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कलाकारों में तनातनी के चलते यह फिल्म कम्प्लीट होने में 9 साल लग गये

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ज़माना। 22 फरवरी साल 1985 में आई रमेश तलवार द्वारा निर्देशित एंव सलीम-जावेद द्वारा लिखित एक फिल्म। इस फिल्म के आज 39 साल पूरे हो गए। फिल्म में मुख्य कलाकार हैं राजेश खन्ना, ऋषि कपूर, कुलभूषण खरबंदा, पूनम ढिल्लन, रंजीता, ओम पुरी, गिरीश कर्नाड, यूनुस परवेज़, मैकमोहन, अवतार गिल व सत्येन कप्पू। फिल्म का संगीत दिया था उषा खन्ना जी ने और फिल्म में कुल छह गीत थे जिन्हें किशोर कुमार, आशा भोंसले, शैलेंद्र सिंह, हरीहरन, मोहम्मद अज़ीज़ और सैय्यद आमिर ने अपनी आवाज़ दी है। फिल्म के सिनेमैटोग्राफर हैं नदीम खान, जो नामी लेखक राही मासूम रज़ा साहब के पुत्र हैं।

ये फिल्म काफी देर से कंप्लीट हो पाई थी। इसे पूरा होकर रिलीज़ होने में 09 साल का वक्त लग गया था। डायरेक्टर रमेश तलवार ने इस फिल्म की शूटिंग साल 1977 में आई अपनी फिल्म दूसरा आदमी के बाद ही स्टार्ट कर दी थी। लेकिन किसी ना किसी वजह से इस फिल्म की शूटिंग बार-बार रुक जाती थी। फिल्म के क्लाइमैक्स को डायरेक्टर साहब मॉरिशस में फिल्माना चाहते थे।

लेकिन बेहिसाब देरी होने की वजह से अंत में इस फिल्म का क्लाइमैक्स भारत में ही फिल्माना पड़ा। फिल्म की शूटिंग के दौरान इसकी एक्ट्रेसेज़ पूनम ढिल्लन और रंजीता कौर के बीच भी काफी तनातनी रहती थी। पूनम ने किसी इंटरव्यू में रंजीता को बी-ग्रेड एक्ट्रसे कह दिया था। रंजीता ने इसके जवाब में कहा था कि काला पत्थर और त्रिशूल में पूनम ढिल्लन का कैरेक्टर एक्स्ट्रा कलाकार जैसा था। इसलिए पूनम तो उन्हें बी-ग्रेड एक्ट्रेस कहना ही नहीं चाहिए।

राजेश खन्ना और कुलभूषण खरबंदा के बीच भी कुछ टसल चल रही थी इस फिल्म की शूटिंग के दौरान। राजेश खन्ना को कुलभूषण खरबंदा पसंद नहीं आ रहे थे। उन्होंने काफी कोशिशें की थी कि कुलभूषण खरबंदा को फिल्म से निकलवा दिया जाए। लेकिन उनकी ये कोशिशें कामयाब ना हो सकी।

एक दिन तो कुलभूषण खरबंदा के साथ एक सीन शूट करने से बचने के लिए राजेश खन्ना जी ने अपने पैर में चोट लगने का झूठा बहाना बनाकर सेट पर आने से मना कर दिया। इस कारण कुलभूषण खरबंदा सेट से चले गए। राजेश खन्ना को जब अपने सोर्सेज के ज़रिए कुलभूषण खरबंदा के जाने की बात पता चली तो वो फौरन सेट पर एक दूसरा सीन शूट करने आ गए। सब हैरान थे कि राजेश खन्ना की चोट इतनी जल्दी ठीक कैसे हो गई। काका ने बहाना मार दिया की छोटी सी ही चोट थी।

इस फिल्म में ऋषि कपूर जी एक हेलाल्ड कार चलाते हुए नज़र आते हैं। फिल्म की सफलता के बाद प्रोड्यूसर ने ये कार सलीम खान जी को गिफ्ट कर दी थी। बाद में जब सलमान खान मनोरंजन जगत में सक्रिय हुए तो सलीम खान ने वो कार सलमान खान को गिफ्ट कर दी थी। और इस तरह ज़माना फिल्म में ऋषि कपूर जी द्वारा चलाई गई वो हेराल्ड कार सलमान खान की पहली कार बनी।

जब ये फिल्म बन रही थी तब मीडिया के कुछ लोग ये अफवाह उड़ा रहे थे कि ऋषि कपूर और राजेश खन्ना के बीच में सेट पर टेंशन रहती है। क्योंकि एक वक्त था जब ऋषि कपूर डिंपल कपाड़िया को चाहते थे। लेकिन डिंपल ने काका राजेश खन्ना से शादी कर ली थी।

इसलिए दोनों के बीच थोड़ी तनातनी हो रही थी। और जब ये बातें बहुत ज़्यादा होने लगी तो ऋषि कपूर ने सफाई देते हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि शुरुआत में वो राजेश खन्ना जी के साथ थोड़ा अनकम्फर्टेबल ज़रूर हो रहे थे। लेकिन बाद में सब ठीक हो गया था। नाराज़गी या तनातनी जैसी कोई बात इन दोनों के बीच में नहीं थी।

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