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श्रद्धा और भक्ति के साथ लिया हुआ भगवान का नाम नहीं होते हैं फलित

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एक बार एक संत एक नगर में आए. उनके पास उस नगर का एक सेठ आया और कहने लगा कि महाराज मेरा पुत्र भगवान का नाम नहीं लेता . मुझे फिक्र रहती है कि उसका परलोक कैसे सुधरेगा .सेठ संत को अपने घर आमंत्रित करता है .
सेठ अपने पुत्र को संत से मिलवाता है. संत उसके पुत्र को बार-बार राधे-राधे बोलने को कहते हैं. लेकिन वह बार-बार यही कहता है, “मैं क्यों बोलू”?
लेकिन गलती से एक बार वह गुस्से में कहता है ,क्यों बोलूं मैं राधेराधे. संत यह सुनकर प्रसन्न हुए और कहने लगे कि मृत्यु के पश्चात जब तुम को यमलोक लेकर जाएगे तो यमराज तुम्हें पूछेंगे तुम ने कोई पुण्य किया है.
तुुम कहना कि मुझे राधे राधे नाम एक बार बोलने कि महिमा बता दो. मैंने एक बार राधे राधे का नाम लिया था .उसका पुण्य मुझे दे दो. अपनी आयु भोग कर जब वह परलोक गया तो यमराज ने उससे पूछा कि ,”तुमने कोई पुण्य किया है “.
वह कहने लगा मैंने राधे राधे का नाम एक बार लिया है .आप मुझे उसका पुण्य बता दो.

यमराज को एक बार राधे राधे नाम बोलने की महिमा नहीं पता थी इसलिए यमराज ने पालकी की मंगाई और लड़के को इंद्रदेव के पास लेकर जाने लगे .
लेकिन लड़का जिद करने लगा कि मैं इंद्रदेव के पास तभी जाऊंगा अगर पालकी एक तरफ से आप उठाएंगे .

यमराज पालकी लेकर इंद्रदेव के पास पहुंचे लेकिन उन्हें भी एक बार राधे राधे नाम बोलने का महत्व नहीं पता था .इस लिए इंद्रदेव कहने लगे ब्रह्म देव के पास चलते हैं.
लड़का जिद करने लगा की पालकी को दूसरी तरफ से इंद्रदेव पकड़े . एक तरफ से यमराज ने और दूसरी तरफ से इंद्रदेव ने उस पालकी को पकड़ा और ब्रह्मदेव के पास पहुंचे. उन्हें भी राधे राधे नाम एक बार बोलने की महिमा का पता नहीं थी.
अब पालकी को एक तरफ से यमराज, दूसरी तरफ से इंद्रदेव और एक तरफ से ब्रह्मदेव ने पकड़ लिया और भगवान शिव के पास पहुंचे. भगवान शिव को भी एक बार राधे राधे नाम बोलने की महिमा के बारे में पता नहीं था .
भगवान शिव ने बोला कि भगवान विष्णु को पता होगा. सब पालकी लेकर विष्णु लोक में जा पहुंचे .भगवान विष्णु भी देख कर हैरान इस पालकी में कौन आया है . जिसे स्वयं यमराज, इंद्र देव, भगवान शिव और ब्रह्मा जी उठाकर चले आ रहे हैं.
सब ने जाकर भगवान विष्णु से एक बार राधे राधे नाम की महिमा के बारे में पूछा. विष्णु भगवान कहने लगे कि राधे राधे नाम की महिमा यह है कि देखो जिसकी पालकी एक तरफ से स्वयं यमराज , दूसरी ओर से इंद्रदेव, तीसरी ओर से ब्रह्मा जी और चौथी तरफ से भगवान शिव उठाकर लाए .
उसे अब भगवान विष्णु की गोद में बैठने का सौभाग्य प्राप्त होगा और उसने एक बार राधे-राधे बोलकर मोक्ष प्राप्त कर लिया.
इस तरह राधे राधे बोल कर उस व्यक्ति ने मोक्ष को प्राप्त कर लिया. जन्म मरण के बंधन से छूट गया. ऐसी महिमा है राधा रानी के नाम की. प्रेम से बोलो राधे राधे.

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