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शुरुआत मैंने भी टिप्स ले कर ही की थी। 2014 जब जॉब स्टार्ट किया था तो मैं बहुत उत्साहित था कब मेरी सैलरी आएगी और मैं शेयर बाजार में निवेश करूँ। मैं रोज़ बिज़नेस न्यूज़ चैनल देखता था, ब्लोग्स पढ़ता था, और penny स्टॉक्स से कैसे बहुत पैसे कमाए, बहुत तेज़ी से शेयर बाजार में कैसे कमाए, इत्यादि के बारे में पढ़ता था।
वैसे मैं अपने सेकण्ड ईयर से ही शेयर बाजार और निवेश से संबंधित ब्लोग्स, बुक्स और न्यूज़ पढ़ता था। इससे मेरा सामान्य ज्ञान अच्छा था। अतिउत्साही और ओवर कॉन्फिडेंस में मैंने अपना पहला निवेश Ashok Leyland में किया। उस समय ₹40 का भाव चल रहा था जो कि मुझे रिकमेन्डेशन मेरे ब्रोकर से मिला था। मैं उसी बोकिंग कंपनी में जॉब भी करता था।
कुछ दिनों बाद मैंने उसे ₹48 में बेच दिया और बहुत खुश हुआ और सोचा इतना तो आसान है। कम रेट में खरीदो हाई में बेचो। इसी तरह कुछ समय अच्छा चला जब तक तेजी थी। फिर 2015 में सितंबर के आसपास चीन में आर्थिक स्लोडाउन से मार्किट जो गिरा 8–9 महीनों का निवेश और रिटर्न्स जो कि लगभग 16000 था, एक small कैप कंपनी आधे से भी कम हो गया।
मुझे पहला झटका लगा और सारा गुरुर सर से उतर गया 🙂
उसके बाद उस पैसे को रिकवर करने के चक्कर मे intraday और ऑप्शन्स में ट्रेडिंग शुरू किया, 2 हफ़्तों के अंदर सारे 6000 रुपये भी गवा दिए।
बहुत बुरा लग रहा था। कैसे कैसे पैसे जमा किए थे। दोस्तो के साथ ट्रिप पर कम जाता था। कपड़े , मॉल्स ,मूवी, रेस्तरां सब कम करके मुश्किल से थोड़े पैसे जमा किए थे सब गए।
इसके बाद भी लगभग 5 -6 महीनों तक हर महीने 4–5 हजार लॉस किया जो की मेरा इनकम और सेविंग्स के बाद बचता था। बहुत गुस्सा भी रहा था अफसोस भी हो रहा था। मैं उन सबको कोसने लगा जिससे मैं टिप्स या जानकारी लेता था न्यूज़ चैनल्स, ब्लोग्स, ब्रोकर आदि। और सब कुछ बंद कर दिया।
एक दिन मैंने social मीडिया में कही पढ़ा :-
“Eventually we all have to accept full and total responsibility for our actions, everything we have done, and have not done.” ~ Hubert Selby Jr.
अभी तो मैं गूगल से लिया हूँ लेकिन कुछ इसी प्रकार का वो वाक्य था, यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई। सिर्फ और सिर्फ ही जिम्मेदार हूँ जो भी मेरे साथ हुआ या हो रहा है।
मेरे एक दोस्त ने मुझे बेसिक्स टेक्निकल एनालिसिस सिखाया जो कि वह BSE से सिख कर आया था। और कुछ बुक्स रिकमेंड किए और सलाह दी कि ये 2 बुक्स खत्म करने के बाद ही मैं वापस ट्रेडिंग शुरू करूँ। वो बुक्स थी NSE की टेक्निकल analysis और John murphy की टेक्निकल एनालिसिस।
कुछ दिनों बाद फिर छोटे कैपिटल से ट्रेडिंग स्टार्ट की। इस बार मैं खुद के एनालिसिस पर ट्रेड कर रहा था और थोड़ा सही चलने लगा फिर लॉस हुआ।
धीरे धीरे टेक्निकल एनालिसिस काफी एडवांस लेवल तक सीखा elliott wave, harmonic ट्रेडिंग, प्राइस एक्शन, swing ट्रेडिंग, इत्यादि फिर भी खास रिजल्ट नही आ रहे थे। लेकिन मैं लॉस भी नही कर रहा था।
फिर मैंने एक किताब पढ़ी जिसने मेरी सोच ही बदल दी। उसका नाम The Discipline trader by मार्क douglas. यहाँ से मैं स्ट्रेटेजी और रिस्क/मनी मैनेजमेंट के पोजीशन sizing पर भी ध्यान देने लगा। और ट्रेडिंग में सुधार आने लगा।
उसके बाद लगातार ट्रेडिंग से संबंधित किताबे पढ़ने लगा। market wizard series से मुझे मिला एक ट्रेडर जीसकी ट्रेडिंग मुझे उपयुक्त लगी। उनका नाम है Ed seykota.
अभी मैं एक ट्रेंड फॉलोवर हूँ swing ट्रेडिंग और positional ट्रेड करता हूँ और कभी कभार intraday भी कर लेता हूँ। पिछले 3 साल अच्छे रहे है। मुझे खुशी हैं कि अब मैं खुद की स्ट्रेटेजी से ट्रेडिंग में प्रोफिट कर रहा हूँ। मैं ना ही टिप्स बेचता हूँ न ही महँगे ट्रेडिंग कोर्स बेचता हूँ और न ही महँगे वेबिनार करता हूँ, मैं मार्केट में सिर्फ ट्रेडिंग से पैसे कमाता हूँ । थोड़ा ही सही लेकिन ट्रेडिंग से कमाता हूँ, क्योंकि अभी ट्रेडिंग कैपिटल काम है।
Disclaimer :– khabarjunction.com पर Share Market ट्रेडिंग से सम्बंधित दिए हुए लेख केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गयी हैं। Share Market ट्रेडिंग काफी रिस्की है khabarjunction.com वेबसाइट किसी भी तरह से आपको लाभ / हानि होने का दावा नहीं करता है। ट्रेडिंग के लिए प्रोत्साहित नही करता हैं। इसलिए किसी भी Share में निवेश करने से पहले किसी प्रोफेशनल से संपर्क करके ट्रेडिंग करें।