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देखिये कुछ बाते आप को अनुभव के आधार पर बताता हूँ।
- लोग अक्सर पुराने प्रश्नपत्रों को नही पढ़ते जबकि प्रतिवर्ष वर्ष यूपीएससी 25 सवाल तक पुराने प्रश्नो को रिपीट किया जाता है ।
- कभी कभी यह और अधिक हो जाता है ।
- कोंचिंग की टेस्ट सीरीज में अक्सर सवालों को बहुत कठिन कर के बनाया जाता है क्योंकि जिसकी जितनी कठिन होगी प्रतिभागियों में उसके प्रति ही आकर्षण होता है ।
- यूपीएससी में ज्ञान की गहराई नही बल्कि चौड़ाई ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
- लेकिन फिर भी मेरा मत यही है कि 40 वर्षो के यूपीएससी के प्रश्नपत्रों को इतिहास भूगोल ,अर्थशास्त्र , विज्ञान के प्रश्नो को अच्छे से पढ़ ले
- कुछ क्षेत्रों के बारे जयदा अच्छे से जानने से नही बल्कि जयदा क्षेत्रो के बारे में थोड़ा थोड़ा जानकर बात बनेगी ।
- साथ ही पिछले 8 वर्ष के पेपर को खूब अच्छे से उनके विकल्पों सहित विश्लेषण करें ।
- फिर 2 कोचिंग के टेस्ट सीरीज लगा ले तो ठीक रहेगा।
फायदा
- फायदा यह रहता है पेपर के दवाब में परीक्षा कक्ष में सवाल को पढ़कर सबसे पहले वही जानकारी याद आती है जो कभी सवाल के रूप में हल की गई हों।
- किताब से पढ़ा हुआ तभी याद आएगा जब आप ने 5 बार रिवीजन किया हो वरना इतने बड़े सेलेब्स में उस समय दवाब में कुछ सही से ध्यान नही रहता ।
- टेस्ट सीरीज को रिवीजन के रूप में समझे।
- परीक्षा कक्ष में सवाल पढ़कर यदि किसी पहले हल किये सवाल से मिलता जुलता होता है तो उसके सही होने की सभावना अत्यधिक होती हौ ,साथ उस समय आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है ।
अभी 60 दिन है प्रतिदिन 100 सवाल लगाए 6000 सवाल से लाभ जरूर होगा ।
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