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देवानंद अपने भाई गोल्डी आनंद जी के साथ। आज विजय आनंद उर्फ गोल्डी आनंद जी की पूण्यतिथि है। 23 फरवरी 2004 को गोल्डी आनंद की मृत्यु हुई थी। विजय आनंद काफी प्रतिभावान थे। मुंबई के सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज में जिन दिनों ये ग्रेजुएशन कर रहे थे, उन्हीं दिनों इन्होंने अपनी बड़ी भाभी यानि चेतन आनंद की पत्नी उमा आनंद के साथ मिलकर एक फिल्म की कहानी लिखी थी।
आगे चलकर उस कहानी पर जो फिल्म बनी उसका नाम था टैक्सी ड्राइवर, जो अपने वक्त की बहुत बड़ी और सुपरहिट फिल्म थी। और उसमें हीरो थे गोल्डी के भईया देव आनंद। और डायरेक्टर थे इनके बड़े भाई चेतन आनंद।
साल 1957 में फिल्म नौ दो ग्यारह से विजय आनंद ने बतौर डायरेक्टर भी अपना फिल्मी सफर शुरू कर दिया। और आगे चलकर इन्होंने काला बाज़ार, तेरे घर के सामने, गाइड, ज्वैल थीफ, जॉनी मेरा नाम, राम बलराम और राजपूत जैसी फिल्में डायरेक्ट की।
कुछ फिल्मों में विजय आनंद ने बतौर एक्टर भी काम किया था। जैसे आगरा रोड, काला बाज़ार, हकीकत, तेरे मेरे सपने, डबल क्रॉस, छुपा रुस्तम, कोरा कागज़, मैं तुलसी तेरे आंगन की और तहकीकात। गोल्डी आनंद को किस्सा टीवी का नमन।