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उस दौर मे फिल्म इंडस्ट्री की सबसे डिमांडिंग एक्ट्रेस थी दिव्या भारती

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दिव्या नौंवी क्लास में थी जब पहली दफा उन्हें गोविंदा के भाई और प्रोड्यूसर कीर्ति कुमार ने ‘राधा का संगम’ नाम की फिल्म के लिए अप्रोच किया था। चूंकि दिव्या को पढ़ाई लिखाई में कोई दिलचस्पी कभी नहीं थी तो राधा का संगम फिल्म के लिए उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया और डांस व एक्टिंग सीखने पर मेहनत करने लगी। दिव्या शुरू से ही जॉली नेचर की थी। उन्हें अपने दोस्तों के साथ घूमना-फिरना, लॉन्ग ड्राइव्स पर जाना बहुत पसंद था। दिव्या की ये आदत कीर्ति कुमार को पसंद नहीं आ रही थी।

दरअसल, एक दफा दिव्या अपने दोस्तों के साथ घूमने गई थी। इसी दौरान कीर्ति कुमार ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की। उन्हें दिव्या से कोई ज़रूरी बात करनी थी। मगर जब दिव्या से उनकी बात नहीं हो सकी तो वो गुस्सा हो गए। कीर्ति नहीं चाहते थे कि किसी को पता चले कि दिव्या उनकी फिल्म में काम करने जा रही हैं। दिव्या जब कीर्ति से मिली तो दोनों के बीच काफी बहस हुई। और कुछ दिनों बाद दिव्या को पता चला कि उन्हें ‘राधा का संगम’ फिल्म से हटा दिया गया है।

कुछ ही दिन बाद बोनी कपूर दिव्या से मिले। वो अपनी फिल्म प्रेम के लिए किसी नए चेहरे की तलाश में थे। बोनी कपूर दिव्या को कास्ट करना चाहते थे। दिव्या भी ‘प्रेम’ में काम करने की तैयारी शुरू कर चुकी थी। लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि उनकी जगह तबू को साइन कर लिया गया है।

इसी तरह सुभाष घई भी सौदागर फिल्म में दिव्या को साइन करने उनसे मिलने आए थे। लेकिन वो रोल भी मनीषा कोईराला के पास चला गया। इस तरह रिजेक्शन्स की उस हैट्रिक ने दिव्या को अपसेट कर दिया। वो दुखी रहने लगी। दिव्या को दुखी देख उनकी मां मीता भारती उन्हें कश्मीर घुमाने ले गई।

लेकिन कश्मीर की उस ट्रिप से दिव्या को बीच में ही कैंसल करके मुंबई वापस लौटना पड़ा। दरअसल, साउथ के नामी प्रोड्यूसर डी रामा नायडू दिव्या से मिलने आए थे। वो दिव्या को एक कहानी सुनाना चाहते थे। दिव्या वापस आकर उनसे मिली और उन्होंने पूरी कहानी सुनी। फिर डी रामा नायडू ने दिव्या की मां से पूछा कि क्या आप लोग आज ही मेरे साथ हैदराबाद चल सकते हैं? दिव्या फौरन राज़ी भी हो गई।

वो फिल्म जिसमें दिव्या को कास्ट करने के लिए डी रामा नायडू आए थे उसका नाम था बोब्बिली राजा। तेलुगू भाषा की ये फिल्म साल 1990 में रिलीज़ हुई थी और सुपरहिट रही थी। वैसे, दिव्या की पहली रिलीज़्ड फिल्म थी नीला पिन्नाई(उच्चारण गलत हो सकता है) जो 1990 में ही आई थी। वो एक तमिल फिल्म थी।

दिव्या साउथ की फिल्में खत्म करके मुंबई लौटी ही थी कि उन्हें पता चला राजीव राय भी उन्हें अपनी फिल्म विश्वात्मा में कास्ट करना चाहते हैं। दिव्या राजीव से मिली और कहानी सुनने के बाद उन्होंने मात्र पांच सौ रुपए साइनिंग अमाउंट लेकर विश्वात्मा साइन कर ली। विश्वात्मा सुपरहिट रही। दिव्या पर फिल्माया गया गीत ‘सात समंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गई’ बहुत बड़ा हिट साबित हुआ।

देखते ही देखते दिव्या फिल्म इंडस्ट्री की सबसे डिमांडिंग एक्ट्रेस बन गई। लगभग इसी वक्त पर आयशा झुल्का और पूजा भट्ट ने भी अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। लेकिन दिव्या उन दोनों से कहीं आगे थी। दिव्या की मां मीता भारती जी ने उपरोक्त सभी बातें एक इंटरव्यू में बताई थी।

उसी इंटरव्यू में मीता भारती जी ने ये भी बताया था कि स्टार एक्ट्रेस बनने के बाद भी दिव्या का बचपना नहीं गया था। एक दफा साजिद नाडियाडवाला ने मुंबई के चाइना गार्डन में दिव्या की बर्थ डे पार्टी रखी। पार्टी के बाद दिव्या कार के बोनट पर चढ़कर नाचने लगी। साजिद ने दिव्या से उतरने को कहा। उन्होंने दिव्या से कहा कि लोग क्या सोचेंगे। लेकिन गोविंदा, जो उस पार्टी में शामिल हुए थे उन्होंने साजिद से कहा कि लाइफ को ऐसे ही एंजॉय किया जाता है। करने दो उसे एंजॉय।

मीता भारती जी ने इंटरव्यू में ये भी बताया था कि तमाम खूबियां होने के बावजूद दिव्या में एक खामी भी थी। गुस्सा आने पर वो खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश करती थी। मृत्यु से कुछ महीने पहले दिव्या अमेरिका गई थी। वहां वो किसी बात को लेकर अपसेट हो गई। और गुस्से में दिव्या ने सिगरेट से अपने हाथों को जला लिया। इसी तरह ‘राधा का संगम’ फिल्म के दौरान (जिससे दिव्या को हटा दिया गया था) भी दिव्या किसी बात को लेकर इतनी डिस्टर्ब हुई थी कि उन्होंने अपने हाथ काट लिए थे।

आज दिव्या भारती की पुण्यतिथि है। साल 1993 में आज ही के दिन दिव्या भारती की दर्दनाक मौत हो गई थी। दिव्या को इस दुनिया से गए 31 साल हो गए। ज़िंदा होती तो दिव्या अब तक पचास साल की हो चुकी होती। 

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