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फिल्म फरिश्ते की मेकिंग से जुड़ी कुछ कहानियां

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फरिश्ते। 22 फरवरी 1991 को रिलीज़ हुई धर्मेंद्र और विनोद खन्ना जी स्टारर एक फिल्म। जो पता नहीं कैसे बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी। लेकिन फिल्म देखने में तो बुरी नहीं है। हां, कुछ दृश्य इस फिल्म में ज़रूर अजीब हैं। लेकिन ओवरऑल तो ये फिल्म बांधकर रखती है ऑडियंस को। वैसे, इस फिल्म की मेकिंग बहुत ज़्यादा कंट्रोवर्सियल रही थी। फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा और प्रोड्यूसर सत्ती शौरी के बीच बहुत ज़्यादा विवाद हो गया था। विवाद इतना अधिक बढ़ गया था कि अनिल शर्मा और सत्ती शौरी खुलकर एकदूसरे के खिलाफ मीडिया में आ गए थे। तो चलिए, फरिश्ते फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ कहानियां जानते हैं।

इस फिल्म की शूटिंग के दौरान बजट का बहुत ईश्यू हो रहा था। और बजट की वजह से ही प्रोड्यूसर सत्ती शौरी और डायरेक्टर अनिल शर्मा के बीच विवाद शुरू हुआ था। फिल्म में एक दृश्य है जिसमें बाइक पर भागते धर्मेंद्र व विनोद खन्ना के पीछे कुछ चीते भागते हैं। ये सीन शूट करने में कुछ वक्त लग गया था। ऐसे में सत्ती शौरी के पास पैसे की कमी आ गई।

उन्होंने डायरेक्टर अनिल शर्मा से कह दिया कि वो अब चीते अफॉर्ड नहीं कर पाएंगी। अनिल शर्मा मुश्किल में पड़ गए। क्योंकि चीते वाले कुछ शॉट्स शूट हो चुके थे। और चीते के शॉट्स स्क्रिप्ट की ज़रूरत थे तो वो शॉट्स तो हर हाल में पूरे होने थे। तब सत्ती शौरी ने एक तरकीब निकाली। उन्होंने कुछ लैब्राडोर कुत्तों को चीते की तरह पेंट कराया और उन्हें लॉन्ग शॉट्स में शूट किया। और फिर वही शॉट्स फिल्म में भी इस्तेमाल किए गए।

फिल्म में विनोद खन्ना और धर्मेंद्र की मुंहबोली बहन का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस स्वपना ने प्रोड्यूसर सत्ती शौरी पर आरोप लगाया था कि सत्ती शौरी ने उनके स्टाफ की फीस नहीं चुकाई है। बकौल स्वपना, उन्होंने ये फिल्म सिर्फ और सिर्फ धर्मेंद्र के कहने पर साइन की थी। ये फिल्म करने में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं थी। जबकी सत्ती शौरी का कहना था कि स्वपना अपने साथ इतने लोगों को लेकर आई थी जिनकी फीस चुकाना उनके बस की बात नहीं थी।

स्वपना चाहती थी कि उनके सारे स्टाफ का आउटडोर का खर्चा भी प्रोडयूसर उठाए। बकौल सत्ती शौरी, स्वपना ने एकदम अनप्रोफेशनल एक्टर की तरह बर्ताव किया। कोई दूसरा एक्टर अपने साथ इतने लोगों को लेकर नहीं आया था जितने लोग स्वपना लाई थी। मगर फिर भी उन्होंने स्वपना के स्टाफ का हर जायज़ खर्च उठाया था। ये फिल्म जब लगभग कंप्लीट होने वाली थी तब प्रोड्यूसर सत्ती शौरी के पास अचानक ही पैसे खत्म हो गए।

उन्होंने इसके लिए डायरेक्टर अनिल शर्मा को ज़िम्मेदार ठहराया था। सत्ती शौरी के मुताबिक अनिल शर्मा जानबूझकर सेट पर देरी से आते थे। अनिल शर्मा ने एकदम से अनप्रोफेशनल रवैया अपना लिया। सत्ती शौरी ने तो अनिल शर्मा पर ये इल्ज़ाम तक लगा दिया था कि अनिल शर्मा उनके पैसे से अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म तहलका को कंप्लीट कर रहे हैं। सत्ती शौरी ने तो ये भी कहा था कि अनिल शर्मा जानबूझकर उनकी फिल्म फरिश्ते को डिले कर रहे हैं। हालांकि अनिल शर्मा ने सत्ती शौरी के सभी आरोपों को गलत बताया था।

सत्ती शौरी चाहती थी कि इस फिल्म में जावेद जाफरी को भी लिया जाए। उन दिनों जावेद जाफरी फिल्म इंडस्ट्री में नए डांसिंग स्टार के तौर पर मशहूर हो रहे थे। सत्ती शौरी चाहती थी कि जावेद जाफरी को कुछ ऐसा ही रोल दिया जाए जिसमें वो डांस करते नज़र आएं। जावेद भी इस फिल्म में काम करने को तैयार थे। लेकिन पैसों की वजह से इनकी बात नहीं बनी। और अल्टीमेटली सत्ती शौरी ने वो रोल ही फिल्म से हटा दिया। सत्ती शौरी ने तो इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक्ट्रसे जया प्रदा को भी निशाना बनाया था। सत्ती शौरी ने कहा था कि जया प्रदा ने उनसे अपने मार्केट प्राइस से ज़्यादा पैसे लिए हैं। लेकिन फिर भी जया प्रदा ने अनप्रोफेशनल तरीके से काम किया। जया सेट पर हमेशा देर से आती थी।

फिल्म के मुख्य विलेन थे सदाशिव अमरापुरकर। सदाशिव जी के कैरेक्टर का नाम था राजा जयचंद। पहले इस रोल के लिए अनुपम खेर को अप्रोच किया गया था। लेकिन अनुपम ने इस फिल्म में काम करने के एवज में जितनी फीस मांगी थी वो प्रोड्यूसर ने देने से इन्कार कर दिया। तब ये रोल सदाशिव अमरापुरकर को ऑफर किया गया था। और उन्होंने ये रोल निभाया भी। इस फिल्म में श्रीदेवी जी ने धीरू यानि विनोद खन्ना की प्रेमिका का रोल निभाया था। और ये भी इत्तेफाक ही है कि कुछ सालों बाद श्रीदेवी ने सत्ती शौरी की बेटी के पति बोनी कपूर से शादी कर ली थी। जी हां, बोनी कपूर की पहली पत्नी मौना शौरी सत्ती शौरी की ही बेटी थी।

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