छोड़कर सामग्री पर जाएँ

रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और सुंदरता की प्रशंसा मे ब्रिटिश लेखक ने कहा “वह सभी भारतीय नेताओं में सबसे खतरनाक हैं”

टैग्स:
इस ख़बर को शेयर करें:

17 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा-की-सेराई नामक स्थान पर रानी लक्ष्मीबाई की सेना और अंग्रेजी सेना के बीच घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में रानी लक्ष्मीबाई वीरतापूर्वक लड़ीं और अंग्रेजों को भारी नुकसान पहुंचाया।

युद्ध के दौरान रानी लक्ष्मीबाई घायल हो गईं और उन्होंने एक साधु से कहा कि वे उनका शरीर जला दें ताकि अंग्रेजों को उनका शरीर न मिले। रानी लक्ष्मीबाई के वीरतापूर्ण कार्यों से प्रेरित होकर कुछ स्थानीय लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।

युद्ध के तीन दिन बाद अंग्रेजों ने ग्वालियर शहर पर कब्जा कर लिया। इस युद्ध की ब्रिटिश रिपोर्ट में ह्यूग रोज ने रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और सुंदरता की प्रशंसा करते हुए कहा कि “वह सभी भारतीय नेताओं में सबसे खतरनाक हैं।”

1878 में लंदन में ब्रिटिश अधिकारी और लेखक कर्नल मैलीसन ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में लिखा कि “अंग्रेजों की नजर में रानी लक्ष्मीबाई के चाहे कितने भी दोष रहे हों, उनके देशवासी हमेशा याद रखेंगे कि उसने बुरे व्यवहार के कारण विद्रोह करने के लिए प्रेरित किया गया था और वह अपने देश के लिए जी और मरी, हम उनके योगदान को भारत के लिए नहीं भूल सकते।”

गणेश मुखी रूद्राक्ष पहने हुए व्यक्ति को मिलती है सभी क्षेत्रों में सफलता एलियन के कंकालों पर मैक्सिको के डॉक्टरों ने किया ये दावा सुबह खाली पेट अमृत है कच्चा लहसुन का सेवन श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज महिला आरक्षण का श्रेय लेने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़