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होली के रंग में जिंदगी के संग

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होली के रंग साल में एक बार बिखेरे जाते हैं लेकिन हकीकत देखकर हम रोज़मर्रा के जीवन में अलग अलग रंग में फीके पड़ जाते हैं.. ऐसा लगता है जैसे हर कोई यहाँ जीवन खेल रहा है। ये खेल कभी रंग जाता है कभी खेलते खेल टूट जाता है तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम जीवन के इस चरण में अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हैं.. चेहरे पर सच्चे, झूठे रंग लगा रहे हैं।

खाने की थाली में गिनिज तो बहुत है पर नमक ना हो तो ! क्या किसी को अलानी व्यंजन पसंद है कि खाना स्वादिष्ट नहीं रहेगा? है ना ! हमारे जीवन में भी यही महत्व है। जीवन में रंग ना हो तो जीवन सुस्त हो जाएगा। जीने का कोई मतलब नहीं बचेगा। इसीलिए सबको रंग चाहिए। पल रंग में रंगी, मन की खोल में सजते हैं हम। क्योंकि इन रंगों में भाव मिला कर भवरंग हो गए हैं वहाँ हैं।

श्याम को रंगते हुए. गोकुल सब नहाते हैं. . भक्ति रंग में।। और राधे का रंग कहाँ रहता है। अंधेरे को रंगते हुए.. जब गेहूं श्री रंग के रंग में रंगा लाल गुलाबी रंग खिला जब गोरे गाल राधे तो कभी-कभी यह भक्ति रंग अबिर गुलाल के रूप में पंढरी की यात्रा में फैल जाता है.. सर पर आलीशान रखता है।

आप जिस रंग को पसंद करते हैं उसके लिए उत्सुक हूँ और आकर्षण है.. लेकिन वांछित रंग आपके रास्ते में नहीं आएंगे .. कभी कभी ये रंग एक मिराज की खुशबू होते हैं। तभी तो वे लगातार भागते हैं, थका देते हैं, चकवा की तरह वे हमें बनाते हैं चमकता रहता है। हाथ में आते हैं और चले जाते हैं। जीवन के सात रंग इन्द्रधनुष मनुष्य को लगातार चूसता है।

इंद्रधनुष के रंगीन रंग दिल को कैद कर लेते हैं… सप्तसुर के रंगो मे तो एक ताकत है जो सीधे दिल तक जाती है। जिधर भी देखो इस रचना में रंग भरे दिख रहे हैं फूल, तितलियों, पशु पक्षियों के रंग, सच में ये ईश्वरीय चित्रकार अद्भुत है.. फूल फूल जैसा नहीं है, पंछी जैसा कोई नहीं है।

चेहरे पर भी कितने रंग हैं। कोई सफेद, काला, कोई छाया… चेहरे के हजारों रंग। कभी झूठा कभी सच्चा कभी धोखा कभी प्यार का, कभी नफरत का, कभी करुणा का। चेहरे पर रंग उतर जाता है. जब जरा सी उदासी आती है तो कभी-कभी जीवन के रंग फीके पड़ जाते हैं.. यह तब है जब यह बोलने की शैली है। एक ही व्यक्ति खुश हो तो चेहरे पर खुशी का रंग बड़े दिमाग से चमकता है।

एक जोकर चेहरे पर ढेर सारे रंग डाल कर आपको हँसाता है.. वो मुस्कुराता रहता है,. आँखों में आँसू छुपा के… चित्रकार के रंग होते हैं जो उसके कैनवास पर बोलते हैं। खड़े और क्षैतिज रेखाओं के माध्यम से। सुबह सुबह सोने में दिशा और दिशा चमकती है। सुबह काली कावड़से, चोफेर रंग लेकर घुमते हुए।

क्षितिज पर है शाम सजती है रंग, लाल,गुलाबी,भगवा,तंबू कितने रंग है इन दो आँखों में बकवास कैसे स्टोर करें.! मन के कोने का कभी संबंध नहीं होता, उसमें कुछ रंगों का कब्जा रहता है, हमेशा के लिए।

लेकिन कभी कभी हम दूसरों के रंगों में घुलते-मिलते अपना रंग भूल जाते हैं। कभी-कभी दुनिया के कारोबार में, हमारे रंग समझ में नहीं आते। कभी-कभी पुराने रंग काले हो जाते हैं, और धीरे-धीरे जीवन से उतर जाते हैं। फिर से नए रंग कहाँ मिलेंगे, फिर शुरू हुई मन की आवारगी.. लेकिन बच्चे का रंग मन में हमेशा ताजा रहता है।

प्रीत उरी जब पार करे प्यार का रंग खुल जाए रंग चाहे कितने भी हो प्यार का एक रंग भारी है इस रंग में सारे रंग एक हो जाते है इस रंग से दिल जीता जा सकता है जो अपना बन जाता है। जीवन रंगो से भरा है। यह वही रंग है जिसे हम महसूस कर सकते हैं … है ना?

होली और धुलिवंदन की हार्दिक शुभकामनाएं

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