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इनकम टैक्स क्या है और इनकम टैक्स की स्लैब रेट कितनी है?

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आयकर किसी व्यक्ति, साझेदारी संस्था, कंपनी, सहकारी समिति जैसे सभी की आय पर प्रति वर्ष लगने वाला कर है। यह उस राशि पर लगता है जो उस आय को अर्जित करने में हुये खर्च और दिये गये टेक्स को घटाने और आयकर नियमों के अनुसार बचत करने या खर्च करने या दान देने के बाद शेष रहती है। यदि आवास ऋण या शिक्षा ऋण लिया हो तो इसके ब्याज की छूट रु 250000 तक और सालाना किश्तों की राशि परअन्य बचत के साथ रु 150000 तक की छूट है । तनख्वाह वाले को रु400000 की और छूट है ।

इसके बाद टेक्स ऐसे लगता है:

पहले 500000 तक शून्य । पर यदि आय 500000 से अधिक हो, तो फिर पहले 250000 पर शून्य, अगले 250000 पर 5%, अगले 500000 पर 20% और इसके बाद की राशि पर 30% इस तरह गणना की गई राशि पर 4% की दर से शिक्षा उपकर (सेस) भी देय होगा । इस तरह मैंने संक्षेप में पर स्पष्ट किया है कि लगभग 50000रु महिना कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं लगेगा।

नया इनकम टैक्स स्लैब फायदेमंद है

टैक्सपेयर के लिए नया इनकम टैक्स स्लैब फायदेमंद है या नही यह डिपेंड करता है कि टैक्सपेयर की टोटल इनकम क्या है और टैक्सपेयर ने कौन – कौनसी टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर रखा है । नयी इनकम टैक्स स्लैब में आपको कम रेट से टैक्स देना होता है, लेकिन इसके बदले में आप किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट या डिडक्शन की छूट क्लेम नही कर सकते ।

लेकिन, पुरानी स्कीम में आपको ज्यादा रेट से टैक्स देना होगा , लेकिन सभी डिडक्शन को क्लेम कर सकते है । इसलिए अगर आपने होम लोन ले रखा है, या किसी टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर रखा है, तो नयी टैक्स स्लैब को अपनाने से पहले जान ले कि आपको इनकी छूट नहीं मिलेगी, और अगर आपका किसी टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्टमेंट नही है, तो आपके लिए नयी स्कीम काफी फायदेमंद होगी। और हाँ, अगर आपकी टोटल इनकम 5 लाख से कम है, तो आपके लिए नयी और पुरानी, दोनों स्लैब बराबर होगी, क्योकि 5 लाख से कम इनकम होने पर आपको दोनों स्कीम में बिल्कुल भी टैक्स देना नही होगा ।

क्या है नया टैक्स स्लैब, 7 लाख से कम आय पर नहीं लगेगा इनकम टैक्स?

बजट 2023 में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने एक अनाउंसमेंट की, जिसके अनुसार 7 लाख से कम इनकम वाले टैक्सपेयर को इनकम टैक्स नही देना होगा । इस अनाउंसमेंट को सुनकर लोग काफी खुश हुए, लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला कि यह फायदा सिर्फ नई टैक्स स्कीम को अपनाने वाले टैक्सपेयर्स को ही दिया जाएगा, इसके बाद लोगों की मिलीजुली प्रति क्रिया सामने आई।

बजट 2023 में सरकार द्वारा 7 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री करने की घोषणा की गई, जो कि एक आम आदमी के लिए काफी अच्छी चीज थी । लेकिन, यह सिर्फ नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स देने वाले करदाता को ही दी जाएगी । अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स देते है तो आपके ऊपर 7 लाख की यह लिमिट लागू नही होगी ।

इस नए नियम के अनुसार जिस भी करदाता की कुल इनकम 7 लाख से कम है और उसके द्वारा नई टैक्स रिजीम को चुना जाता है, उस करदाता को सेक्शन 87A में 25,000 या टैक्स अमाउंट, जो भी कम है, की टैक्स छूट दी जाएगी । पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह लिमिट 5 लाख की है, जिसके अनुसार 5 लाख से कम इनकम वाले करदाता को 12,500 या टैक्स अमाउंट , जो भी कम है, की सेक्शन 87A में टैक्स छूट दी जाएगी ।

बजट 2023 में बेसिक एग्जेम्प्शन की लिमिट को भी बढ़ाकर 3 लाख कर दिया है । अब जिस पर्सन की इनकम 7 लाख से ज्यादा हो जाती है और उसने नई टैक्स व्यवस्था अपना रखी है, उसे 3 लाख की इनकम से टैक्स देना होगा ।

जैसे – अशोक की कुल इनकम 6.90 लाख है । अगर अशोक द्वारा पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स भरा जाता है, तो उसे टैक्स देना होगा । लेकिन, अगर उसके द्वारा नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स दिया जाता है, तो उसे जीरो टैक्स देना होगा , क्योकि उसकी कुल इनकम 7 लाख से कम है ।

अगर इस केस में अशोक की इनकम 8 लाख होती, तो अशोक को स्लैब रेट के अनुसार टैक्स देना होता । जैसे – 0–3 लाख तक जीरो टैक्स, 3 लाख से – 6 लाख तक 5% और 6 लाख से 8 लाख तक 10% की रेट से टैक्स ।

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