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कादर ख़ान और अमिताभ बच्चन दोनों एक दूसरे के क़ायल थे और एक दूसरे का ख़ूब सपोर्ट भी किया करते थे। जहाँ अमिताभ के लिये कादर ने एक से बढ़कर एक डॉयलॉग्स और सीन लिखे तो अमिताभ ने उनकी बेहतरीन ऐक्टिंग को देखते हुये साल 1976 में आयी फ़िल्म अदालत में एक दमदार किरदार दिलवाया। दरअसल कादर को पहले कोई भी बतौर ऐक्टर उतना सीरियस नहीं लेता था जिसके कि वे हकदार थे। जबकि अदालत के लिये उन्हें अवाॅर्ड भी मिले।
उसी दौरान कुछ दिनों पहले ही अमिताभ के साथ उनकी एक और फ़िल्म रिलीज़ हुई थी जिसका नाम था ख़ून पसीना जिसके बाद वे हिंदी फिल्मों के एक दमदार विलेन बन गये। अमिताभ के लिये ढेरों फ़िल्में लिखने के साथ तब हर फ़िल्म में उनका रोल भी पक्का हो गया था। अदालत, सुहाग, मुकद्दर का सिकंदर, परवरिश’, ‘दो और दो पांच’, ‘याराना’, नसीब और कुली जैसी दर्जन भर कामयाब फिल्मों में दोनों ने लगातार साथ काम किया।
ऐक्टिंग के अलावा कादर खान ने अमिताभ की अमर अकबर एंथनी, सत्ते पे सत्ता और शराबी जैसी फिल्मों के संवाद भी लिखे साथ ही अग्निपथ और नसीब जैसी फ़िल्मों के स्क्रीन-प्ले भी लिखे। उन दिनों मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा हिंदी फ़िल्मों के दो ऐसे खेमे थे जिनके लोग एक दूसरे के साथ काम नहीं करते थे लेकिन तब अमिताभ बच्चन के लिये पूरी छूट थी।
जब कादर ख़ान पॉपुलर हुए तो वे प्रकाश मेहरा के खेमे में भी शामिल हो गये लेकिन इस बात की ख़बर मनमोहन देसाई को लग गई। उन्होंने कादर से पूछा तो कादर ने कहा कि, “वो मैं अमिताभ के साथ उनके कहने पे चला गया था।” तब मनमोहन देसाई ने कहा “अच्छा अमिताभ के कहने पे गये थे तो कोई बात नहीं।”
दोस्तों कादर खान अमिताभ बच्चन को लेकर खुद भी एक फिल्म बनाना चाहते थे लेकिन उनकी ये तमन्ना कभी पूरी नहीं हो पायी। बीबीसी से हुई एक खास बातचीत में उन्होंने बताया था कि, “मैं अमिताभ बच्चन, जया प्रदा और अमरीश पुरी को लेकर ‘जाहिल’ नाम की एक फ़िल्म बनाना चाहता था। उसका निर्देशन भी मैं ख़ुद करना चाहता था लेकिन ख़ुदा को शायद कुछ और ही मंजूर था।
कादर खान ने बताया कि इसके फौरन बाद फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को जबरदस्त चोट लग गई और फिर वो महीनों अस्पताल में भर्ती रहे। अमिताभ के अस्पताल से वापस आने तक मैं अपनी दूसरी फिल्मों में व्यस्त हो गया और अमिताभ बच्चन राजनीति में आ गए।” दोनों के बीच आयी इस दूरी को और बढ़ाने का काम किया दक्षिण भारत के एक प्रोड्यूसर ने जिसकी एकतरफा बात ने कादर और अमिताभ को पूरी तरह अलग कर दिया।
अपने एक इंटरव्यू के दौरान कादर ख़ान ने बताया था कि दक्षिण भारत के एक प्रोड्यूसर ने उन्हें अपनी फिल्म में डायलॉग राइटिंग पर बात करने के लिए बुलाया था। उसने कादर खान को कहा कि “आप जाकर सर जी से मिल लो।” इस पर कादर ख़ान ने पूछा कि “ये सर जी कौन है?”
उस निर्माता ने अमिताभ बच्चन की ओर इशारा करते हुए कहा कि “क्या आप सर जी को नहीं जानते?” कादर खान ने ये सुनते ही उस निर्माता से पूछ लिया कि ‘ये सर जी कब से हो गए? मैं अमिताभ को अमित कहकर ही बुलाता हूं और दोस्तों को घरवालों को कभी भी इस तरह से संबोधित नहीं किया जाता है।” कादर ख़ान वहाँ से चले आये और इसके बाद दोनों की दोस्ती में दरार भी आ गई थी हालांकि यह दूरी कुछ ही दिनों की थी लेकिन लोग आज भी इस बात को मिर्च मसाला लगा के सुनाते हैं और कादर ख़ान के पुराने इंटरव्यूज़ दिखाकर इसे ताज़ा करते रहते हैं जबकि बाद में दोनों के बीच सब कुछ सामान्य हो गया था। तब अमिताभ की तारीफ करते हुए कादर खान ने कहा था कि “वे एक संपूर्ण कलाकार हैं।
अल्लाह ने उनको अच्छी आवाज़, अच्छी ज़ुबान, अच्छी ऊंचाई और बोलती आंखों से नवाज़ा है।” जब कादर खान ने लंबे अंतराल के बाद अपनी वापसी की बात की थी तब अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए उनका स्वागत किया था और लिखा था कि, “कादर खान, अच्छे सहयोगी, लेखक, मेरी कई सफल फिल्मों में सहायक.. एक लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे ।