम तीन साल तक अपना निवेश बनाए रखना होता है।

साफ है कि टैक्स बेनिफिट के मामले में इक्विटी को बाकी सभी एसेट क्लासेज के मुकाबले सरकारी प्राथमिकता नजर आती है. यही वजह है कि जब प्रधानमंत्री इक्विटी निवेशकों को देश के खजाने में ज्यादा योगदान करने का आह्वान करते हैं, तो हर निवेशक के मन में डर समा जाता है। आप अपने निवेश में लॉन्ग टर्म में बने रहना चाहते हैं तो मेरी तरह ICICI Direct सब्सक्राइब कर सकते हैं जहाँ मैंने टैक्स की पेचीदा राहों को समझने के साथ मार्केट विश्लेषण करने का कॉन्फिडेंस भी पाया।

इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देना होता है। इसलिए ये जानना भी बहुत जरूरी है कि कैपिटल गेन टैक्स को कैसे कम किया जा सकता है। आज हम आपको ऐसे 3 तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिससे आप कैपिटल गेन पर टैक्स बचा सकते हैं।

1. स्टॉक्स और इक्विटी फंड्स से प्रॉफिट बुक करें
स्टॉक्स और इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स पर 1 लाख रुपए से ज्यादा के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस पर अब टैक्स लगता है। अगर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है तो आपके लिए 1 लाख रुपए तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट का फायदा उठाने का यही मौका है। 31 मार्च से पहले इस हिसाब से प्रॉफिट बुक करें कि टैक्स छूट का लाभ मिल जाए।

इसके लिए आपको 31 मार्च से पहले उतने स्टॉक्स और इक्विटि फंड्स बेच देने चाहिए, जितने पर 1 लाख रुपए तक का लाभ मिल जाए। फिर इसी पैसे को अगले वित्त वर्ष में दोबारा इन्वेस्ट कर दें।

2. नुकसान सेट-ऑफ करें
जब हम शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो हमें नुकसान भी होता है। इन नुकसानों को उसी वित्तीय वर्ष के कैपिटल गेन से सेट-ऑफ कर दें यानी उस घाटे को मुनाफे के साथ समायोजित कर दें। शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के साथ ही एडजस्ट कर सकते हैं। कोई भी बचा हुआ घाटा अगले 8 सालों तक कैरी-फारवर्ड किया जा सकता है।

3. कैपिटल गेन छूट का दावा
आयकर अधिनियम करदाता को कैपिटल गेन पर छूट का दावा करने की अनुमति देता है। धारा 54ईसी के तहत करदाता भूमि या भवन जैसी अचल संपत्ति में निवेश से प्राप्त हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन बॉन्ड्स में 5 सालों का लॉक इन पीरियड होता है, और इन पर लगभग 5% की ब्याज दर मिलती है। इसलिए निवेशक को इस बात का मूल्यांकन कर लेना चाहिए कि ऐसे कम रिटर्न वाले लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट उनके लिए ठीक हैं या नहीं।

इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर टैक्स
शेयर बाजार में अगर आप एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसी दिन शाम तक बेच देते हैं तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहा जाता है। इस तरह से हुई कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। वहीं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है। यानी 2.5 लाख रुपये तक की कुल कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, उसके ऊपर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर आप शेयर बाजार में 1 साल से कम और 1 दिन से अधिक के लिए शेयर खरीदते हैं तो इससे हुए कमाई शॉर्ट टर्म कैपिल गेन कहलाती है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर आपको फ्लैट 15 फीसदी टैक्स देना होता है। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप कौन से टैक्स स्लैब में आते हैं।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर शेयर बाजार में आप 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं तो 1 साल बाद उसे बेचने से हुई कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहलाती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जबकि उससे अधिक की कमाई पर फ्लैट 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है।

Disclaimer :– khabarjunction.com पर Share Market ट्रेडिंग से सम्बंधित दिए हुए लेख केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गयी हैं। Share Market ट्रेडिंग काफी रिस्की है khabarjunction.com वेबसाइट किसी भी तरह से आपको लाभ / हानि होने का दावा नहीं करता है। ट्रेडिंग के लिए प्रोत्साहित नही करता हैं। इसलिए किसी भी Share में निवेश करने से पहले किसी  प्रोफेशनल से संपर्क करके ट्रेडिंग करें।

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