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जिस दिन आपने डिजिटल दुनिया मे प्रवेश कर लिया उस दिन से आपकी प्राइवेसी खत्म हो गयी। अगर आपके पास true caller और उस जैसी दूसरी कोई ऐप अगर है तो उन सभी से दूर रहे। Truecaller इसका प्रयोग अधिकांश लोग करते है हो सकता है आप भी करते होंगे बस अपनी एक छोटी सी सुविधा के लिए कि आप इसकी मदद से अनजाने नंबर से आने वाले फोन या संदेश का पता लगा सकते है कि ये किस महाशय का नंबर है।
हमको आज भी याद है कि 3–4 साल पहले की बात है कि हमने पहली बार खुद का नंबर लिया और कुछ दिन बाद हमने अपने मित्र को वॉट्सऐप संदेश भेजा (उसके पास हमारा नंबर नहीं था ) उसने कोई प्रोफ़ाइल फोटो भी नहीं लगाई थी कि उसको पता चले कि ये हमारा नंबर है फिर उनका जवाब मेरे नाम के साथ आया कि केसे हो।
मै बिल्कुल आश्चर्यचकित हो गया आखिर उसको कैसे पता केसे चला कि ये मेरा नंबर है।
True caller प्रथम दृष्टया तो बड़े काम की एप्लीकेशन लगती है कि कोई भी नंबर टाइप करो और पता लगा लो कि यह किसका नंबर है।
लेकिन जरा रुके एक बार सोचिए कि True caller को कैसे पता कि कौन सा नंबर किस महाशय का है।
तो अब आप को समझाते हैं कि Truecaller काम कैसे करता है जैसे ही आप True caller को अपने फोन में इंस्टॉल करते हैं तो वह आपके कांटेक्ट की अनुमति मांगता है यहां अनुमति देते ही आपके सारे कांटेक्ट True caller के पास चले जाते हैं और अब कोई और किसी ऐसे नंबर को सर्च करेगा जो मेरे कांटेक्ट में था तो True caller उसको मैंने जिस नाम से सेव किया है वह दिखा देगा।
अब आप कहेंगे ट्रूकॉलर तो बड़े काम की चीज है इसमें खतरा किस बात का लेकिन जरा रुकिए True caller आपसे आपके कांटेक्ट की ही नहीं बल्कि कुछ और परमिशन मांगता है।
यहां देखिए कांटेक्ट के अलावा कैमरा, लोकेशन, माइक्रोफोन, फोन, एसएमएस, स्टोरेज इतनी सारी परमिशन ट्रूकॉलर मांगता हैं और यह सारी परमिशन देते ही True caller के पास आपकी फोन कॉल्स आप किस से बातें करते हैं क्या बातें करते हैं कहां रहते हैं सारी जानकारियां True caller के पास चली जाती है और वहां इन जानकारियों को बाजार में बेचा जा सकता है। आपके पास आने वाले सारे मैसेज जिनमें बैंक से संबंधित ओटीपी भी हो सकते हैं True caller देख सकता है।
अब आप सोच सकते हैं कि True caller हमारी प्राइवेसी के लिए कितना नुकसानदायक है। यहां आपके थोड़े से फायदे के लिए आपकी अमूल्य जानकारियां अपने पास रख लेता है। तो आप एक बार True caller का इस्तेमाल करने से पहले जरूर सोच लीजिएगा।
अधिकांश एप्प आपसे ये सारी परमिशन लेते हैं। आप किस किस को नही इंस्टाल करेंगे। लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी बनती है की किस एप को कौन सी परमिशन देनी चाहिए और कौन सी नहीं। मान लीजिए आपने कोई कैमरा या फोटो एडिटिंग की ऐप डाउनलोड की अगर वह एप कैमरे की परमिशन मांगती है तो समझ आता है लेकिन वह ऐप आपके लोकेशन या कांटेक्ट की परमिशन मांगे तो आपको नहीं देनी चाहिए। लेकिन अगर आप उसे परमिशन नही देगें तो वह एप चलेगा ही नहीं। अब आप क्या करेंगे तो इसके लिए आप Truecaller की साइट का प्रयोग कर सकते है। आपको बस एक जीमेल एकाउंट की आवश्यकता होगी । अब वहां पर भी वो ईमेल एक्सेस मांगता है और जीमेल से कॉन्टेक्ट निकाल लेता है ।
वैसे कुछ लोगों का कहना है कि True caller Contacts के Name को किसी को नहीं दर्शाता वहा जो Name आप Usko Suggest करेंगे वहीं Name Show करेगा जब भी वहा Number Search Hoga.
True caller को नहीं पता कि कौन सा नंबर किसका है वह सारा डेटा इसके यूजर से ही पता करती है फ्री वाली एप्लीकेशन और पैड वाली एप्लीकेशन में सिर्फ इतना ही फर्क है कि पैड वाली एप्लीकेशन में आप ये देख सकती हो की आपका नंबर किसने True caller पर सर्च किया। साथ ही पैड संस्करण में आप को एड देखने को नहीं मिलती और एक VIP badge मिलता है।
यदि आप इनटरनेट का कोई भी प्रयोग करेंगे तो डायरेक्टली या इंडिरेक्टली आपकी प्राइवेसी खत्म हो जाती है ये अप्प जो आपसे परमिशन मांगते है आप क्या समझते हैं आप ढेंगे नहीं तो कुछ नहीं होगा, जैसे ही आप इंस्टालेशन करते हैं आपके फोन के सारे डिटेल्स तक थर्ड पार्टी की पहुंच हो जाती है आप कहां कहाँ बचोगे, आप क्रोम का ब्राउज़र तो रखेंगे फ़ोन में वो pre installed आता है वही आपकी सारी बातचीत सुनता है आप कहाँ कहाँ जाते हैं आप भूल जाएंगे मगर गूगल आपको बता सकता है कि साल भर पहले की किसी तारीख में आपने दिन में कहाँ कहां की यात्रा की थी। Face book या कोई भी सोशल साइट चलाएंगे वैसे ही सब उजागर हो जाता है। यदि आप वाकई बिल्कुल सुरक्षित रहना चाहते हैं तो स्मार्ट फ़ोन छोड़कर बेसिक फोन का प्रयोग कीजिये वही एकमात्र बचाव का रास्ता है।