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एक लोकप्रिय और कुशल अभिनेता – शशि कपूर

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शशि कपूर की मुख्य पहचान एक लोकप्रिय और कुशल अभिनेता के रूप में है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण किया था और एक का निर्देशन भी। अपने फिल्मी जीवन की शुरआत शशि कपूर ने एक बाल कलाकार कलाकार के रूप में की। उनकी ऐसी प्रारम्भिक फिल्में थीं ‘बचपन'(1945), तदबीर (1945), आग (1948), संग्राम (1950) और आवारा (1951)। बाद में वे नायक, सह नायक और चरित्र भूमिकाओं में ढेर सारी फिल्मों में नज़र आये।

अभिनेता के तौर पर उनकी कुछ प्रमुख फिल्में हैं- चार दीवारी (1961), धर्मपुत्र (1961), प्रेम पत्र (1961), मेहंदी लगी मेरे हाथ (1962), द हाउस होल्डर (1962), जब से तुम्हें देखा है (1963), हॉलिडे इन बॉम्बे (1963), बेनजीर (1964), वक्त (1965), मोहब्बत इसको कहते हैं (1965), जब जब फूल खिले (1965), नींद हमारी ख्‍वाब तुम्हारे (1966), प्यार किए जा (1966), आमने सामने (1967),जुआरी (1968), एक श्रीमान एक श्रीमती (1969), राजा साब (1969), प्यार का मौसम (1969), हसीना मान जाएगी (1969), कन्यादान (1969), अभिनेत्री (1970), बॉम्बे टॉकीज (1970), पतंगा (1971), शर्मीली (1971), जानवर और इंसान (1972), नैना (1973), चोर मचाए शोर (1973), रोटी, कपड़ा और मकान (1974), इंसानियत (1974), वचन (1974), जीवन संग्राम (1974), फाइव राइफल्स (1974), दीवार (1975), चोरी मेरा काम (1975), अनाड़ी (1975), शंकर दादा (1975), सलाखें (1975), प्रेम कहानी (1975), कभी कभी (1976), फकीरा (1976), दीवानगी (1976), ईमान धरम (1976), दूसरा आदमी (1976), चोर सिपाही (1977), सत्यम शिवम सुंदरम (19778), त्रिशूल (1978), हीरालाल पन्नालाल (1978), सुहाग (1979), काला पत्थर (1979), दुनिया मेरी जेब में (1979), गौतम गोविंदा (1979), जुनून (1979), शान (1980), स्वयंवर (1980), दो और दो पाँच (1980), काली घटा (1980), एक और एक ग्यारह (1981), बसेरा (1981), सिलसिला (1981), क्रोधी (1981), क्रांति (1981), कलयुग (1981), नमक हलाल (1982), घुँघरू (1983), विजेता (1983), भवानी जंक्शन (1985), उत्सव (1985), न्यू डेल्ही टाइम्स (1986), सिंदूर (1987), क्लर्क (1989), गैरकानूनी (1989), अकेला (1991), और इन कस्टडी/मुहाफिज (1994)।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में बनी हुई कुछ फिल्मों में भी अभिनय किया। (हाउस होल्डर्स, शेक्सपियर वाला, सिद्धार्थ, हीट एंड डस्ट, बॉम्बे टॉकी, साइड स्ट्रीट्स, इत्यादि) शशि कपूर ने कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया-जुनून (1979), कलयुग (1981),थर्टी सिक्स चौरंगी लेन (1982), विजेता (1983), उत्सव (1985) और अजूबा (1990)। इनमें से कुछ फिल्में कलात्मक रूप से भी उत्कृष्ट मानी गई हैं।

उन्होंने एक फ़िल्म का निर्देशन भी किया। यह थी भारत और सोवियत संघ के फ़िल्ममारों के सहयोग से बनी फिल्म अजूबा (1990)। इस फ़िल्म का सह-निर्देशन सोवियत संघ के गेनाडी वासिलीव ने किया था। यह फ़िल्म भारत में बॉक्स ऑफिस पर व्यावसायिक सफलता नहीं पा सकी। लेकिन इस फ़िल्म का रूसी भाषा संस्करण (‘चेर्नी प्रिंस अजुबा’ के नाम से) व्यावसायिक तौर पर काफ़ी सफल रहा। भारत सरकार ने सन 2011 में उनको पद्म भूषण से सम्मानित किया। सन 2015 में उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया।

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