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मुद्दू बाबू शेट्टी, जिन्हें M.B शेट्टी के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा में एक ऐसा नाम है जिसे विलक्षण अभिनेता और स्टंटमैन के रूप में याद किया जाता है। 1938 में जन्मे, शेट्टी ने अपने फिल्मी करियर में अनेकों यादगार भूमिकाएँ निभाईं और अपने जीवन के अंतिम दिनों तक भारतीय सिनेमा को अपनी सेवाएँ प्रदान कीं।
शेट्टी का जन्म दक्षिण भारत में हुआ था। उन्होंने अपने प्रारंभिक वर्षों में ही खेल-कूद और मार्शल आर्ट्स में गहरी रुचि विकसित की। इसी शौक ने उन्हें बाद में फिल्म जगत में एक स्टंटमैन के रूप में पहचान दिलाई।
शेट्टी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। उन्होंने अपनी अद्वितीय शारीरिक क्षमता और स्टंट कौशल के बल पर कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाई। 1970 के दशक में कई हिंदी और कन्नड़ सिनेमा के लिए स्टंट तैयार किए गए। वह एक एक्शन निर्देशक थे, उन्होंने 700 से अधिक फिल्में कीं, जिनमें डॉन, द ग्रेट गैंबलर, त्रिशूल और दीवार जैसी कल्ट फिल्में शामिल हैं।
शेट्टी ने एमजीआर के साथ नवरथिनम (1977) तमिल फिल्म में भी अभिनय किया। क्लासिक फिल्मों में अपने अभिनय और स्टंट के जरिए दर्शकों का दिल जीता। उनकी उपस्थिति ने न केवल उन फिल्मों को एक विशिष्ट पहचान दी, बल्कि उन्हें एक आदर्श स्टंटमैन के रूप में भी स्थापित किया।
M.B शेट्टी का देहांत 23 अगस्त, 1982 को हुआ। उनकी मृत्यु ने भारतीय सिनेमा जगत में एक शून्य छोड़ दिया, जिसे भरना मुश्किल था। उनके जाने के बाद भी, उनकी फिल्में और उनके द्वारा किए गए स्टंट आज भी उनके प्रशंसकों और आने वाली पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय हैं।
M.B शेट्टी ने न केवल अभिनय और स्टंट के क्षेत्र में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी, बल्कि वे एक प्रेरणास्रोत भी बने। उनका जीवन युवा कलाकारों और स्टंटमैन के लिए एक मिसाल है, जो दिखाता है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और जुनून से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी मृत्यु के बाद भी, उनकी विरासत उनकी फिल्मों, उनके स्टंट और उनके जीवन के माध्यम से जीवित है।