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बचपन में कहानियां कभी दादीजी बच्चों को सुनाया करती थीं वहीं जब जाने-माने लेखक रस्किन बॉन्ड अपनी मजेदार और रोचक कहानियों तथा उपन्यासों के माध्यम से बच्चों का मनोरंजन करने लगे तो लोगों ने उन्हें कहानियां सुनाने और रचने वाले दादाजी के रूप में देखने लगे.
रस्किन बॉन्ड का जीवन
अंग्रेजी भाषा के, बेहतरीन लेखक रस्किन बॉन्ड (Ruskin Bond) का जन्म 19 मई, 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था. उनके पिता रॉयल एयर फोर्स में थे. जब वह चार साल के थे तब उनके माता-पिता में तलाक हो गया था जिसके बाद उनकी मां ने एक हिन्दू से शादी कर ली थी. बॉन्ड का बचपन जामनगर, शिमला में बीता. सन 1944 में पिता की अचानक मृत्यु के बाद बॉन्ड देहरादून में अपनी दादी के साथ रहने लगे. उस समय उनकी उम्र तकरीबन दस साल होगी.
रस्किन बॉन्ड की शिक्षा (Ruskin Bond Career)
रस्किन बॉन्ड (Ruskin Bond) ने अपनी पढ़ाई शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पूरी की. इसके बाद वे लंदन चले गये. बचपन से ही लिखने का शौक होने की वजह से बॉन्ड कॉलेज तक आते-आते एक मंझे हुए लेखक बन गए. तब उन्होंने कई अवार्ड भी जीते थे. उन्होंने 17 साल की उम्र में पहला उपन्यास रूम ऑन द रूफ (Room On The Roof) लिखी. इसके लिये उन्हें 1957 में जॉन लिवेलिन् राइस पुरस्कार (John Llewellyn Rhys prize) से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार 30 साल से कम उम्र के कॉमनवेल्थ नागरिक को इंग्लैंड में प्रकाशित अंग्रेजी लेखन के लिये दिया जाता है.
रस्किन बॉन्ड की कहानी (Ruskin Bond Stories)
रवीन्द्रनाथ टैगोर, रुडयार्ड किपलिंग और चार्ल्स डिकेन्स को बेहद पसंद करने वाले रस्किन बॉन्ड (Ruskin Bond) ने अब तक 500 से ज्यादा कहानियां, उपन्यास, संस्मरण और कविताएं लिखी हैं जिनमें से अधिकतर बच्चों के लिए हैं और जो आज भी काफे पढ़े जाते हैं.
रस्किन बॉन्ड और बॉलीवुड (Ruskin बांड्स Bollywood connection)
बॉलीवुड में रस्किन बॉन्ड (Ruskin Bond) की कई कहानियों पर फिल्में बन चुकी हैं जिसमें शशि कपूर की फिल्म जुनून (1978) शामिल है. यह फिल्म बॉन्ड की मशहूर किताब ‘अ फ्लाइट ऑफ पिजन्स’ पर आधारित है. निर्देशक विशाल भारद्वाज रस्किन की कहानी ‘ब्लू अंब्रेला’ पर फिल्म बना चुके हैं जिसे कई पुरस्कार भी मिले थे. हाल में फिल्म विशाल भारद्वाज ने उनकी कहानी सुसन्तस Seven Husbands पर सात खून माफ की नाम की फिल्म बनाई, जिसमें अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने काम किया है.
रस्किन बॉन्ड (Ruskin Bond) को 1992 में अंग्रेजी लेखन के लिये उनकी लघु कहानियों के संकलन पर साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है. 1999 में बाल साहित्य में योगदान के लिए वे पद्म श्री से सम्मानित किए जा चुके हैं. शौकिया तौर पर लेखन करने वाले रस्किन बॉन्ड लंदन में रहने के बावजूद भारत को भूल नहीं पाए. इस समय वह मसूरी के पास लैंडोर में रह रहे हैं.