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सेकुलर जगत अडानी से क्यों करता है इतनी नफरत ?

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इसका कारण बहुत जोरदार है

भारत में उद्योगपतियों की एक संस्था है जिसका नाम है कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई। गुजरात दंगों के 2 साल के बाद जब देश में कांग्रेस सत्ता में थी तब दिल्ली में इस सीआईआई की बैठक हुई।

कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री ने जब अपना संविधान बनाया था तब उस संविधान में स्पष्ट लिखा है कि यह संस्था सिर्फ भारत के उद्योग जगत के लिए काम करेगी इस संस्था के मंच पर कोई भी राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होगी जो भारत के उद्योग जगत से अलग हो और जब से यह संस्था बनी तब से इस संस्था के मंच पर सिर्फ भारत के उद्योग जगत के समस्याएं चुनौतियां इत्यादि के बारे में चर्चा ही होती थी … यह संस्था भारत के उद्योग जगत के फायदे के लिए अपनी एक मांग बनाकर सरकार के सामने रखती थी।

फिर एक अमित मित्रा नामक व्यक्ति इस संस्था का चेयरमैन बना जो आज ममता बनर्जी की सरकार में बंगाल का वित्त मंत्री है उसके बाद जो भी संस्था की बैठक दिल्ली में हुई तब ऐसा लगा कि जैसे यह संस्था भारत के उद्योग जगत के लिए ना होकर भारत के सेकुलर और किसी राजनीतिक पार्टी का मंच है।

उस बैठक में हिंदुओं पर खूब जहर उगले गए गुजरात दंगों पर खूब चर्चा हुई…. सबसे पहले तत्कालीन चेयरमैन अमित मित्रा ने गुजरात पर जहर उगला मोदी पर जहर मिला पूरे गुजराती समाज पर जहर उगला…. फिर थर्मैक्स की चेयरमैन अनु आगा ने जहर उगला उसके बाद राहुल बजाज ने जहर उगला ..

इस मीटिंग में से 12 लोग उठ कर चले गए उसमें कैडिला के चेयरमैन निरमा के चेयरमैन और गौतम अडानी, रिलायंस के प्रतिनिधि रिलायंस के ग्रुप प्रेसिडेंट परिमल नाथवानी, टाटा समूह के प्रतिनिधि सहित गुजरात के कई उद्योगपति थे।

सीआईआई की इस विवादास्पद बैठक के बाद 2 घटनाएं हुई

पहली घटना यह हुई मनमोहन सिंह सरकार ने यानी कांग्रेस ने सोनिया गांधी के इशारे पर तुरंत ही राहुल बजाज और अनु आगा को राज्यसभा में भेज दिया यानी उन्हें भौकने का इनाम दे दिया गया अमित मित्रा बाद में अपनी उद्योगपति की केचुली उतारकर ममता बनर्जी की पार्टी के नेता बन गए और पिछले 8 सालों से बंगाल के वित्त मंत्री बने हैं।

और दूसरी दो प्रमुख घटना हुई कि गुजरात के तमाम उद्योगपति अहमदाबाद वापस लौट कर एक बड़ी बैठक की और अपना खुद का एक संस्था बना लिया जिसका नाम है सीआईआई गुजरात।

टाटा समूह भी सीआईआई गुजरात से जुड़ गया अंबानी समूह में सीआईआई गुजरात से जुड़ गया उसके बाद सीआईआई को बहुत बड़ा झटका लगा और सीआईआई गुजरात को बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अडानी ने निभाई अदानी ने सीआईआई गुजरात की बैठक में कहा था कि जब हमारी सीआईआई संस्था के संविधान में लिखा है कि हम किसी भी राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करेंगे तब सीआईआई को एक राजनीतिक मंच क्यों बनाया गया इसलिए अब हमें गुजरात के उद्योगपतियों को अपना खुद का संगठन बनाना चाहिए क्योंकि सीआईआई ने गुजरात को बदनाम किया है. …भारत में पहले भी भीषण दंगे हुए हैं लेकिन कभी भी सीआईआई ने अपने मंच पर उस प्रदेश को या उस प्रदेश के मुख्यमंत्री को या उस पूरे प्रदेश के लोगों को बदनाम नहीं किया है।

उसके बाद सीआईआई संस्था को भी एक स्टेटमेंट जारी करने पर मजबूर होना पड़ा कि हमारे मंच से कुछ उद्योगपतियों द्वारा जो कहा गया है हम उसे सहमत नहीं है।

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