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पुराने दौर की फिल्म ‘श्री 420’ के सभी गाने बेहद हिट रहे थे. फिल्म के फेमस गाने ‘मुड़ मुड़ के ना देख’ बनने के पीछे की कहानी काफी रोचक है. जानिए इस खास गाने के बनने की कहानी….
गाने किसी भी फिल्म में काफी अहम होते हैं. गानों का हिट होना फिल्म की सफलता को और बढ़ा देता है. यही कारण है कि संगीत पर हर फिल्ममेकर विशेष ध्यान देता है. बॉलीवुड में कई संगीतज्ञ ऐसे हुए हैं, जिन्होंने अपनी धुनों और बोल से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है.
संगीतकारों के लिए गानों को गढ़ना आसान नहीं है, इसके लिए वे दिन रात एक कर देते हैं. वे चलते-फिरते, सोते-जागते बस नई रचना की तैयारी में ही लगे रहते हैं. साल 1955 में आई राजकपूर की फिल्म ‘श्री 420’को दर्शकों का प्यार मिला था और इसके गाने भी हिट रहे थे. फिल्म के गाने ‘मुड़-मुड़ के ना देख’ के बनने के पीछे एक खास कहानी है।
राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘श्री 420’ में उनके साथ नरगिस और नादिरा अहम रोल में थी. फिल्म उस साल की सुपरहिट और हाइएस्ट ग्रोसिंग फिल्म बनी थी. फिल्म की कहानी के साथ ही इसके गानों ने भी लोगों के दिलों में जगह बना ली थी. फिल्म का हर गाना खास था और आज भी वे हिट हैं. ‘श्री 420’ का संगीत शंकर-जयकिशन ने दिया था. फिल्म के गाने ‘मुड़-मुड़ के ना देख’ को आशा भोसले और मन्ना डे ने आवाज दी थी।
सफर के दौरान यूं बना गाना
नादिरा, राजकपूर और नरगिस पर फिल्माए इस गाने के बनने के पीछे की कहानी काफी रोचक है. राजकपूर एक दफा गीतकार शैलेन्द्र और संगीतकार शंकर जयकिशन के साथ लोनावला जा रहे थे. इस दौरान जयकिशन को एक खूबसूरत हसीना रास्ते में दिखाई दीं.
उस हसीना से प्रभावित जयकिशन बार बार गाड़ी से मुड़ मुड़कर उसे देखने की कोशिश कर रहे थे. उसी पल साथ बैठे शैलेन्द्र ने चिढ़ाते हुए कहा, ‘मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के’. बस, फिर क्या था यह पंक्तियां सभी को जम गईं और फिर इसे शैलेन्द्र ने गीत में बदल दिया. राजकपूर ने खास तौर पर इस गाने को ‘श्री 420’ में शामिल किया।
फिल्म के सभी गाने उस समय काफी हिट हुए थे. इनमें ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’, ‘मेरा जूता है जापानी’, ‘दिल का हाल सुने दिलवाला’, ‘इचक दाना बीचक दाना’ आदि शामिल हैं।