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इंट्रा डे ट्रेडिंग के निवेश में शेयरों अथवा इक्विटी की खरीद या बिक्री एक ही दिन करना होता है। जैसे ही आपको पता चला की किसी कंपनी के शेयर के वैल्यू आज बढ़ने वाले है तो आपने उसे सुबह कम भाव में खरीद लिया और शाम को वापस शेयर के बढ़े हुये भाव में बेच दिया। इसमें रिस्क है, यह जुआ खेलने के जैसा ही है, क्योंकि यदि आपने किसी ऐसी कंपनी के शेयर को खरीद लिया जिसके बारे में आपको पता चला की आज इस कंपनी के शेयर के भाव बढ़ेंगे लेकिन शाम होते-होते-किसी कारण से उस कंपनी के शेयर के भाव और कम हो जाये तो आपको काफी नुकसान होगा। इस तरह के निवेश में शेयर को एक ही दिन में खरीदना और फिर बेच देना अनिवार्य है।
वैसे मै कभी भी किसी को इंट्राडे की सलाह नहीं देता क्योंकि अगर आप वास्तव में शेयर मार्किट से पैसा कामना चाहते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर बनना चाहिए किन्तु इंट्राडे में भी पैसा बनाया जा सकता है उसके लिए आपको टेक्निकल चार्ट सीखना पड़ेगा ये थोड़ा मुश्किल है किन्तु नामुमकिन नहीं।
आप शेयर बाजार मे इंट्राडे ट्रेडिंग ना करें इसकी जगह आप स्विंग ट्रेडिंग करें यह बहुत ही लाभकारी है बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसमें आप छोटी छोटी क्वांटिटी में शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इंट्रा डे ट्रेडिंग बिना कुछ टेक्निकल एनालिसिस और सेंटीमेंट और मार्किट के ट्रेंड के साथ ट्रेड करना चाहिए।
मे कई लोगो को बिना कुछ करे ट्रेड करते देखता हूँ और उनको लोस्स हो जाता है। अगर आपको लाभ के लिए ट्रेड करना है तोह अप्पको मार्किट के ट्रेंड को समझना होगा। कुछ गोल्डन रूल आपको मार्किट के बारे में बता देता हूँ | बिना इन नियमो का आपको मार्केट पर ट्रेड नहीं करना चाहिए |
1}सबसे पहले आपको मार्केट की कुछ तैयारी करनी चाहिए | आपको पता होना चाहिए की मार्किट ओपन होने से पहले आपको ये नहीं पता होगा की भारतीय स्टॉक मार्किट सिंगापुर पर भी ट्रेड किये जाता है और वो मार्केट हमारे मार्किट से पहले खुल जाता है। इसलिए अगर मार्केट को ये देखना है की आज ट्रेड कहा पर जायगा तोह आप उस से ट्रेड निकाल सकते है | मान लो अगर SGX निफ़्टी पर वह ऊपर की और जाता है। तोह हो सकता है हमारा मार्केट भी जब ओपन होगा तोह वो ऊपर जायगा। ये सब आपको एक बहुत सपोर्ट करता है।
2}जिसकी आपको पता है की मार्केट पर कोई भी सेंटीमेंट एक जैसा नहीं चलता है। आपको हमेसा मार्किट के ट्रैंड के साथ चलना चाहिए। मार्केट के ट्रैंड के अपोजिट साइड पर कभी भी ट्रेड नहीं करना चाहिए।
3}आपको एक बात पता होना चाहिए की एक स्टॉक को खरीद कर आपको उस को मार्केट के एक दिन में बेचना भी है। इसलिए स्टॉक का चुनाव करना बहुत कठिन होता है। पर उसके लिया आपको थोड़ी रिसर्च करना चाहिए की स्टॉक पर डेली बेसिस पर कितना शेयर की डिलीवरी ली गयी है। अगर डिलवेरी पर्सेंटेज जायदा होता है तोह शेयर का भाव ऊपर जायगा और अगर शेयर की डिलीवरी कम होगी तोह मार्किट मैं शेयर का भाव डाउन जायगा।
4}अगर आप मार्केट में नए है तोह आपको पहले इक्विटी मार्केट पर ही ट्रेड करना चाहिए , ऑप्शन और फ्यूचर पर सीधे इन्वेस्ट कर ट्रेड नहीं करना चाहिए उस पर जोखिम बहुत जायदा होता है और अगर आपको ऑप्शन पर और फ्यूचर पर ट्रेड करना है तोह आपको पहले मार्केट पर कुछ समय ट्रेड करनी होगी इक्विटी पर ट्रेड करके आप थोड़ा प्रॉफिट बना ले उसके बाद आपको सिख कर डेरीवेटिव पर ट्रेड करना चाहिए।
5}स्टॉक पर आप को ये पता होना चाहिए की अभी कोनसा सेक्टर बढ़िया चल रहे है। जैसे अभी फार्मा और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी शेयर बढ़िया है और अगर आप इन स्टॉक पर ट्रेड करे तोह इंट्रा डे मैं भी आपको इन सेक्टर पर बढ़िया लाभ मिल सकता है।
6}आपको ट्रेड का समय भी देख कर ट्रेड कर लेना चाहिए जैसा मैक्सिमम ट्रेड पर प्रॉफिट या बढ़िया समय मॉर्निंग नो से दस के बीच का समय सबसे बढ़िया रहता है। उस पर ट्रेड बदलता नहीं है।
7}सबसे खास बात आपको निफ़्टी-५० के शेयर पर ही ट्रेड करे | जायदा से जायदा आप मिड कैप स्टॉक पर भी ट्रेड कर सकते है। कुछ शेयर जो पहले बहुत बढ़िया थे अब नहीं चल रहे उन पर ट्रेड कर इंट्रा डे पर लिक्विड स्टॉक पर ट्रेड करे जो मूवमेंट तोह करे पर बहुत जायदा अप साइड या डाउन साइड दोनों और मूवमेंट न करे।
8)अगर आप इंट्रा डे ट्रेड कर रहे है तोह आप को हमेसा स्टॉप लोस्स को फॉलो करना चाहिए बिना स्टॉप लोस्स ट्रेड नहीं करना चाहिए |
ऊपर आप ट्रेड स्क्रीन शार्ट देख पा रहे है | ऊपर दिए गए नियमो का पालन कर के देखो ये प्रॉफिट हुआ आप और भी प्रॉफिट कर सकते है। तीन ट्रेड आज लिए थे रेलियन्स और मुथूट फाइनेंस ,वहरेलपूल पर शेयर ख़रीदे गए थे। अगर आप इन सब को फॉलो करते है तोह आपको इंट्रा डे ट्रेड करना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए या नहीं
इंट्राडे ट्रेडिंग पर थोड़ी देर बाद चर्चा करते हैं। पहले यदि प्रश्न हो कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्यों नहीं करना चाहिये तो आप क्या कहेंगे ?
1)रिस्की होता है: तो क्या बाजार में उपलब्ध दूसरे सेगमेंट या ट्रेडिंग विकल्प में रिस्क नहीं होता है ? यदि दूसरे विकल्प(अल्पावधि,दीर्घकालिक निवेश) में भी रिस्क है तो इंट्राडे करने में क्या बुराई है।
2)यदि दूसरे विकल्प में रिस्क नहीं है तो इसके प्रमाण तलाश कर देखिये। 100 में से 90 डिलीवरी करने वाले कि पोजीशन भी आपको रेड में दिख जाएगा ।
3)डिलीवरी में इंट्राडे से कम रिस्क होता है: ऐसा हम किस प्रमाण से कह सकते हैं।
सरल शब्द में देखें तो रिस्क किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग में है। फिर चाहे वह इंट्राडे हो, स्विंग या फिर दीर्घकालिक निवेश। और जब रिस्क सभी मे है तो एक को करने में अच्छाई और दूसरे को करने में बुराई क्यो ?
क्या दीर्घकालिक स्टॉक विश्लेषण आसान है ?
कतई नहीं। एक साधारण सा सोचने वाली बात है कि यदि किसी स्टॉक के आज को देखकर हम कल के लिए सही प्रेडिक्ट नहीं कर सकते हैं तो उसी स्टॉक को आज देखकर अगले एक साल के लिए प्रेडिक्ट करना कहाँ आसान है। साधारण शब्द में कहें तो यदि स्किल, अनुभव और धैर्य है तो ट्रेडिंग कोई भी करें ..सब चलेगा। यदि नहीं तो दोनों में ही नुकसान में बाहर होंगे।
इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क
रिस्क यह शब्द हमारी पूरी लाइफ काम आता हैं अगर आप शेयर बाजार में लंबे समय के लिये इन्वेस्टमेंट भी करते हो तो उसमें भी रिस्क हैं किंतु इसमे रिस्क आराम वाली हैं परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क दिल को बेचैन करने वाली होती हैं किन्तु जब इसमें आप रिस्क ले रहे तो रिवार्ड भी हैं पर रिस्क इतना ही लेना है कि दिल धड़कने को मजबूर ना हो जाये अगर आप एक़वेटी मे इंट्राडे करते हैं तो इसमें रिस्क है किंतु रिवार्ड्स भी बहुत अच्छा है सुकून भरा हैं आराम से आप अपने इन्वेस्टमेंट का 0.75% से लेकर 1.5% तक आराम से निकाल सकते हो किन्तु यह कला आने में इसमें महारत हाशील करने में आपको जिंदगी के कुछ साल देना होगा।
Disclaimer :– khabarjunction.com पर Share Market ट्रेडिंग से सम्बंधित दिए हुए लेख केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गयी हैं। Share Market ट्रेडिंग काफी रिस्की है khabarjunction.com वेबसाइट किसी भी तरह से आपको लाभ / हानि होने का दावा नहीं करता है। ट्रेडिंग के लिए प्रोत्साहित नही करता हैं। इसलिए किसी भी Share में निवेश करने से पहले किसी प्रोफेशनल से संपर्क करके ट्रेडिंग करें।