छोड़कर सामग्री पर जाएँ

क्या है बरनावां लाक्षागृह केस ?

इस ख़बर को शेयर करें:

आइए जानते हैं कि बरनावां लाक्षागृह केस क्या है। सबसे पहले तो इन महान आत्मा को धन्यवाद दीजिए जिनके प्रयास से बरनावां लाक्षागृह की 136 बीघा जमीन हिंदू पक्ष को मिली। पहले चित्र में हैं हिंदू पक्ष के पैरवीकार विजयपाल कश्यप जी और दूसरे में हैं इनके वकील रणबीर सिंह जी।

बागपत जिले का एक कस्बा है बरनावां जहां महाभारत काल प्रसिद्ध लाक्षागृह था।अब यह स्थान जंगल जैसा हो गया है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है।इस पर स्वामी कृषणदत्त महाराज एक गुरुकुल और गौशाला चलाते थे।

1970 में एक मुसलमान मुकीम खां ने एक मजार बनाकर मेरठ जिला अदालत में दावा किया कि पूरे 136 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है इसलिए मुसलमानों को दी जाय। उस समय तक बागपत जिला नहीं बना था बल्कि मेरठ की एक तहसील था।

बाद में बागपत जिला बनाया गया और 1997 में यह मुकदमा बागपत जिला अदालत में चलने लगा।हाल में ही बागपत जिला अदालत फैसला किया है इस पूरी जमीन पर मुस्लिम पक्ष का कोई दावा नहीं बनता क्योंकि मुस्लिम पक्ष के पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यहां कब्रिस्तान है। 

इसलिए पूरी 136 बीघे जमीन हिन्दू पक्ष को दी जाती है। तो नमन करिए विजयपाल कश्यप जी को जिनके अथक प्रयास से 53 वर्ष बाद हिंदुओं को उनका अधिकार वापस मिल गया। वहां अभी भी गुरुकुल और गौशाला चलती है।

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़