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रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और रणनीति का लोहा अंग्रेजों ने माना

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तूफानी तीन दिनों के बाद, जब ग्वालियर की धरती बारूद और खून से तर हो चुकी थी, तब जाकर अंग्रेजों ने इसे अपने कब्जे में लिया। लेकिन इस विजय के गीत से पहले ही, ब्रिटिश जनरल ह्यूग रोज़ को रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और रणनीति का लोहा मानना पड़ा।

अपनी युद्ध रिपोर्ट में उन्होंने लिखा, “वह जीवंत आत्मा, तीक्ष्ण बुद्धि और अप्रतिम सौंदर्य से युक्त थी। सारे हिंदुस्तानी सरदारों में सबसे खतरनाक साबित हुई।” ये शब्द केवल युद्ध का हाल नहीं बताते, बल्कि रानी लक्ष्मीबाई की छवि को भी उकेरते हैं।

उनकी निडरता और बहादुरी ने अंग्रेजों को भी झुकने पर मजबूर कर दिया। उनका हर कदम सोच-समझकर उठाया गया था, हर रणनीति से दुश्मन को धूल चटा दी थी। उनका सौंदर्य उनकी तलवार की धार जैसा ही तीखा था, जो उनकी शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था।

हालांकि ग्वालियर की लड़ाई अंग्रेजों के हाथों में जीत लेकर आई, लेकिन रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। उनका वीरगथा स्वतंत्रता की ज्वाला जलाती रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी

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