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पेशे से यांत्रिक इंजीनियर अनिमेष कुमार सिन्हा [ भारतीय रेल यांत्रिक और विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान (IRIM&EE) में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी(SCRA)] बताते है। केवल बस और ट्रक ही नहीं जितने बड़े इंजन होते हैं सब डीजल ही होते हैं – यथा , रेल इंजन – जो कि 6000 hp तक के हो सकते हैं , या समुद्री जहाज जिसके इंजन 1 लाख हॉर्स पॉवर ( 100000 hp ) से ज्यादा शक्ति के हो सकते हैं वो भी डीजल इंजन ही होते हैं ,
जो ट्रक इसे खींच रहा है उसी से इसकी ऊँचाई का अनुमान लगा लीजेये .
इसके कारण क्या हैं ?
मुख्य कारण हैं
दक्षता ( efficiency ) : डीजल इंजन , पेट्रोल इंजन की तुलना में 50% ज्यादा दक्ष होता है , यानि यदि 40 hp का पेट्रोल इंजन 8 लीटर तेल में 40 मिनट चालता है तो उतने ही तेल में 40 hp का डीजल इंजन 60 मिनट चलेगा . इससे तेल अर्थात मुद्रा की जबरदस्त बचत होती है
ज्यादा शक्ति : डीजल इंजन में हवा को 25- 30 गुणा तक दबाया जाता है , पेट्रोल लेंजन में 10–12 गुणा तक ही . इसका कारण है कि डीजल इंजन में केवल हवा को दबाया जाता है , जबकि पेट्रोल इंजन में पेट्रोल और हवा के mixture को दबाते हैं – इस mixture को एक सीमा से ज्यादा दबाएँ तो उए आप से आप अनियंत्रित तरीके से जलने लगता है – जिसे knocking कहते हैं और बहुत लोगों ने अपने मोटर साइकिल , स्कूटी में सुना होगा – पट … पट ..पट… की आवाज़ . इसे कम करने के लिए lead based कंपाउंड डालते हैं जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है . इसी कारण जहाँ डीजल इंजन 1 लाख hp तक प्रयोग होता है , पेट्रोल इंजन सामान्यतया 1 हज़ार hp तक ही प्रयोग होता है .
उच्च शक्ति पर कम इंजन आरपीएम rpm – डीजल इंजन जहाँ 100 से 2000 rpm पर काम करता है पेट्रोल इंजन 10,000 आरपीएम rpm तक काम करता है . ***जैसे रेल का डीजल इंजन 400 से 1000 आरपीएम पर काम करता है वहीँ कावासाकी निन्जा पेट्रोल से चलने वाली मोटर साइकिल 10,000 आरपीएम rpm पर [3]
आरपीएम rpm का अर्थ होता है एक मिनट में इंजन ( का शाफ़्ट ) कितनी बार घूमता है . rotation per minute . तो जो इंजन जितनी धीमे घूमेगा उसमें घिसाव , टूट फूट उतना ही कम होगा . जैसे आप दौड़ के आते हैं तो तुरंत थक जाते हैं लेकिन आराम से चल के आयें तो बिलकुल नहीं . सो डीजल इंजन में घिसाव आदि काफी कम होता है . रेल का एक डीजल इंजन 36 साल तक चलता है .
ज्यादा टार्क : चूँकि डीजल इंजन कम आरपीएम पर चलते हैं , इसलिए इनका टार्क ज्यादा होता है जो भा री गाड़ी के लिए उपयुक्त होता है – जैसे ट्रक , बस , रेल इंजन इत्यादि
जिन्होंने स्कूल या कॉलेज में आंतरिक दहन इंजन ( Internal Combustion Engine ) पढ़ा होगा वे नीचे के चित्र से आसानी से समझ सकते हैं – OTTO साइकिल पेट्रोल इंजन में होता है .
V1 – शुरूआती वॉल्यूम है , V2 अंतिम volume है . V1/V2 – कम्प्रेशन रेश्यो है . डीजल इंजन में देख सकते हैं V1/V2 ज्यादा है . इसीलिए इंजन की शक्ति W out , डीजल इंजन में otto या पेट्रोल इंजन से काफी ज्यादा है .