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कभी श्रीदेवी ने बोनी कपूर को बांधा था राखी

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दरअसल दोस्तो मशहूर निर्माता, निर्देशक बोनी कपूर की पहली शादी मोनी शोरी से हुई थी और सब कुछ चंगा चल रहा था, दो बच्चे भी थे, अर्जुन और अंशुला कपूर.. और इसी दौरान बोनी की जिंदगी में श्री देवी की एंट्री होती है।

दरअसल श्री, बोनी की पहली पत्नी मोना शोरी की फ्रेंड थी और इसी वजह से मोनी ने श्री को काफी अरसे तक अपने घर पर रहने दिया था ..लेकिन उस वक्त श्री देवी और बोनी का रोमांस चल रहा था..जिसकी मोनी को रत्ती भर भी भनक नहीं थी.. और अगर मोनी की माने और उसी दौर में श्री देवी की दोस्ती मिथुन चक्रवर्ती से भी थी।

तो उन्ही दिनों मिथुन चक्रवर्ती को श्रीदेवी पर शक होने लगा के उनका बोनी कपूर के साथ किसी तरह का रिश्ता है और मिथुन चक्रवर्ती को यकीन दिलाने के लिए के उन दोनो में ऐसा कुछ नहीं चल रहा है तो श्री देवी ने बोनी को राखी बांधी थी .. ये बात खूद मोना कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी ।

मोनी को उनपर कभी भी शक नहीं हुआ क्योंकि वो कहती हैं के श्री, बोनी को अपना भाई बोलती थी..मोनी बताती है के बोनी खुद जब mr india फिल्म में श्री देवी को कास्ट किया तो उसी दौरान उन दोनो का रोमांस शुरू हो गया था।

श्री, और बोनी के रिश्ते से परदा तब उठा जब एक दिन अचानक मोना को पता चला के श्री देवी प्रेगनेट है ये जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई थी उन्हे लगा के सब कुछ झूठ है, धोखा है .. उसके बाद बोनी ने मोना को तलाक देकर 1996 में श्रीदेवी से शादी कर ली.. जिसके कुछ महीने बाद ही जानवी का जन्म हुआ था।

लेकिन मैं अपने कई लेखों में लिख चुका हु के किसी के घर में अंधेरा कर के अपना घर रौशन नहीं किया जा सकता.. इंसान जितनी मर्जी आंखे बंद कर ले लेकिन भगवान का बही खाता चलता रहता है और एक न एक दिन इंसाफ हो कर रहता है.. आज बोनी कपूर बहुत दुखी है.. मेरी सहानुभूति उनके साथ है लेकिन एक बार बोनी कपूर एक इंटरव्यू में, श्री को याद करते हुए रोने लगे थे.. वो कह रहे थे के मेरा दिल अब किसी भी पार्टी में जाने को नहीं करता.. सभी लोग अपनी अपनी बीवियों के साथ आते है.. सभी एक दूसरे से बातें करते हैं, हस्ते खेलते हैं.. मैं अकेला बैठा रहता हूं.. मुझे बहुत बुरा लगता हैं, मैं किस से बात करू.. किसके साथ जाऊ.. सभी अपने आप में मस्त होते हैं..

ये होता है दिल का दर्द जो डूबते हुए सूरज की आंखों से ही झलकता है.. दुनियां के बड़े बड़े दर्दो में आपका दर्द जब कुछ मायने नहीं रखता.. वो तकलीफ होती है सबसे बड़ी तकलीफ… और जो दूसरे किसी को भी महसूस नही होती…। 

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