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वानर का शाब्दिक अर्थ बंदर नही अपितु “वन में रहने वाला ” अर्थात वनवासी होता है ! आधुनिक , संवैधानिक भाषा मे कहें तो शेड्यूल ट्राइब या अनुसूचित जनजाति !
दुनिया के किसी भी रामकथा वाचक की कथा सुन लो वो ये ज़रूर कहेंगे कि भगवान राम सर्वसमुदाय को अपने साथ लेकर चलने की प्रेरणा देते हैं निषाद, वनवासी, केवट , भील इत्यादि पिछड़ी कही जाने वाली जातियों को भी भगवान राम के अभियान में महत्वपूर्ण दायित्व दिए गए और हनुमान जी से लेकर जामवंत, सुग्रीव, अंगद, नल नील, शबरी, जटायु, केवट सहित ऐसे अनेक उदाहरण हैं !
बाकी “मुंडे मुंडे मति भिंनः” यानि जितने मुँह उतनी बात 😅 ! 🙏