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उड़ीसा सरकार ने एचआईवी पॉजिटिव अनाथ बच्चों की सुरक्षा के लिए 22 दिसंबर को एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है “बीजू शिशु सुरक्षा योजना” है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिमागी तौर से कमजोर, गोद लिए हुए, कानूनी माँ बाप, और एचआईवी से प्रभावित कमजोर बच्चों की रक्षा करना है।
बीजू शिशु सुरक्षा योजना – देखभाल और रक्षा
राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों की हायर सेकंडरी स्कूल की शिक्षा के लिए धन संबंधी सहायता, उनकी देखभाल और पुनर्वास रक्षा करना है। बालिकाओं की शादी के लिए धन संबंधी सहायता प्रदान करना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
बीजू शिशु सुरक्षा योजना के तहत धन संबंधी सहायता
राज्य सरकार पढ़ाई के लिए और बालिकाओं की शादी के लिए 7000 से 40000 रुपये तक की धन संबंधी सहायता प्रदान करेगी। इस योजना में सहायता के तौर पर स्कूल में प्रवेश पाने का खर्च, ट्युशन का खर्च, किताबों का खर्च और पढाई से सम्बंधित अन्य खर्च ही शामिल होगा।
बीजू शिशु सुरक्षा योजना की मुख्य विशेषताएं
- हायर सेकंडरी स्कूल तक की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद।
- हायर सेकंडरी स्कूल पास करने के बाद 20,000 रुपए का इनाम।
- 3 प्रतिभाशाली छात्रों को प्रत्येक जिले में हर साल क्षात्रवृति।
- बालिकाओं की शादी के लिए आर्थिक मदद।
- महिला बच्चे के सुकन्या समृद्धि खाते में 1,000 रुपये प्रति साल जमा होंगे जब तक की वो 18 वर्ष की न हो जाये।
- लड़कियों के लिए 50,000 रुपये 18 साल की हो जाने पर और लड़को को 40,000 रुपये 21 साल का पूरा होने पर उनके विवाह समारोह की सुविधा के लिए सहायता की जाएगी।
बीजू शिशु सुरक्षा योजना मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ममता योजना के पांच वर्ष पूरे होने पर शुरू की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बच्चों और माताओं की पोषण आवश्यकताओं के लिए एक नई योजना शुरू होगी जो कि 2017 से 2020 के बीच चालू रहेगी।