छोड़कर सामग्री पर जाएँ

हिन्दू धर्म में क्यों कहते हैं सत्य को सनातन

टैग्स:
इस ख़बर को शेयर करें:


जब किसी की मृत्यु होती थी तब 13 दिन तक उस घर में कोई प्रवेश नहीं करता था। यही आइसोलेशन था क्योंकि मृत्यु या तो किसी बीमारी से होती है या वृद्धावस्था के कारण जिसमें शरीर तमाम रोगों का घर होता है।यह रोग हर जगह न फैले इसलिए 14 दिन का क्वॉरंटीन बनाया गया।

जो शव को अग्नि देता है, उसको घर वाले तक नहीं छू सकते। 13 दिन तक उसका भोजन, पानी, बिस्तर, कपड़े सब अलग कर दिए जाते हैं। तेरहवें दिन शुद्धिकरण के पश्चात, सिर के बाल हटवाकर ही पूरा परिवार शुद्ध होता था।लेकिन तब भी आप बहुत हँसे थे। ब्लडी इंडियन कहकर खूब मजाक बनाया।जब मां बच्चे को जन्म देती है तो जन्म के 11 दिन तक बच्चे व माँ को कोई नही छूता।

ताकि जच्चा और बच्चा किसी इंफेक्शन के शिकार ना हों। लेकिन इस परम्परा को पुराने रीति रिवाज, ढकोसला कह कर त्याग दिया गया।जब किसी के शव यात्रा से लोग आते हैं घर में प्रवेश नहीं मिलता है और बाहर ही हाथ पैर धोकर स्नान करके, कपड़े वहीं निकालकर घर में आया जाता है, इसका भी खूब मजाक उड़ाया आपने। अब समझ मे आ गया होगा आपको कि हिन्दू धर्म को क्यों कहते हैं सत्य को सनातन।

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़