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सिर्फ एक टेक में कैसे बलराज साहनी ने शूट किया सुपरहिट गाना ‘तू प्यार का सागर है’

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जल्दबाजी में फिल्माया गया था सुपरहिट गाना ‘तू प्यार का सागर है’, एक ही कुर्सी पर लगातार बैठे रहे थे बलराज साहनी..

फिल्म सीमा 1950 के दशक की सबसे सुपरहिट फिल्मों में शामिल है। 1955 में रिलीज हुई इस मूवी में नूतन और बलराज साहनी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। सीमा का एक गाना तू प्यार का सागर है मन्ना डे की आवाज में लोगों ने बेहद पसंद किया था। इस पूरे गाने को लगातार एक कुर्सी पर बैठकर सिर्फ एक टेक में कैसे बलराज साहनी ने शूट किया पढ़ें दिलचस्प किस्सा….

हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री नूतन ने एक से बढ़कर एक फिल्में अपने दर्शकों को दी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1950 में फिल्म ‘बेटी’ से की थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने नगिना, हम लोग, परबत और शबाब जैसी फिल्मों में काम किया।

साल 1955 में नूतन ने एक फिल्म में काम किया था, जिसका टाइटल था ‘सीमा’। इस फिल्म में नूतन के अपोजिट बलराज साहनी ने अहम भूमिका निभाई थी। इस फिल्म का निर्देशन अमिय चक्रवर्ती ने किया था, जिन्होंने उस दौर में शहंशाह और कठपुतली जैसी फिल्में दी थी।

फिल्म ‘सीमा’ के गाने ‘तू प्यार का सागर है’ से जुडा एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं, जो आपने इससे पहले शायद ही सुना होगा। ये गाना कैसे शूट हुआ, कितने दिनों में हुआ और बलराज साहनी ने कैसे एक कुर्सी पर बैठे-बैठे पूरे गाने की शूटिंग कर डाली, चलिए जानते हैं पूरी कहानी।

आज के दौर में जहां एक गाने को शूट करने के लिए मेकर्स कई-अलग लोकेशंस की तलाश में विदेशों तक पहुंच जाते हैं, तो वहीं ‘सीमा’ में एक पूरा गाना एक कुर्सी पर बैठकर ही एक्टर बलराज साहनी ने शूट कर दिया था। मन्ना डे द्वारा गाए गाने की शूटिंग बलराज साहनी ने सिर्फ 1 दिन में की थी।

दरअसल बलराज साहनी को किसी काम के सिलसिले में जल्द से जल्द एयरपोर्ट पहुंचना था, लेकिन डायरेक्टर अमिय चक्रवर्ती ने उनके सामने ये शर्त रख दी थी कि ‘तू प्यार का सागर है’ गाना उसी दिन शूट होना है। निर्देशक की बात के आगे जब अभिनेता बलराज साहनी का बस नहीं चला, तो उन्होंने इस गाने को जल्द से जल्द जैसे-तैसे शूट किया।

अगर आप इस गाने का गौर से देखेंगे तो आपको ये एहसास होगा कि कैसे इस गाने में केवल तीन शॉट्स ही लगाए गए हैं।
‘तू प्यार का सागर है’ गाने को मन्ना डे ने अपनी खूबसूरत आवाज दी, तो वहीं इस गाने के लिरिक्स शैलेन्द्र ने लिखे। इसके अलावा इस गाने का म्यूजिक शंकर और जयकिशन ने दिया था।

बलराज साहनी ने इस फिल्म में अशोक ‘बाबुजी’ का किरदार निभाया था, तो वहीं नूतन में ‘गौरी’ का किरदार अदा किया था। गौरी वह बच्ची होती है, जिसके माता-पिता बचपन में ही गुजर जाते हैं और उसके बाद उसे मजबूरन अपने अंकल के साथ रहना पड़ता है और ऐसे ही गौरी की जिंदगी की कहानी आगे बढ़ती है। नूतन को फिल्म ‘सीमा’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के खिताब से भी नवाजा गया।

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