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अटल बिहारी वाजपेयी शानदार कवि और प्रखर वक्ता होने के साथ ही कमाल के हाजिरजवाब भी थे। उनकी मीठी छुरी का विपक्ष भी कायल था और सहर्ष झेल लेते थे। वाजपेयी राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे और राजनीति में आने के बाद उनका एक से बढ़कर एक पत्रकारों से सामना हुआ। सांप्रदायिकता से लेकर नागपुर से रिमोट कंट्रोल तक कई चुभते हुए सवाल वाजपेयी पूछे गए, लेकिन वह कभी नाराज नहीं हुए। उल्टा वाजपेयी ने अपनी हाजिरजवाबी से चुभते सवाल पूछने वाले की ही बोलती बंद कर दी।
राम विलास पासवान:
“बीजेपी राम का नाम लेती है मेरे तो नाम में ही राम है” .
अटल जी:
“पासवान जी हराम में भी राम होता है”
Ram vilas पासवान के लिए अटल जी का हराम में भी राम होता है कहने पर सदन ठहाकों से गूंज उठा था।
फिर सदन में से ही किसी संसद की आवाज आई।
“ये तो विलासी राम है’…सदन फिर एक बार ठहाको से गूंज गया। ये लाइव टेलीकास्ट मैंने देखा था
जब बीजेपी विपक्ष के रूप में सबसे बड़ी पार्टी थी
एक और वाक्या पढ़ा कहीं। नरसिम्हा राव जी ने एक बार उन्हें मजाक में कहा था कि आप मेरे गुरु हैं।अटल जी ने कहा आज के जमाने में गुरु की नहीं, गुरु घंटाल की जरुरत है।
जब बीजेपी 2004 में चुनाव हारी:
उनके एक पसंदीदा अधिकारी ने कहा
“क्या होगया अटल जी?”
अटल जी,
“पता तो उन्हें (कांग्रेस) भी नहीं है ये क्या हो गया”
“पहले एक बिखरी हुई सरकार होती थी और बिखरा हुआ प्रति पक्ष होता था और आज एक सरकार है और बिखरा हुआ प्रति पक्ष है।
हम उस घड़ी की प्रतीक्षा करेंगे
एक वोट से गिरी एनडीए सरकार का कांग्रेस ने उड़ाया था मजाक, अटलजी ने की थी भविष्यवाणी, आज सच हो गई ।
“दरअसल, किसी वक्त में अटलजी ने कांग्रेस को लेकर यह बात संसद में कही थी। उन्होंने कहा था कि आज भाजपा का मजाक उडाने वाले ये बात याद रख ले कि एक दिन पूरे देश में कमल खिलेगा और देश कांग्रेस पर हंसेगा।
उस समय पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस से कहा था, हम उस घड़ी की प्रतीक्षा करेंगे, जब हमें स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो…. आज आप मेरा उपहास उड़ा लें, लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब लोग आपका उपहास उड़ाएंगे।
उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने यह भी कहा था कि एक दिन पूरे देश में कमल खिलेगा। दो दशक पहले उन्होंने भाजपा के दृढ़ निश्चय को सामने रखते हुए संसद में कहा था कि हमने मेहनत की है, हमने संघर्ष किया है। यह 365 दिन चलने वाली पार्टी है। ये चुनाव में कोई कुकुरमुत्ते की तरह उगने वाली पार्टी नहीं है… हम बहुमत का इंतजार करेंगे।
बता दें कि अटल जी की कही बातें सच हो रही हैं, पिछले 8 सालों से पार्टी लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों में बंपर जीत हासिल कर रही है।
प्रश्न: अटलजी आपकी पार्टी के ही कुछ लोग कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी तो मुखौटा हैं, असली ताकत तो आडवाणीजी के हाथ में है।
जवाब: वाजपेयी ने हंसते हुए कहा, ‘सुना तो मैंने भी है ऐसा, लेकिन जब मैंने पूछा कि भई वो असली चेहरा कहां है तो मुझे कहा गया कि आप ही असली चेहरा हैं।’
प्रश्न: बार-बार अखबारों में लिखा जाता है कि बीजेपी में दो दल हैं। एक नरम दल है, एक गरम दल है। एक वाजपेयी जी का दल है और एक आडवाणी जी का दल है।
जवाब: वाजपेयी जी मुस्कुराते हुए बोले, ‘नहीं मैं किसी दलदल में नहीं हूं। मैं दूसरों के दलदल में अपना कमल खिलाता हूं।’
प्रश्न: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा कि आप अब तक कुंवारे क्यों हैं?
जवाब: मैं अविवाहित हूं, लेकिन कुंवारा नहीं हूं
फल अच्छा है तो पेड़ खराब नहीं हो सकता
प्रश्न: अटली जी खुशवंत सिंह ने अपने कॉलम में लिखा है कि काफी अच्छे नेता हैं। विदेश नीति के अच्छे जानकारी हैं। उनका एक ही माइनस पॉइंट है, आदमी अच्छे हैं, लेकिन गलत पार्टी में हैं।
जवाब: सवाल पूछने वाले पत्रकार रजत शर्मा, कार्यक्रम में बैठी ऑडियंस के साथ वाजपेयी भी जोर से हंस पड़े और मुस्कुराते हुए बोले- सरदार खुशवंत सिंह जी मैं बड़ी इज्जत करता हूं, लेकिन मैं उनसे सहमत नहीं हूं। अगर मैं सचमुच में अच्छा आदमी हूं तो गलत पार्टी में कैसे हो सकता हूं और अगर गलत पार्टी में हूं तो मैं अच्छा आदमी नहीं हो सकता। अगर फल अच्छा है तो पेड़ खराब नहीं हो सकता।
प्रश्न: एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि बेनजीर भुट्टो को आज रात आप क्या मैसेज करेंगे
वाजपेयी का जवाब: यदि मैं सुबह उन्हें संदेश भेजूं तो इसमें कोई बुराई है?
पाकिस्तान: कश्मीर के बिना पाकिस्तान अधूरा है
वाजपेयी का जवाब: पाकिस्तान के बिना हिंदुस्तान अधूरा है