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ये फिल्म राज कुमार जी के अक्खड़ मिजाज़ की मिसाल के तौर पर इसके प्रोड्यूसर्स को हमेशा याद रहेगी। इतिहास। 37 साल पहले आज ही के दिन रिलीज़ हुई एक फिल्म। यानि 27 मार्च 1987 को इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी। इसका मुकाबला हुआ था धर्मेंद्र की हुकूमत से। और हुकूमत की आंधी में इतिहास उड़ गई थी।
बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। इसमें अनिल कपूर की हीरोइन थी रति अग्निहोत्री। और इत्तेफाक से हुकूमत में भी धर्मेंद्र की हीरोइन रति अग्निहोत्री ही थी। यानि रति की एक दिन में दो फिल्में रिलीज़ हुई। एक फ्लॉप तो एक सुपरहिट रही। जबकी रति इस वक्त तक शादी करके फिल्मों से ब्रेक ले चुकी थी।
ये फिल्म 1982 में लॉन्च हुई थी। तब इसमें राजकुमार वाले रोल में दिलीप कुमार थे। लेकिन प्रोड्यूसर्स के साथ दिलीप कुमार की बात बिगड़ गई तो उन्होंने ये फिल्म छोड़ दी। तब उस रोल के लिए राज कुमार जी को साइन किया गया। राज कुमार जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट उनकी बहन ने दोबारा से लिखी थी।
लेकिन प्रोड्यूसर कोई पैसा उनकी बहन को नहीं दिया। कुल मिलाकर प्रोड्यूसर्स और राज कुमार के बीच काफी विवाद इस फिल्म की मेकिंग के दौरान हुआ। जब राज कुमार जी से उनके डायलॉग्स डब करने को कहा गया तो उन्होंने आना-कानी करना शुरू कर दिया। उन्होंने डायलॉग्स डब किए।
लेकिन इस शर्त पर कि उनके और शबाना आज़मी के ऊपर एक रोमांटिक सॉन्ग फिल्माया जाना चाहिए। मजबूर प्रोड्यूसर्स को उनकी बात माननी पड़ी। दरअसल, राज कुमार उन दिनों अपने परिवार के साथ कश्मीर में छुट्टियां भी बिता रहे थे। वो गाना जो राज कुमार और शबाना आज़मी पर फिल्माया गया था वो इस फिल्म के शुरुआती क्रेडिट्स में दिखाई देता है।
प्रोड्यूसर इस फिल्म में अनिल कपूर को लेना ही नहीं चाहते थे। वो किसी दूसरे एक्टर को उस रोल के लिए कास्ट करना चाहते थे। उस ज़माने में अनिल कपूर स्ट्रगल कर रहे थे। वो शबाना आज़मी के पास भी मदद के लिए जाते थे। तब शबाना आज़मी की सिफारिश पर ही अनिल कपूर को इस फिल्म में कास्ट किया गया था।
और वक्त का फेर देखिए, इस फिल्म के रिलीज़ होने से पहले अनिल कपूर की और फिल्में आ गई। और अनिल कपूर स्टार बन गए। यानि जब ये फिल्म 1987 में रिलीज़ हुई थी तब अनिल कपूर एक स्टार थे। लेकिन उनके स्टारडम का फिल्म को कोई फायदा नहीं मिला। फिल्म फ्लॉप ही रही।