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नेवी, आर्मी और एयर फोर्स के सैल्यूट में क्या अंतर होता है?

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सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सैल्यूट का मतलब अपने बड़े अधिकारियों को सम्मान देने से होता है. इसलिए देश की तीनों के जवान अपने-अपने तरीके से सैल्यूट करते हैं.

सुंदर स्मृति चिन्ह सैम मानेकशॉ का :-
सैल्यूट से सम्बन्धित फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का एक बड़ी ही मजेदार घटना और बड़ी मनोरंजक भी है उसे बताता हूँ। एक दिन कैंटोमेंट में एक नया लेफ्टिनेंट राउंड पर था। लेफ्टिनेंट को लगा कि एक ‘गोरखा’ सिपाही ने उसे सैल्यूट नहीं किया। लेफ्टिनेंट ने सिपाही को बुलाया और सैल्यूट न करने का कारण पूछा। सिपाही बोला कि साब आपको देखा नहीं इसलिए सैल्यूट नहीं किया, गलती हो गयी। लेफ्टिनेंट साहब को यह जवाब पसन्द नहीं आया और उन्होंने उस सिपाही को लगातार 1000 सैल्यूट करने की सजा दे दी।

अभी बेचारा सिपाही आठ-दस सैल्यूट ही ठोक पाया था कि सैम उधर से निकले। देखा कि एक सिपाही सैल्यूट ठोक रहा है, लेकिन सामने तो कोई है ही नहीं। सिपाही के पास गए और इस बेवजह सैल्युट्स का कारण पूछा। सिपाही ने सच्ची बात बता दी। सैम ने लेफ्टिनेंट को बुलाया और कहा, “बहुत सही सजा दी तुमने। जूनियर्स को ऐसी गलतियों पर सजा देनी ही चाहिए। वेल डन, आई एम प्राउड ऑफ यू। बट ल्युटनेन्ट, सेना के प्रोटोकॉल के अनुसार सैल्यूट का जवाब सैल्यूट से देना कम्पलसरी है।” तो अगले दो घण्टे तक ‘गोरखा’ सिपाही और लेफ्टिनेंट साहब दोनों एक-दूसरे को दनादन सैल्यूट बजाते रहे।

तीनों सेनाएं अलग-अलग ढंग से काम करती हैं. यहां तक की तीनों सेनाओं का सैल्यूट भी अलग है. लेकिन, ऐसा क्यों है? आइये बताते है :-

इंडियन आर्मी-
इंडियन आर्मी का सैल्यूट पूरी हथेली दिखाकर यानी खुले हाथों से किया जाता है. उनके सैल्यूट के वक्त हाथ का पूरा पंजा दिखता है. सभी ऊंगलियां खुली रहती हैं और अंगूठा सिर और आईब्रो के बीच में होना चाहिए.

इंडियन नेवी-
इंडियन नेवी के जवान का सैल्यूट आर्मी से बिल्कुल अलग होता है. इनके सैल्यूट में पंजा नहीं दिखता. हाथ पूरी तरह से नीचे की ओर मुड़ा होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पुराने जमाने में जब नेवी के जवान जहाज में काम करते थे तो उनके हाथ गंदे हो जाते थे तो वह अपने पंजे को छिपाकर सैल्यूट करते थे. बस तब से ही ऐसे सैल्यूट किया जा रहा है.

एयर फोर्स-
एयर फोर्स का सैल्यूट पहले आर्मी की तरह ही होता है. लेकिन, साल 2006 में इंडियन एयर फोर्स ने अपने जवानों के सैल्यूट के नए फॉर्म तय किए थे. सैल्यूट के दौरान उनके हाथ और जमीन के बीच 45 डिग्री का कोण बनता है. इसका मतलब यह भी होता है कि वायु सेना आसमान की ओर अपने कदम को दर्शती है.

भारत के पास तीन तरह की सेना है. इंडियन नेवी, इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. तिरंगा फहराने के साथ ही उन्होंने तिरंगे को अलग तरीके से सलामी भी दी. उनके साथ ही देश की तीनों सेनाओं ने भी तिरंगे को सलामी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार सलामी देते वक्त जिस सैल्यूट का इस्तेमाल किया वह जल सेना यानी इंडियन नेवी का सैल्यूट था. इससे पहले वह अलग-अलग सेनाओं के सैल्यूट करते रहे हैं.

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