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एक वक्त के नामी फिल्ममेकर मनमोहन देसाई की कहानी

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तस्वीर में बच्चन साहब मनमोहन देसाई जी के साथ बैठे हैं। आज मनमोहन देसाई जी का जन्मदिवस है। 26 फरवरी 1937 को मनमोहन देसाई जी का जन्म बॉम्बे में हुआ था। इनके पिता कीकूभाई देसाई एक वक्त के नामी फिल्ममेकर थे। और बाकायदा एक फिल्म स्टूडियो के मालिक हुआ करते थे। उनके फिल्म स्टूडियो का नाम था पैरामाउंट स्टूडियो। और वो अधिकतर स्टंट फिल्में ही बनाया करते थे।

लेकिन एक वक्त वो आया जब उनके ऊपर बहुत कर्ज़ हो गया। बढ़ते कर्ज़ के दबाव में वो बहुत ज़्यादा टेंशन में रहने लगे। फिर एक दिन अचानक आए दिल के दौरे से उनकी मृत्यु हो गई। उस वक्त मनममोहन देसाई की उम्र मात्र 4 बरस थी। इनकी मां ने बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को संभाला। उन्होंने अपनी सारी प्रॉपर्टी बेच दी।

तब कीकूभाई देसाई का पैरामाउंट स्टूडियो खरीदा था सशधर मुखर्जी ने। सशधर मुखर्जी ने उस जगह अपनी खुद की फिल्म कंपनी फिल्मालय की स्थापना की। ये वही सशधर मुखर्जी हैं जो रिश्ते में काजोल के सगे दादा जी थे। और महान अशोक कुमार और किशोर कुमार जी के जीजा थे।

सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद मनमोहन देसाई की मां इन्हें और इनके बड़े भाई सुभाष देसाई को साथ लेकर मुंबई के खेतवाड़ी इलाके में मौजूद इनके पिता के एक छोटे से ऑफिस में आकर रहने लगी। बड़े भाई सुभाष देसाई फिल्मों से जुड़ गए। और अपनी मेहनत के दम पर वो खुद भी फिल्म प्रोड्यूसर बन गए। मनमोहन देसाई जब बड़े और समझदार हुए तो बड़े भाई सुभाष देसाई ने इन्हें कुछ स्टंट फिल्मों में बतौैर असिस्टेंट डायरेक्टर लगवा दिया।

वहां रहकर मनमोहन देसाई ने कई साल तक बड़ी मेहनत से काम किया और फिल्म निर्माण की कला सीखी। फिर जब इनके भाई को यकीन हो गया कि अब मनमोहन फिल्म बना सकते हैं तो उन्होंने इनसे पूछा कि तुम कैसी फिल्म बनाना चाहते हो? फिल्म में हीरो किसे लोगे? हिरोइन कौन होगी? मनमोहन देसाई ने भाई से बताया कि मेरी फिल्म में हीरो होंगे राज कपूर और हिरोइन होंगी नूतन।

सुभाष देसाई ने ये बात राज कपूर साहब को बताई कि मेरा छोटा भाई मनमोहन देसाई फिल्म बनाना चाहता है और आपको हीरो व नूतन जी को हिरोइन लेना चाहता है। राज पूर को यकीन ही नहीं हुआ। उन्हें लगा कि 20-21 साल का लड़का भला कहां उनके और नूतन जी के साथ कोई फिल्म बना सकता है। तब सुभाष देसाई ने राज कपूर से कहा,”राज साहब। आप भी तो लगभग इतने ही बड़े थे जब आपने अपनी पहली फिल्म आग बनाई थी।”

राज कपूर को ये बात सही लगी। उन्होंने मनमोहन देसाई की फिल्म छलिया में काम करने की हामी भर दी। लेकिन ये शर्त भी रख दी कि पहले डम डम डिगा डिगा गीत शूट किया जाएगा। और अगर मनमोहन ने ये गीत सही से शूट कर लिया तो वो फिल्म में आगे काम करेंगे। अगर गाना ढंग से शूट नहीं हुआ तो राज कपूर फिल्म छोड़ देंगे। शूटिंग का दिन आया और मनमोहन देसाई ने वो गाना शूट करने में जान लगा दी। राज कपूर को भी गाना बहुत पसंद आया। और जब फिल्म रिलीज़ हुई तो यही गाना इस फिल्म का सबसे हिट गाना भी बन गया।

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