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80 के दशक में बॉलीवुड की मशहूर हीरोइन मंदाकिनी

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मंदाकिनी, यास्मिन जोसेफ का पर्दे पर नाम, 1980 के दशक में बॉलीवुड की चमकती सितारों में से एक थीं। उनकी खूबसूरती और मासूमियत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, लेकिन विवादों ने उनके करियर को ग्रहण लगा दिया।

30 जुलाई 1969 को मेरठ में जन्मी मंदाकिनी का बचपन साधारण रहा। उनके पिता ब्रिटिश थे और माँ मुस्लिम, जिससे उन्हें एक अनोखी पहचान मिली। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। 1984 में, भाग्य ने मंदाकिनी का साथ दिया। मशहूर फिल्म निर्देशक राज कपूर ने उन्हें अपनी फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” में गंगा की पवित्र भूमिका के लिए चुना। यह फिल्म 1985 में रिलीज हुई और दर्शकों के बीच खूब लोकप्रिय हुई।

सफेद साड़ी में गंगा नदी में स्नान करते हुए मंदाकिनी का दृश्य दर्शकों के दिलों में बस गया। उनकी सादगी, मासूमियत और खूबसूरती ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। “राम तेरी गंगा मैली” की सफलता के बाद मंदाकिनी को कई फिल्मों के ऑफर मिले। उन्होंने “डांस डांस”, “कहां है कानून”, “प्यार करके देखो”, “लाल Dupatta Malmal Ka”, “जीवन धारा” जैसी फिल्मों में काम किया।

1990 के दशक की शुरुआत में मंदाकिनी का नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़े विवादों में सामने आया। यह उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका था। फिल्म निर्माता उन्हें अपनी फिल्मों में लेने से कतराने लगे। विवादों से घिरे माहौल और सिनेमाई दुनिया से दूरी बनाते हुए मंदाकिनी ने 1996 में “जोरदार” फिल्म के बाद अभिनय से संन्यास ले लिया।

उन्होंने आध्यात्मिकता का सहारा लिया और 1990 में बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होंने डॉ. काग्यूर टी. रिन्पोचे ठाकुर, जो पूर्व में एक बौद्ध भिक्षु थे, से शादी कर ली। आज मंदाकिनी मुंबई में एक शांत जीवन जीती हैं। वह योग और ध्यान सिखाती हैं और आध्यात्मिक जगत में गहराई से जुड़ी हुई हैं।

मंदाकिनी ने सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि 1980 के दशक में दो पॉप एल्बम “नो वेकेंसी” और “शांभाला” भी रिलीज किए थे। 2006 में वह लोकप्रिय टेलीविजन गेम शो “कौन बनेगा करोड़पति” में भी नजर आईं। 2020 में उन्होंने गायन रियलिटी शो “इंडियन आइडल” में भी शिरकत की। फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।

मंदाकिनी की कहानी सिर्फ चकाचौंध और विवादों से परे है। यह एक स्त्री की कहानी है जो जीवन के उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए आत्मिक शांति को खोज लेती है।

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