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आई.एस. जौहर…एक ऐसा कलाकार जो एक्टर भी था, राइटर भी, फिल्में प्रोड्यूस कीं और डायरेक्ट भी कीं। कुछ लोगों ने उनकी फिल्मों को बी-ग्रेड माना, सरकारी योजनाओं का मजाक बनाने पर फिल्में बैन भी हुईं, मगर जौहर एंटरटेनमेंट का कम्प्लीट पैकेज थे। ये रिश्ते में प्रोड्यूसर यश जौहर के बड़े भाई थे, यानी करण जौहर के चाचा ।
आई.एस. जौहर जितने अलबेले कलाकार थे, उतनी ही अतरंगी उनकी जिंदगी थी। उनका एक जुड़वां भाई भी था, जिसने उनकी ही गर्लफ्रेंड से शादी कर ली। जब उसने कोई क्राइम किया तो जेल में इनको डाल दिया गया। जौहर का अपनी पत्नी से तलाक लंबे समय तक चर्चा का मुद्दा रहा, क्योंकि ये उस समय आजाद भारत के पहले रजिस्टर्ड तलाकों में से एक था। इन्होंने 5 शादियां कीं, 5 तलाक लिए।
आई.एस. जौहर लिखने में माहिर थे। उन्होंने फिल्म ‘एक थी लड़की’ लिखी थी। ये स्क्रिप्ट 40 के दशक के रूप के. शौरी को खूब पसंद आई और उन्होंने इस टाइटल के साथ फिल्म बनाई। ये बतौर लेखक इनकी पहली फिल्म थी। साथ ही इन्होंने फिल्म में एक हास्य कलाकार का रोल भी प्ले किया था, ऐसे में ये इनकी बतौर एक्टर भी पहली फिल्म रही।
अभिनय के साथ-साथ आई.एस. जौहर ने 12 फिल्मों का निर्देशन भी किया और करीब 4 फिल्में प्रोड्यूस कीं। इनमें बेवकूफ (1960), जौहर महमूद इन गोवा (1965), 5 राइफल्स (1974), नसबंदी (1978) शामिल हैं। 1954 में आई.एस.जौहर ने नास्तिक फिल्म लिखी और इसे डायरेक्ट भी किया।
ये फिल्म एक ऐसे शख्स की कहानी थी जो जिंदगी के दुखों से परेशान होकर नास्तिक बन जाता है। ये कहानी उन्होंने बंटवारे के मंजर को देखकर अपने अनुभवों पर लिखी थी। ये फिल्म बड़ी हिट हुई थी। इस फिल्म में यश चोपड़ा उनके असिस्टेंट डायरेक्टर थे, जो बॉलीवुड के नामी फिल्ममेकर बने।
1942 में आई.एस. जौहर ने लाहौर में रहते हुए रामा बाइंस से शादी की थी, जिससे उन्हें दो बच्चे थे। कुछ सालों बाद 1949 में आई.एस. जौहर ने पत्नी से तलाक ले लिया। ये उस दौर की बात है जब तलाक एक कुप्रथा मानी जाती थी।
इनका तलाक आजादी के बाद शुरुआती रजिस्टर्ड तलाकों में से एक था। इन्होंने 5 शादियां कीं और 5 बार तलाक लिया। इन्हें ही फिल्म इंडस्ट्री में तलाक का ट्रेंड लाने का क्रेडिट दिया जाता है। इन्होंने एक्ट्रेस सोनिया साहनी से भी शादी की थी, जिन्होंने इन्हीं की फिल्म जौहर महमूद इन गोवा से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था।
पहली पत्नी के अलावा किसी से भी इनके कोई बच्चे नहीं हुए। 1965 में आई.एस. जौहर ने अपने नाम पर फिल्म जौहर महमूद इन गोवा डायरेक्ट की और इसमें पैसे भी लगाए। फिल्म हिट होते ही ये इतने उत्साहित हो गए कि इन्होंने लगातार अपने ही नाम पर फिल्में बनाना शुरू कर दिया। वहीं इन्होंने 7 फिल्मों में अपना नाम जौहर ही रखा।