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लालू के जंगल राज का वह दौर जिसे याद करके लोग सिहर उठते हैं

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सन 2000 के बाद नीतीश कुमार ने सिर्फ एक ही अच्छा काम किया है और वह है लालू यादव के पार्टी के गुंडो बलात्कारीयो दंगाइयों पर नकेल कसना। नीतीश के मुख्यमंत्री रहते लालू के गुंडे अपनी मनमर्जी नहीं कर सके। लालू यादव का वो दौर याद है, अखबारों में भी बिहार की खबरें छपती थी और खबरें पढ़कर इतना आश्चर्य होता था कि क्या इस देश में सुप्रीम कोर्ट है? हाई कोर्ट है? सेना है पुलिस है? या पूरा का पूरा जंगल राज ही है?

शिल्पी जैन हत्याकांड आप लोग गूगल पर सर्च करिये… शिल्पी जैन के कपड़ों पर मिले सीमेन के डीएनए को बदल दिया गया और बलात्कारी कौन था उसे बिल्डिंग के कई लोगों ने देखा था… कई लोगों ने नाम बताया कि बलात्कारी लालू यादव का साला साधू यादव था, जिसपर एक फिल्म भी बनी थी, नाम था गंगाजल।

लालू यादव के पार्टी के मंत्रियों विधायकों और गुंडो को बिहार की जो लड़की पसंद आ जाती थी उसे उठा लिया जाता था। या तो वह लड़की चुप रहे या फिर शिल्पी जैन की तरह मार दिया जाए और फिर बचने के लिए किसी को उसका बॉयफ्रेंड बनाकर उसे भी मार दिया जाए और यह कहानी बना दिया जाए की दोनों ने सुसाइड किया।

एक आईएएस अधिकारी बंगाल के रहने वाले थे, नाम था बीबी विश्वास। उनकी पत्नी का नाम था चंपा विश्वास, जो बेहद खूबसूरत थी। एक दिन वह अपने सरकारी निवास से जा रही थी। इस परिसर में राजद की एक महिला विधायक का भी घर था। एक दिन उनका बेटा मृत्युंजय यादव ने चंपा विश्वास को दिखा फिर वह उनका पीछा करते उनके घर गया और रिवाल्वर की नोक पर उनका बलात्कार किया और रिवॉल्वर दिखाकर धमकी दिया कि जहां चाहे वहां चली जाओ कोई केस दर्ज नहीं करेगा।

अगले दिन फिर मृत्युंजय यादव अपने दो साथियों के साथ आया और इस बार तो हद हो गई ना सिर्फ चंपा विश्वास का बलात्कार किया गया बल्कि इस अधिकारी की बुजुर्ग मां और उनकी नौकरानी के साथ भी बलात्कार किया गया। आईएएस अधिकारी थाने में शिकायत लेकर गए। थाना अध्यक्ष ने हाथ जोड़ दिया कि सर जी मुझे मरना है क्या, मैं केस नहीं लिख पाऊंगा। वह SP और डीजीपी के पास गए सबने हाथ जोड़ लिया, सर जी हमें चुपचाप नौकरी करने दीजिए।वह लालू के पास गए लालू ने बेशर्मी से कहा अरे क्या हो गया जो बलात्कार हो गया यह तो छोटी मोटी घटना है।

2 साल तक यही सिलसिला चलता रहा तीन बार चम्पा विश्वास का एबॉर्शन करवाना पड़ा। फिर जब उत्तर प्रदेश की मीडिया में यह खबर छपी तो बिहार के राज्यपाल ने जब मामले को इसका संज्ञान लिया। लेकिन तब तक आईएएस अधिकारी VRS लेकर बंगाल चले गए थे और उन्होंने और उनकी पत्नी ने कोई गवाही देने या बिहार जाकर केस लड़ने से मना कर दिया।

उन्होंने कोर्ट में कहा कि मुझे बार बार बिहार बुलाया जाएगा तो मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? फिर लालू यादव की पहली बेटी मीसा भारती की शादी थी। पूरे बिहार के बड़े शहरों में जितने भी मारुति सुजुकी टाटा मोटर्स के शोरूम थे उनका ताला तोड़कर शोरूम में खड़ी और उनके गोदाम में खड़ी नई गाड़ियों को उठा लिया गया।

यहां तक कि रतन टाटा कैमरे पर आकर बोले कि अब वह बिहार में अपना पूरा ऑपरेशन बंद कर रहे हैं और टाटा ग्रुप में बिहार में अपने सारे डीलर्स को उनका डिपाजिट वापस करके उनका शोरूम सरेंडर करवा दिया। लालू की पार्टी के लोग कार लेकर प्लेटफार्म पर आते थे और जिस प्लेटफार्म पर वह रुकते थे स्टेशन मास्टर को रिवाल्वर दिखाकर कह दिया जाता था की राजधानी एक्सप्रेस इसी प्लेटफार्म से जाएगी।

सोचिए सीबीआई के असिस्टेंट डायरेक्टर थे यूएन विश्वास। उन्हें जब लालू यादव को चारा घोटाले में गिरफ्तार करना था तब उन्होंने पटना हाई कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि उन्हें लालू को गिरफ्तार करने के लिए भारतीय सेना की मदद चाहिए क्योंकि लालू के गुंडे दो बार सीबीआई अधिकारियों पर गोलीबारी कर चुके हैं।

लालू यादव की पार्टी का एक सांसद था मोहम्मद शहाबुद्दीन जो कोविड में एड़ियां रगड़ रगड़कर मरा उसने डेढ़ सौ से ज्यादा हिंदुओं का कत्ल किया है। कई कत्ल में सुप्रीम कोर्ट तक में उसे सजा हुई लेकिन मरते दम तक लाल यादव ने उसे कभी पार्टी से निकला नहीं।

उसने एक मकान और दुकान कब्जा करने के लिए मां बाप के सामने उनके दो बेटों को तेजाब के ड्रम में डालकर दुनिया की सबसे दर्दनाक मौत दिया था। खैर ईश्वर ने भी उसे ऐसी मौत दिया उसका अंतिम वीडियो आप लोगों ने देखा ही होगा जब वह अस्पताल में एरिया रगड़ रगड़ कर चिल्ला रहा था वेंटिलेटर नहीं था, वह तड़प रहा था और 1 घंटे तक तड़पते तड़पते वह मरा।

और लग रहा था कि वह उस वक्त उन दोनों भाइयों की आत्मा को देख रहा होगा जिन्हें उसने तेजाब में डूबा कर मारा था। कभी कलेक्टर को पीट पीट कर मार दिया जाता था, तो कभी पूरे परिवार को कर में बंद करके आग लगा दी जाती थी फिर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को मार दिया जाता था।

लालू यादव की पार्टी का एक गुंडा और बलात्कारी था नाम था तस्लीमुद्दीन। उसने चार नाबालिक लड़कियों का बलात्कार किया था और लालू ने उसे एचडी देवगौड़ा की सरकार में गृह मंत्री बनवा दिया। वह तो भारत के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें दुख है कि एक बलात्कारी को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। तब जाकर उसे मंत्रिमंडल से हटाया गया।

जंगल राज और गुंडागर्दी का वह दौर ऐसा चला कि यह जंगल राज शब्द सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने दिया था जब वह बिहार के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे और तब से लालू यादव के शासन को जंगल राज का कर लोग याद करके सिहर उठते हैं।

बिहार में मतिअंध यादव आज भी लालू को वोट देता है क्योंकि उसे वह समय वापस चाहिए जिसमें पूरे राज्य में उसकी गुंडागर्दी चलती थी। वर्तमान पीढ़ी न जानती हो लेकिन हम गवाह हैं, लालू के जंगलराज का पता होते हुए भी बिहार के लोग उसकी पार्टी को वोट करते हैं तो इसमें किसका दोष? ….लोगों को समझना होगा कि वो कोई मसीहा नहीं है बल्कि घोटालेबाज है जिसने ये सब करके केवल अपना व रिश्तेदारों का घर भरा है ! इन लोगों की परिवार-रिश्तेदारों सहित संपत्ति जब्त होनी चाहिए! अगर रास्ते खराब हो तो किस को मरने के शौक है, कुछ भी हो जाए, पुलिस नहीं आएगा। गुण्डा लोग जो कहे वही पर वोट डालो ।

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