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जिस प्रकार संसार में किन्ही दो व्यक्तियों के हाथ की रेखाएं एक सी नहीं होती, उसी प्रकार किन्ही दो व्यक्तियों के हस्तक्षर भी एक – से नहीं हो सकते i कोई अक्षर पर सीधी लाइन खींचता है तो कोई बिना लाइन के ही अक्षर खींचता चला जाता है l किसी के अक्षरों पर टूटती हुई लाइन बढ़ती चली जाती है तो किसी के अक्षरोपर लहरिये दार पंक्ति बनती चली जाती है l
व्यक्ति के हस्तक्षर उसके अन्तब्राह् का संजीव प्रतिविम्ब है, कागज पर अंकित उसका व्यक्तित्व है, जो चिरस्थाई है, अमिट है और अपने आप में उसके जीवन का सम्पूर्ण इतिवृत समेटे हुए है।
हस्तलेख का महत्व तो गुज़रे ज़माने के प्रेमियों से बेहतर कोई नहीं जान सकता । हर साल सफ़ाई के वार्षिक उत्सव के दोरान पूर्व प्रेमी (जो अब पतिदेव है ) के पत्र हाथ लगते है तो मन हर बार 30 साल पहले लोट जाता है ।
गुलाबी लिफ़ाफ़ों मैं लिपटे , काग़ज़ों मैं , मोतियों से सुंदर अक्षर , हर अक्षर क़रीने से जमाया हुवा , मानो छपा हुवा , लिखे हुवे से ज़्यादा तो मैं अक्षरों पे फ़िदा हो जाती थी ।
हालाँकि ईमेल और चैटिंग के इस दौर मैं हस्तलेख लगभग ख़त्म ही हो गया है , माध्यमिक कक्षाओं तक ग्रह कार्य ज़रूर अभी भी हाथ से लिख कर ही किया जाता है ।
लेकिन हस्त लेख व्यक्तिव का आइना होता है , सुंदर लिखावट देख कर सबसे पहला प्रश्न यही होता है , किस ने लिखा है ?
ज्योतिष कार्य मैं कई बार हस्त लेख की मदद से भी व्यक्ति के बारे मैं कई चीज़ें जानने की कोशिश की जाती है ।
एक पेराग्राफ लिखने को दिया जाता है , फिर उसकी लिखावट का अध्यन करने पर ये निष्कर्ष निकलता है की जो अगर लिखावट सुंदर हो, एक लाइन मैं हो , बराबर आकार के अक्षर हो , ऐसे व्यक्ति perfectionist होते है , समय के पाबंद व अनुशासन प्रिय होते है ।
अगर लिखावट बेतरतिब हो , कुछ अक्षर बड़े कुछ छोटे हो , ऐसे व्यक्ति सामान्य तौर पर अव्यवस्थित व लापरवाह क़िस्म के होते है ।
कई लिखावट ऐसी होती है , जिसमैं शुरू की कुछ पंक्तिया सुंदर व जमी हुई होती है , धीरे धीरे बिगड़ कर , अंत मैं ना पढ़ने जैसी हो जाती है , ऐसे व्यक्ति अस्थिर मनोव्रत्ती के होते है , विचारों मैं जल्दी बदलाव होता है , ऐसे लोगों की निर्णय क्षमता अच्छी नहीं होती है ।
कुछ लिखावटे भारी होती है जो काग़ज़ के पीछे भी उभर आती है , ऐसे लोगों की मानसिकता दवाब बनाने की होती है , अधिकांश उच्च पदाधिकारियों की लिखावट या हस्ताक्षर ऐसे ही होते है ।
कुछ बेहद हल्के हाथ से लिखते है , ऐसे लोगों का रवेया भी बड़ा सामान्य होता है , जल्दी आवेशित नहीं होते है , समझोता करने वाले आसानी से सामंजस्य बिठा लेते है ।
कुछ लोग लिखते समय फूल पत्ती या अपनी लिखावट को अलंक्रत करते है , वो लोग नरम दिल के कला प्रेमी होते है ।
कई हस्ताक्षर नीचे से ऊपर की और करते है , ऐसे लोग मेहनत मैं यक़ीन करते है और सामान्य रूप से सामान्य प्रस्ठभूमि से आ कर भी बहुत ऊँचाइया प्राप्त करते है ।
कई हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की और करते है , ऐसे लोगों की मानसिकता नकारात्मक होती है । इसलिए handwriting को brain writing भी कहा जाता है ।
आइए जानते हैं हस्ताक्षर विज्ञान के संबंध में कुछ ज्ञानवर्धक एवं रोचक बातें:
जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर की तरफ जाते हैं वह बहुत ही उत्साहित एवं महत्वाकांक्षी व्यक्ति होते हैं।
जिन लोगों के हस्ताक्षर सीधी लाइन में जाते हैं ऐसे व्यक्ति सुनियोजित रूप से अपने कार्यों को संपादित करते हैं और उनकी समस्त कार्यों में स्पष्टता होती है।
जिन व्यक्तियों के हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा होता है वह व्यक्ति बहुत ही अलग अंदाज में अपने कार्य को संपादित करते हैं और कहा जाता है कि ऐसे लोग एक विशेष प्रकार की विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षरों को धीरे-धीरे और छोटे बनाने वाले जो व्यक्ति होते हैं ऐसे लोग सामान्य रूप से अपने मुकाम तक धीरे-धीरे ही सही लेकिन पहुंचते जरूर हैं।
ऐसे लोग जो अपने हस्ताक्षर के नीचे दो रेखाएं खींचते हैं ऐसा कहा जाता है कि ऐसे लोगों में असुरक्षा की भावना होती है, किसी भी कार्य की सफलता में संशय बना रहता है साथ ऐसे लोग कंजूस कह जाते हैं।
आपके प्रश्न के अनुसार जो लोग अपने हस्ताक्षर करके उसे काट देते हैं ऐसे लोग स्वयं पर विश्वास नहीं करते। ऐसे लोग स्वयं के बारे में अच्छी धारणा भी नहीं रखते में नेगेटिविटी भरी होती है और उनके जीवन में सदा उथलपुथल मची रहती है।
अनुभवों के आधार पर
मेने ये जाना है कि हम हस्तलेख के आधार पर किसी व्यक्ति के बारे मै बहुत जानकारी ज्ञात कर सकते हैं.
- खराब लेख……..कम शिक्षित
- मात्राः मै गलती .. शिक्षित लेकिन दूसरी भाषा मै जानकार
- खराब लेखन शेली. शिक्षित लेकिन जल्दी जल्दी लिखने के कारण खराबी
- शुद्ध व सुंदर लेखन. अति शिक्षित
- शुद्ध व गन्दा लेखन. विद्वान.