छोड़कर सामग्री पर जाएँ

शिव पार्वती विवाह स्थल – त्रियुगीनारायण मंदिर

टैग्स:
इस ख़बर को शेयर करें:

विष्णु जी को समर्पित दिव्य त्रियुगीनारायण मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है, जहां प्रभु शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे विष्णु जी ने पार्वती देवी के भाई के रूप में आशीर्वाद दिया था और ब्रह्मा जी द्वारा संचालित किया गया था। विवाह समारोह के दौरान जलाई गई प्रभु शिव की विवाह अग्नि अभी भी मंदिर में जल रही है और इसे अखंड धुनी यानी शाश्वत अग्नि कहा जाता है। यहां एक कभी न खत्म होने वाली जलधारा भी है जो पास के तालाबों को भर देती है जिसमें भक्त पवित्र स्नान करते हैं। आजकल यह मंदिर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए (विवाह स्थल) लोकप्रिय हो रहा है, कई लोग अपने सफल विवाह के लिए प्रभु शिव विष्णु जी और मां पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए वहां जाते हैं।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाद में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पॉपलुर हो चुका है, बता दें, यहां शिव और पार्वती का भी विवाह हुआ था। विष्णु को समर्पित ये मंदिर शिव-पार्वती के विवाह के लिए ज्यादा फेमस है। भगवान शिव के इस मंदिर में मात्र 40 हजार में होती है जोड़ों की शादी, लेकिन महीनों पहले करवानी पड़ती है बुकिंग

वैसे तो भगवान शिव के मंदिर देशभर में अनगिनत है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी अपनी अलग ही मान्यता है। बता दें, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में त्रिजुगीनारायण (त्रियुगीनारायण) मंदिर स्थित है, जहां पूरे साल देश-विदेश से कपल शादी करने के लिए आते हैं। वैसे तो मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इस जगह को शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में जाना जाता है। चलिए आपको बताते हैं, इस जगह पर शादी की शुरुआत कब हुई और कितने पैसे यहां शादी के लिए खर्च होते हैं।

कब शुरू हुई थी यहां शादी होने की शुरुआत ​
उत्तराखंड सरकार ने साल 2018 में त्रियुगीनारायण मंदिर को डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में शुरू किया था। इसके पीछे केवल एक ही उद्देश्य रहा था, यहां दूर-दूर से लोग मंदिर में शादी करने के लिए जरूर आएं। इस तरह से यहां रह रहे लोग को रोजगार भी मिलता है और क्षेत्र का पर्यटन बढ़ावा मिलता है। डेस्टिनेशन वेडिंग पॉइंट की घोषणा के बाद से यहां कई नामी हस्तियां भी शादी और भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए आती हैं। बता दें, इस जगह पर शादी के लिए मार्च 2024 तक की बुकिंग मिल चुकी है।

डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पॉपलुर त्रियुगीनारायण मंदिर

रजिस्ट्रेशन करवाकर होती हैं यहां शादियां ​
त्रियुगीनारायण मंदिर के पुजारी का कहना है कि मंदिर में साल भर देश-विदेश से लोग यहां शादी करने के लिए आते हैं। मंदिर में शादी करने के लिए 1100 रुपए से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके लिए जिन जोड़ों को विवाह करवाना है, उनके माता-पिता का सहमत होना जरूरी है। इसके साथ ही दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड और फोन नंबर भी मंदिर समिति के पास रजिस्टर्ड करवाना पड़ता है। मंदिर में शादी के लिए निश्चित तिथि तय करके जोड़ों को समिति द्वारा बता दी जाती हैं, इसके बाद ही यहां शादियां होती हैं।

विजयदशमी-महाशिवरात्रि पर होती हैं यहां खूब शादियां
पुरोहित समाज के अध्यक्ष का कहना है कि मुहूर्त को देखकर ही मंदिर में शादी समय तय होता है। लेकिन मंदिर में विजयदशमी और महाशिवरात्रि के दिन शादी के लिए कई जोड़े यहां आते हैं। साथ ही बताते हैं, मंदिर में अगर किसी भी कपल को शादी करनी है, तो उसे मंदिर के पास ही पुरोहित समाज के ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साल भर मंदिर में करीबन 200 शादियां होती है।

इतनी कीमत में होती है शादी
शादी करने के लिए जोड़ों को 40 हजार रुपए देने होते हैं, इसी में उनका सारा इंतजाम किया जाता है। साथ 15 लोग लड़के वालों की तरफ से और लड़की की तरफ से 15 लोग ला सकते हैं। अगर आप भी भगवान शिव और माता पार्वती के गवाह रहे इस मंदिर में अपने जीवनसाथी के साथ शादी करना चाहते हैं, तो आप उनसे फोन पर जानकारी हासिल कर सकते हैं। साथ ही बता दें, यहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या है केवल जियो की ही सिम चलती है।

त्रियुगीनारायण मंदिर कैसे पहुंचे ​
सड़क मार्ग: त्रियुगीनारायण मंदिर जाने के लिए आपको पहले रुद्रप्रयाग से केदारनाथ धाम वाली सड़क तक जाना पड़ेगा। यहां से गुप्तकाशी होते हुए एक रास्ता सोनप्रयाग से केदारनाथ जाता है और एक त्रियुगीनारायण के लिए जाता है।
फ्लाइट से: चमोली जिले के गौचर में हेलीपैड बना हुआ है, देहरादून से आप हेलीकॉप्टर ले सकते हैं और यहां से गौचर तक जा सकते हैं। इसके आगे प्राइवेट वाहन से मंदिर तक भी जा सकते हैं।
ट्रेन से: सबसे पास का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, इसके अगर का सफर आपको प्राइवेट वाहन से करना पड़ेगा।

ॐ नमः शिवाय
शिव ही नारी, शिव ही पुरुष, शिव ही निर्गुण, शिव ही सगुण, शिव ही माया, शिव ही मोक्ष, शिव ही साधन, शिव ही साधना, शिव ही चिंता, शिव ही चिंतन

ॐ में ही आस्था, ॐ में ही विश्वास, ॐ में ही शक्ति, ॐ में ही सारा संसार, ॐ से होती है अच्छे दिन की शुरुवात, बोलो ॐ नमः शिवाय…..!!

ॐ पार्वतीपतये नमः।ॐ पशुपतये नम:।

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़