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क्या एफडी लेने के बाद फार्म 15 G जरूरी है भरना ?

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इसके लिए आपको ये जानना जरूरी है कि 15 G फॉर्म का उद्देश्य क्या है ! फॉर्म 15जी एक दस्तावेज है जिसे लोग यह सुनिश्चित करने के लिए जमा करते हैं कि आपके ईपीएफ, आरडी या एफडी से अर्जित ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाए। यह फॉर्म 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) भर सकते हैं। 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए एक अलग फॉर्म है- फॉर्म 15H!

फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच स्व-घोषणा फॉर्म हैं जो एक व्यक्ति बैंक को जमा करके ब्याज आय पर टीडीएस नहीं काटने का अनुरोध करता है क्योंकि उनकी आय मूल छूट सीमा से कम है। इसके लिए PAN देना अनिवार्य है. कुछ बैंक आपको इन फॉर्मों को बैंक की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन जमा करने की अनुमति देते हैं।

फॉर्म 15 G का प्रारूप

Format of Form 15G

फॉर्म 15 H का प्रारूप

Format of Form 15H

फॉर्म 15G और फॉर्म 15H एक वित्तीय वर्ष के लिए वैध होते हैं। इसलिए, कृपया ये फॉर्म हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जमा करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बैंक आपकी ब्याज आय पर कोई टीडीएस नहीं काटेगा।

अगर आपकी सालाना आय, आयकर की न्यूनतम छूट (रूपये दो लाख पचास हजार) की सीमा से कम है तो आप बैंक को यह फॉर्म भर कर हस्ताक्षर करने के बाद अपने पैन की प्रति के साथ जमा करेंगे तो बैंक आपकी फिक्स्ड डिपाजिट पर कटने वाला टीडीएस नहीं कटेगा तो,यह कत्तई अनिवार्य नहीं है!! बल्कि यह भरना है और बैंक को जमा करना है या नहीं, इसका जवाब आपको खुद को देना खुद से देना है। क्योंकि आप ही बेहतर जानते हैं कि आपकी सालाना आय कितनी है!

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