छोड़कर सामग्री पर जाएँ

शोले फिल्म के रहीम चाचा यानी AK हंगल साहब

इस ख़बर को शेयर करें:

साल 1975 की फिल्म शोले शायद ही कोई हो जिसने ना देखी हो उस फिल्म की जवानी आज भी कायम है.. लेकिन इस फिल्म में एक शक्स था जिसने उस फिप्म में रहीम चाचा का किरदार निभाया था वही अपने AK Hangal साहब..शोले फ़िल्म की मेन कास्ट के इलावा इस फिल्म का छोटे से छोटा किरदार चर्चा में रहा तथा हिंदी फिल्मों का एक अमर किरदार बन गया.. और उनमें से कई एक्टर ऐसे थे जिन्होंने इतनी पॉपुलैरिटी की कल्पना भी नहीं की थी.. उनमें से एक ऐक्टर थे Ak हंगल साहब यानी रहीम चाचा…।

उनके इलावा कालिया का किरदार वीजू खोटे, और सांभा के किरदार में मैक मोहन ने बहुत ख्याती प्राप्त की.. और जगदीप साहब और असरानी साहब को हम कैसे भूल सकते हैं.. भले ही इन किरदारों की स्क्रीन स्पेस छोटी थी लेकिन इन किरदारों के एक एक डायलॉग ने पूरी फिल्म में अपनी मौजूदगी कायम रखी..AK हंगल साहब का एक डायलॉग ” इतना सन्नाटा क्यों है भाई” ये तो आज भी कही न कही इस्तेमाल होते नजर आ हो जाता है..।

लेकिन इतनी पॉपुलैरिटी के बावजूद AK हंगल साहब को दिन मुफलिसी में काटने पड़े.. अगर बात करू उनकी शोले फ़िल्म में उनकी फीस के बारे में.. तो आपको बखूबी एहसास हो जायेगा और आप शॉक में आ जायेंगे.. कि शोले फिल्म के इस कलाकार को इतने रुपए मिले थे..।

लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित एक खबर के अनुसार शोले फिल्म के लिए AK हंगल साहब को महज़ 8 हज़ार रुपए बतौर फीस दिए गए थे…जो के सांभा यानी मैक मोहन से भी कम फीस थी.. आपको ये भी बता देता हूं के मैक मोहन को सांभा के किरदार के लिए 12000 रुपए बतौर फीस दिए गए थे।

1975 की फ़िल्म शोले आज एक कल्ट मूवी बन गई है। फ़िल्म के सुपरहिट होने के बाद कलाकारों को नई पहचान तो मिली ही.. लेकिन क्या जानते हैं कि सबसे ज़्यादा फीस किस एक्टर को मिली थी?

अमिताभ बच्चन ने जय का किरदार निभाया था और उन्हें एक लाख रुपए मिले थे। संजीव कुमार ने ठाकुर का किरदार किया था और उन्हें अमिताभ से ज़्यादा 1.25 लाख रुपए मिले थे। फ़िल्म में जय-वीरू की जोड़ी में वीरू का किरदार धर्मेंद्र ने निभाया था और उन्हें सबसे ज़्यादा फीस मिली थी, जो 1.50 लाख रुपए थी।

हेमा मालिनी को बसंती के किरदार के लिए 75 हज़ार रुपए मिले थे,जबकि जया बच्चन को 35 हज़ार रुपए मिले थे। अमजद खान ने गब्बर सिंह का किरदार निभाया था और उन्हें 50 हज़ार रुपए मिले थे। कालिया का किरदार निभाने वाले विजु खोटे को 10 हज़ार और इमाम साहब का किरदार करने वाले ए. के. हंगल को 8 हज़ार रुपए मिले थे।

Ak हंगल फिल्मों में आने से पहले एक ज़माने में एक फ्रीडम फाइटर भी रहे थे.. और उनका जन्म 1 फरवरी, 1914 को सियालकोट (ब्रिटिश इंडिया पंजाब) में हुआ था.. और साल 1929 से लेकर 1947 तक AK हंगल बतौर फ्रीडम फाइटर जाने जाते थे..और इन्ही दिनों के दौरान वो साल 1936 से 1965 तक वो थिएटर और फिल्मों से जुड़े और एक्टिंग में ख्याती हासिल की और अपनी एक अभिनेता के तौर पर पहचान बनाई.. और साल 1965 में उन्होंने फिल्मों में शुरुआत 5करी और 2005 तक वो फिल्मों में कार्यरत रहे सरगर्म रहे…।

हलके हंगल साहब ने बाद में छोटे परदे का भी रुख किया और 1980 से लेकर 2012 तक वो टेलीविजन इंडस्ट्री में सक्रिय रहे लेकिन 26 अगस्त 2012 को वो 98 साल की उमर में उनका मुंबई में निधन हो गया..आज भी हंगल साहब को बड़े आदर और सम्मान के साथ याद किया जाता है… ।

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़