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किस्सा डर फिल्म का जिसमें सनी देओल अपने किरदार से छेड़-छाड़ पर गुस्से में जींस की जेब फाड़ दी

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यह किस्सा है साल 1991 का है, जब सनी देओल डर फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में जहाँ सनी देओल और जूही चावला लीड रोल में थे। वहीं, शाहरुख खान ने इसमें बतौर विलेन काम किया था। दरअसल यह वही दौर था जब शाहरुख बॉलीवुड में अपने पैर ज़माने के लिये हर तरह के रोल करने को तैयार रहते थे, जबकि सनी एक जाने-माने हीरो के तौर पर पहले से स्थापित थे। हालांकि फिल्म में जिस तरह से सनी देओल के कैरेक्टर को दिखाया गया था वो उससे काफी नाराज़ थे।

क्योंकि सनी का कहना था कि यश चोपड़ा ने उन्हें जैसी कहानी और उनका भूमिका बतायी थी वह उससे काफी अलग थो। टीवी शो आप की अदालत में भी सनी ने इसका ज़िक्र करते हुए बताया था कि वो इस फिल्म के क्लाइमैक्स से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थे। दरअसल इस फिल्म के क्लाइमैक्स में शाहरुख खान का किरदार, सनी देओल के किरदार की चाकू मार देता है।

सनी देओल ने बताया कि, “इस सीन को लेकर डायरेक्टर यश चोपड़ा के साथ मेरी बहस हो गई थी। मैं उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा था कि मेरा किरदार एक कमांडो ऑफिसर का है। वो एक एक्सपर्ट है और काफी फिट भी है। फिर ये लड़का मुझे कैसे आसानी से मार सकता है? वो मुझे तब मार सकता है जब मैं उसे देख ना पा रहा हूं लेकिन अगर आमने-सामने आकर भी वो मुझे चाकू मार दे रहा है तो मैं कमांडो कैसे हो सकता हूं।”

लेकिन यश चोपड़ा ने सनी की इन बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया। चूँकि यश चोपड़ा सनी देओल से काफी सीनियर थे इसलिए उन्होंने सीनियर का लिहाज करते हुए मजबूरन वह सीन कर लिया है और अपने ग़ुस्से को मुश्किल से काबू किया।

इस सीन के दौरान सनी इतने ज़्यादा गुस्से में थे कि उन्होंने अपने हाथों को पैंट की जेब में डाल लिया था लेकिन ख़ुद को क़ाबू में करने के लिये अपना सारा ग़ुस्सा अपने पैंट पर निकाल दिया और जेब में हाथ डाले डाले ही पैंट को फाड़ डाला। अपने गुस्से को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं उस समय इतने गुस्से में था कि अपने हाथों से मैंने अपनी ही पैंट फाड़ दी और इस बात का मुझे अहसास तक नहीं हुआ।’

बताया जाता है कि ये सब देखकर सेट पर मौजूद हर कोई हैरान रह गया। इतना ही नहीं सनी देओल का गुस्सा देख सभी चुपचाप वहां से गायब हो खये थे। हालांकि, थोड़ी देर के बाद जब सनी का ग़ुस्सा ठंडा हुआ तो उन्होंने खुद सेट का माहौल शांत किया और आगे का शूट पूरा किया।

सनी का कहना था कि उनको नहीं पता था कि शाहरुख को एक विलेन के तौर पर इस तरह से पेश किया जाएगा कि वह उनके हीरो वाले किरदार पर भारी पड़ जायेगा। बताया जाता है कि फिल्म रिलीज होने के बाद 16 साल तक दोनों एक्टर्स ने एक दूसरे से बात तक नहीं की थी हालांकि इस पर सनी का यही कहना था कि उन्होंने ये जानबूझकर दूरी नहीं बनायी थी बल्कि कभी मिलने का मौक़ा ही नहीं मिला।

कुछ अरसे पहले ही ‘बॉलीवुड हंगामा’ को दिए एक इंटरव्यू में सनी ने क्लीयर भी किया था कि वे ‘दामिनी’ फ़िल्म के सिलसिले में शाहरुख़ ख़ान के पास गए थे क्योंकि दामिनी के राइट्स इस वक़्त शाहरुख़ की कंपनी ‘रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट’ के पास हैं। सनी के मुताबिक इस मीटिंग में शाहरुख़ बेहद गरम जोशी के साथ सनी से मिले थे।

दरअसल सनी की असल नाराज़गी यश चोपड़ा से थी। साल 2001 में फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने डायरेक्टर यश चोपड़ा के साथ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि “वह अपनी बात के पक्के नहीं हैं। मैं अब उन पर भरोसा नही कर पाऊंगा।” हालांकि यह फिल्म ऑफर करते हुए यश चोपड़ा ने सनी को पहले ही यह छूट दी थी कि वह राहुल मेहरा और सुनील मल्होत्रा में से एक किरदार को चुन लें। चूँकि सनी की इमेज हीरो की ही थी तो उन्होंने फ़िल्म के हीरो सुनील मल्होत्रा के किरदार को चुन लिया।

उस इंटरव्यू में सनी ने बताया कि उन्होंने नहीं बताया गया था कि फिल्म में हीरो से ज्यादा विलेन को ज्यादा दमदार तरीके से दिखाया जाएगा और जब उन्हें पता चला कि फिल्म की एंडिंग कुछ इस तरह होने वाली है तो वह हैरान रह गए थे। उन्होंने कहा कि “मुझसे झूठ कहा गया था। यही वजह है कि मैंने कभी यशराज के साथ दोबारा काम नहीं किया

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