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सुपर रिच और एंजेल टैक्स क्या है?

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एंजल टैक्स की शुरुआत 2012 में हुई थी. तब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में इसका एलान किया था. इसका मकसद मनी लाउड्रिंग पर रोक लगाना था. क्या एंजल टैक्स से स्टार्टअप को कोई छूट मिलती है? सरकार ने इस साल अप्रैल में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 के तहत ऐसे मामलों में स्टार्टअप को छूट दी गई थी, जिसमें एंजल इनवेस्टमेंट सहित कुल निवेश 10 करोड़ रुपये से ज्यादा न हो. दरअसल अनलिस्टेड और अनजान सी कंपनियों में निवेश के जरिए काले धन को सफेद करने के खेल की जानकारी मिलने पर यह कदम उठाया गया था। इस छूट का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप को एक अंतर-मंत्रालयी बोर्ड की मंजूरी और मर्चेंट बैंकर से वैल्यूएशन का सर्टिफिकेट लेना जरूरी था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस छूट का फायदा उठाने के लिए शर्त यह थी कि पिछले तीन वित्त वर्ष में औसत 25 लाख से ज्यादा आय या 2 करोड़ रुपये का न्यूनतम नेटवर्थ होना चाहिए.

क्या है एंजल टैक्स?
किसी भी स्टार्ट आप को चलाने के लिए और ग्रोथ करने के लिए पैसे अर्थात कैपिटल (capital) की आवश्यकता होती है इन स्टार्ट-अप में कई तरह से फंडिंग होती है इनमे में एक होता है एंजेल इन्वेस्टमेंट (Angel Investment), अत: Angel Invester के द्वारा मिले फण्ड पर लगे टैक्स को ही Angel Tax कहते है। सरकार का मानना है की Angel Investment में ये स्टार्ट-अप कंपनियां फंडिंग के लिए जिन शेयर मूल्य पर इन Angel Investment कंपनी को शेयर देती हैं वह वास्तविक मूल्य से बहुत ज्यादा होता है और ये इन्वेस्टमेंट कंपनी भी बाजार में लिस्टेड नहीं अनलिस्टेड ( Unlisted ) होती। हैं। सबसे पहले यह बता दें कि हाल में कई स्टार्टअप को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला है, जिसमें उन्हें कई साल पहले कारोबार के लिए जुटाए गए फंड पर टैक्स चुकाने को कहा गया है. स्टार्टअप कारोबार के विस्तार के लिए पैसे जुटाते हैं. इसके एवज में पैसे देने वाली कंपनी या संस्था को वे शेयर जारी करते हैं. अक्सर ये शेयर की वाजिब कीमत के मुकाबले ज्यादा कीमत पर जारी किए जाते हैं. शेयर की अतिरिक्त कीमत को इनकम माना जाता है. इस इनकम पर टैक्स लगता है, जिसे एंजल टैक्स कहा जाता है. स्टार्टअप को इस तरह मिले पैसे को एंजल फंड कहते हैं. इनकम टैक्स विभाग एंजल टैक्स वसूलता है.

एंजल टैक्स चर्चा में क्यों है?
एंजल टैक्स आजकल चर्चा में है. इसकी वजह यह है कि पिछले साल से लेकर अब तक कम से कम 80 स्टार्टअप को इस टैक्स को चुकाने के लिए नोटिस मिल चुका है. स्टार्टएप के कई संस्थापकों ने बताया है कि उन्हें कम से कम मिले फंड का कम से कम 30 फीसदी बतौर टैक्स चुकाने के लिए कहा गया है.एंजल फंडों को भी नोटिस मिले हैं, जिनमें उन्हें अपनी आय का स्रोत, बैंक अकाउंट स्टेममेंट और दूसरे वित्तीय आंकड़े पेश करने के लिए कहा गया है. हालांकि, सरकार ने कहा है कि इस टैक्स की वसूली के लिए किसी तरह की जबर्दस्ती नहीं की जाएगी. सरकार ने मामले की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई है.

सुपर रिच टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अमीरों (सुपर रिच) पर सरचार्ज बढ़ा दिया गया है. अब 5 करोड़ से ज्यादा आय वालों को सालाना 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ सालाना आय वालों को 3 फीसदी सरचार्ज देना पड़ेगा. अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट के बाद केंद्र सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर लगाया गया टैक्स सरचार्ज (सुपर रिच टैक्स) वापस लेने का फैसला किया है.

क्या है एंजल टैक्स

यदि कोई अनलिस्टेड कंपनी फेयर मार्केट वैल्यू से ज्यादा रेट पर शेयर इशू करती है तो कंपनी को इशू के लिए फेयर मार्केट वैल्यू से जितनी ज्यादा रकम मिलती है, उसे दूसरे सोर्स से हासिल इनकम माना जाएगी और उसी हिसाब से एंजल टैक्स लगता है। इसे ‘एंजल टैक्स’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह स्टार्टअप्स में एंजल निवेश को प्रभावित करता है। ये निवेशक उद्यमियों को नए उद्यम के शुरुआती दौर में पूंजी मुहैया कराते हैं।

Angel टैक्स से राहत के उपाए –

सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 56 के तहत इस टैक्स से बचने के उपाए भी बताये है, जो की निम्नलिखित है —

1 – किसी भी स्टार्ट-अप को Angel Tax से छूट मिल सकती है अगर Angel Investment की राशि 10 करोड़ से ऊपर न हो।
2 – स्टार्ट-अप को इंटर मिनिस्ट्रियल (Inter Ministrial) बोर्ड से अनुमति ( Approval ) लेना होगा तब Angel Tax से छूट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
3 – स्टार्ट-अप को Angel Tax बचने लिए किसी मर्चेंट बैंकर ( Merchant Banker ) से वैल्यूएशन ( Valuation) का सर्टिफिकेशन ( Certification ) भी लेना होगा।
4 – Angel Tax में छूट या बचाव तभी संभव है तब Angel Invester की कुल सम्पति 2 करोड़ से ज्यादा हो या फिर पिछले 3 वर्ष का रिटर्न (return) 25 लाख से ऊपर हो।

क्या रोड टैक्स और टोल टैक्स एक ही है?
रोड टैक्स गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के साथ वसूल किया जाता है , जो आपको राज्य की सभी सड़कों पर गाड़ी चलाने की अनुमति देता है। टोल टैक्स किसी सड़क की मरममत और निर्माण के लिए पैसा जुटाने के लिए उस सड़क पर चलते समय वसूला जाता है।

गुड्स एंड सर्विस टैक्स क्या होता है?
वर्तमान में किसी विक्रय किये माल पर एक्साइज और विक्रय कर की जगह जो टैक्स लागु किया है वो गुड्स एंड सर्विस टैक्स है एक्साइज की जगह सेंट्रल जी अस टी और विक्रय कर की जगह स्टेट जी अस टी लगता है दोनों सरकारों की राजस्व हिस्सेदारी सुनिश्चित है और पहले जो सर्विस टैक्स था वो पहले की तरह है नया नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स।

सेल्स टैक्स क्या होता है? 
बिक्री कर (सेल्स टैक्स) सरकार किसी भी सामान की खरीद-फरोख्त पर कर वसूलती है। भारत के ज्यादातर राज्यों मे अब बिक्री कर की जगह वैट ने ले ली है, लेकिन सेल्स टैक्स सेवाओं पर भी वसूला जाता है। बिक्री कर का उद्ग्रहण पहली बार उत्‍पादित या आयातित तथा बेची गई किसी वस्‍तु की बिक्री कर किया जाता है। भारत के ज्यादातर राज्यों मे अब बिक्री कर की जगह वैट ने ले ली है।

इको-टैक्स क्या है?
मसूरी में ईको टैक्स लगाया जा रहा है। यह टैक्स सरकार ने मसूरी की स्वच्छता व सफाई की व्यवस्था में सुधार हेतु पर्यटक वाहनों पर लगाया है। अगली बार जब आप मसूरी घूमने जाएँ तो आपको कुछ अतिरिक्त कर देना पड़ सकता है. मसूरी की नगरपालिका ने ये फ़ैसला कर लिया है और इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा. … देहरादून से मसूरी के रास्ते में, मसूरी के प्रवेश द्वार समझे जानेवाली कोल्हू खेत नामक जगह पर ये टैक्स वसूल किया जाएगा.

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