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अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने राजकपूर का बिहेव देखकर उनकी फिल्म ठुकरा दिया था

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“राज कपूर मेरे घर आए थे। अपनी किसी फिल्म में लीड रोल का ऑफर लेकर। जैसे ही मैं कुर्सी पर बैठी वो मेरे पैरों के पास ज़मीन पर बैठ गए। और उन्होंने मुझे फूलों का एक गुलदस्ता भेंट किया। लेकिन मैंने फौरन उनकी फिल्म का ऑफर ठुकरा दिया। मुझे उनकी पर्सनैलिटी पसंद नहीं आई। मेरे पैरों के पास बैठक जिस तरह से उन्होंने बिहेव किया वो एक मर्द को फिट नहीं होता।”

सुचित्रा सेन जी ने ये बात अमिताभ चौधरी को अपनी किताब ‘आमार बोंधू सुचित्रा’ के लिए दिए एक इंटरव्यू में कही थी। उस इंटरव्यू में सुचित्रा जी ने ये भी कहा था कि वो आदमियों में उनकी खूबसूरती नहीं, उनके बात करने का तरीका और उनकी इंटैलिजेंस को पसंद करती हैं।

उसी इंटरव्यू में सुचित्रा जी ने ये भी बताया था कि संजीव कुमार से उनकी बहुत अच्छी दोस्ती थी। आंधी फिल्म में सुचित्रा जी और संजीव कुमार जी ने संग काम किया था। और फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों की दोस्ती हो गई। बकौल सुचित्रा सेन,”संजीव कुमार जब भी कोलकाता आते थे तो उनसे मिलने उनके घर ज़रूर आते थे।’

इत्तेफाक से आंधी सुचित्रा सेन जी के करियर की आखिरी कुछ फिल्मों में से एक थी। आंधी के बाद सुचित्रा सेन जी ने दत्ता(1976) और प्रणय पाशा(1978) नाम दो बंगाली फिल्मों में और काम किया था। उसके बाद उन्होंने फिल्मों से खुद को दूर कर लिया। और अपना पूरा ध्यान अपने परिवार पर लगा दिया।

आज सुचित्रा सेन जी का जन्मदिवस है। 06 अप्रैल 1931 को सुचित्रा सेन जी का जन्म बंगाल के सिराजगंज में हुआ था। सिराजगंज अब बांग्लादेश का हिस्सा है। सुचित्रा जी का असल नाम रोमा दासगुप्ता था। साल 1952 में सुचित्रा जी ने फिल्मों में काम करना शुरू किया था।

पहली दफा इन्होंने शेष कोथाय नामक एक फिल्म में काम किया था। हालांकि वो फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो सकी। आखिरकार 1953 की ‘सात नंबर कैदी’ सुचित्रा सेन जी की पहली रिलीज़्ड फिल्म बनी। साल 1955 में आई देवदास सुचित्रा सेन की पहली हिंदी फिल्म थी। सुचित्रा जी ने उत्तम कुमार के साथ कई फिल्मों में काम किया था।

एक दफा सुचित्रा सेन जी ने सत्यजीत रे की एक फिल्म सिर्फ इसलिए ठुकरा दी क्योंकि सत्यजीत रे चाहते थे कि उस वक्त सुचित्रा सिर्फ और सिर्फ उनकी फिल्म में काम करें। जबकी सुचित्रा जी ने तब कुछ और फिल्में भी साइन की हुई थी।

सुचित्रा सेन ने तब कहा था कि सत्यजीत रे की फिल्म में काम करना गर्व की बात है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं दूसरे डायरेक्टर्स-प्रोड्यूसर्स को इसलिए साइड लाइन कर दूं क्योंकि मुझे सत्यजीत रे की फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है। मैंने पहला कमिटमेंट उनसे ही किया है। तो उन्हें धोखा देना गलत बात होगी। 

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