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आज सचिन हूँ तो अंजलि की वजह से

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किसी गीतकार का कथन है कि अगर आपको अपने जीवन में एक समझदार पत्नी मिल गयी तो आप इस संसार के सबसे खुशकिस्मत और समृद्ध व्यक्ति हैं।

सचिन के जीवन में अंजलि मेहता वही थीं, सचिन पूरा करियर खेलते रहे, सचिन पर आने वाली तमाम जिम्मेदारियों को भी अंजलि ने झेल लिया। इसके लिए अंजली ने न केवल अपना निजी करियर दांव पर लगाया बल्कि सचिन को उनका करियर बनाने में पूरी मदद की।

सचिन तो इतने शर्मीले थे कि अपने विवाह की बात भी अपने माता पिता से नही कर सके, यह काम भी अंजलि ने ही किया।

लेकिन सचिन इतने भ्रातप्रेमी थे कि उन्होंने एक बात सबसे पहले कही कि आपको मेरे परिवार में आने से पहले अजीत भाई की सहमति बहुत जरूरी है.. बिना उनकी सहमति के आपका आना सम्भव नही, सचिन ने सबसे पहले अपने बड़े भाई अजित से मिलवाया। अजित ने हाँ की तब अंजलि से उनकी बात आगे बढ़ी..

सचिन कहते हैं कि उन्होंने कभी किसी लड़की को डेट नही किया। क्योंकि जीवन में क्रिकेट इतना पहले आ गया कि जवानी उसी क्रिकेट में खपी.. और अंजलि भी सही वक्त पर आ गयी थीं।

सचिन की डेटिंग भी इस तरह चली कि बाहरी दुनिया को कुछ पता नही चला, बहुत दिनों तक उनके घर वालों को भी नही पता था.. छः छः महीने बाद फोन पर बात होती थी, ऐसा भी नही था कि वो सचिन के ग्लैमर के पीछे पागल थीं, अंजलि को क्रिकेट पसन्द भी नही था, और वो उस वक्त सचिन की हैसियत से हजारो गुना ज्यादा ऊपर थीं.. उनके पिता ब्रिज के नैशनल चैंपियन रह चुके थे।

लेकिन उनको आने वाले वक्त की आहट तो थी ही.. एक सोलह सत्रह साल का लड़का जिसके बारे में अखबारों में खबरें नाच रहीं थी, जिसके बारे में लोग बात करना शुरू कर दिए थे..

जब उनकी भाभी को शक हुआ तो सचिन ने एक बार अंजलि को घर बुलाया था लेकिन वो रिपोर्टर बनकर आईं थीं। कुछ दिन बाद सचिन ने अपने बड़े भाई को अंजलि के बारे में बताया।

सचिन ने पांच साल डेट करके 21वें जन्मदिन के दिन अंजलि से इंगेजमेंट कर ली। और बाद में वही उनकी अर्धांगिनी बनी।

सचिन कहते हैं कि मुझे क्या पता कि परिवारिक जिमीदरियाँ क्या होती हैं.. माता पिता के पीछे लगना क्या होता है, उनकी सेवा क्या होता है.. सारा और अर्जुन की पालन पोषण कैसे हुआ?

सचिन कहते हैं एक बार मुझे याद आया कि अर्जुन अब मेरी लंबाई के बराबर हो गया था।

मैं अपने जीवन में इतना कुछ अचीव कर पाया उसके पीछे अंजलि थीं, आज सचिन हूँ तो अंजलि की वजह से हूँ..
मुझको क्या पता पब्लिक लाइफ क्या होती है, बीच पर बैठकर नारियल पानी पीना क्या होता है, और पत्नी के साथ गोलगप्पे खाना क्या होता है, इन सबका त्याग अंजलि ने मेरे लिया किया था।

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