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ITR return फाइल करने में, कई बार शब्दों को समझने के लिए लगता है कि वकालत करनी पड़ेगी, बहुत भूल भुलैया है । सरकार के पास सभी बैंकों में अनओपरेटिव खाते में रखा पैसा बैंक द्वारा सरकार के खाते में ही दिया जाता है।अगर कोई दावा आता है तो बैंक सरकार को दस्तावेज उपलब्ध करा वह पैसा वापस ले लेते हैं।
२००६ से २०१० तक तीन बार इंकम टैक्स रिटर्न सी ए की हेल्प से भरा ५०० रु लगा। उसके बाद मैं विदेश आया , फिर ८ साल तक नहीं भरा इस बीच टी डी एस भी कटा, पिछले साल रिटर्न फ़ॉर्म भरना पड़ा आईटी के कई मेल आने के बाद सी ए ने लिए २००० रू , जो टी डी एस वापस आया वो भी २००० रु । इसमें ना तो सरकार का फ़ायदा हुआ ना मेरा। इसमें फ़ायदा हुआ सी ए का।
इस बार खुद से ट्राई किया एन आर आइ वाले ऑप्शन पर मैं अटक गया एक दूसरे को दिखाया उसकी भी समझ में नहीं आया। अब भारत जाकर ही भरना पड़ेगा।ऑनलाइन भी कुछ कंपनिया प्रवाइड करती हैं लेकिन कभी ट्राई नहीं किया।
विदेशी आय पर रिटर्न फ़ाइल करने की ज़रूरत नहीं ये नियम सरकार का है, व्यक्ति एन आर आइ है इतना सरकार को पता है लेकिन टी डी एस काटते वक्त सरकार आँख बंद कर लेती है।
जिस टी डी एस को मैं वापस नहीं ला सका पिछले ८ साल में , तो क्या वह सरकार की गैरकाननी आय नहीं हुई क्या!
अगर आप का status resident Indian है, तो आपकी विश्वव्यापी आय पर भारत में आयकर होगा।
अगर आप दो साल से अधिक बाहर है, तो आपका status एन॰आर॰आई॰ हो जायेगा तो उस स्थिति में सिर्फ़ भारत में होने वाली आय जैसे एफ़॰डी॰, निवेश, संपत्ति से आय या ब्याज आदि पर ही टी॰डी॰एस॰ लगेगा।
जो आपको आपके देश में टैक्स क्रेडिट के रूप में मिल जायेगा। अगर भारत की टैक्स ट्रीटी है तो। वरना आपको भारत में टैक्स फ़ाइल करना होगा और तब भी आपको रिटर्न मिल जायेगा।
आप बैंक में इसके लिये फ़ॉर्म 15G भरना होगा।तो आप टी॰डी॰एस॰ से बच जायेंगे। लेकिन आपको रिटर्न फ़ाइल करना ही होगा।
भारत में आप एन॰आर॰आई॰ है या नहीं, अगर आपकी आय(भारत में) 2.5 लाख से ज़्यादा है तो आपको रिटर्न फ़ाइल करना ही होगा। और अगर टैक्स की देनदारी दस हजार से ज़्यादा है तो आपको advance टैक्स भी देना होगा वरना उस पर इंट्रेस्ट लगेगा।
अगर आप नौकरी करते हैं और एक ही सूत्र से आय है, तो टीडीएस वगेरह के बाद यह खुद कर सकते हैं। फिर भी मेरा मानना है कि यह किसी से एक बार पूछकर किजिए।
लेकिन अगर आपके आय के एकाधिक सूत्र हैं, अथवा व्यापार करते हैं, तब मेरे हिसाब से कोई प्रोफेसनल का सहायता ही लेना बेहतर होगा। अतः आयकर निर्देशों को जो सही से समझते हैं ऐसे कोई सलाहकार से पूछताछ और मदद लेकर टैक्स फाइल कराना ज्यादा समझदारी होगी।
विशेष टिप्प्णी – हर एक सीए ज़रूरी होते हैं। 😉
नोट :- कुछ लोग आइटीआर नहीं भर पाते , बैंक में भी १५जी फ़ॉर्म भी नहीं भर पाते तो उनके टीडीएस का सरकार क्या करती है। आप फ़ॉर्म 26AS चेक करे। अगर उस में डिडक्शन है तो आप टी॰डी॰एस॰ क्लेम करने के लिये टैक्स फ़ाइल कर सकते है। आप फ़ॉर्म 15 नहीं भरेंगे तो टी॰डी॰एस॰ होगा ही। और ITR नहीं करेंगे तो वापिस की उम्मीद अतिशयोक्ति हो जायेगी।