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भांजे अनु मलिक की मामा हसरत जयपुरी से कही बात दिल पर लग गई, जबाब देख अन्नू के उड़ गये थे होश

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एक दिन अनु मलिक हसरत जयपुरी के घर पहुंच गए और कहा, ‘मामा कुछ गीत लिख कर दो, मैं अपनी फिल्म में लेना चाहता हूं।’ हसरत ने कई गीत लिखे, लेकिन अनु मलिक को कोई भी गीत पसंद नहीं आया। हसरत ने और भी गीत लिखकर दिए, लेकिन अनु मलिक के हिसाब से वो ठीक नहीं थे। काफी वक्त गुजर गया और जब बात नहीं बनी तब अनु मलिक ने हसरत जयपुरी से कहा, ‘मामू अब तुम बूढ़े हो गए हो, अब तुमसे लिखा नहीं जा रहा है। अब तुम गाने नहीं लिख पाओगे।’

अनु मलिक की कही बात हसरत जयपुरी के दिल पर लग गई। उन दिनों राज कपूर राम तेरी गंगा मैली बना रहे थे। उस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर रवींद्र जैन थे। हसरत जयपुरी ने रवींद्र जैन से कहा, ‘एक गीत लिखने की इजाजत दिला दीजिए। मैं किसी को दिखाना चाहता हूं कि क्या लिख सकता हूं?’

रवींद्र जैन ने इस बात का जिक्र राज कपूर से किया। राज कपूर ने हसरत जयपुरी को एक गीत लिखने की इजाजत दे दी। राज कपूर ने फिल्म के गाने की सिचुएशन समझाई और हसरत जयपुरी ने ‘सुन साहिबा सुन’ लिखा। लता मंगेशकर का गाया यह गीत फिल्म की जान बन गया। इस तरह उन्होंने अनु मलिक को दिखा दिया कि वे अब भी बेहतरीन गाने लिख सकते हैं।

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