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ग्रीवा संचालन –
1. गर्दन को सामने और पीछे झुकाना |
2. गर्दन को अगल-बगल कंधे के समानांतर घूमाना |
3. गर्दन को दाये से बाये बाये से दाये कंधे से सटाने की कोशिश करना
4. गर्दन, को चारो तरफ गोल घूमाना दाई तरफ से फिर बाई तरफ से
सावधानी – यह अभ्यास उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए, जिसे निम्न या उच्च रक्तचाप, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या वर्टिगो हो |
लाभ – शरीर के विभिन्न अंगों एवं भागो को जोड़ने वाले सभी स्नायु गर्दन से होकर गुजरते है | इसलिए गर्दन एवं सिर की पेशियों मे सबसे अधिक तनाव हो जाता है, विशेषकर लंबे समय तक बैठ कर काम करने से |
इन अभ्यासो से सिर, गर्दन एवं कंधो का तनाव, भारीपन और कड़ापन दूर होता है | सिर की और रक्त का प्रवाह भी बढ़ जाता है जिससे आँखों एवं मस्तिष्क को शुद्ध रक्त भी पर्याप्त मात्रा मे मिलने लगता है जो विधार्थियो के लिए विशेषरूप से आवश्यक है | हर प्रकार के सिरदर्द तथा स्पॉन्डिलाइटिस को दूर करने मे बहुत सहायक होता है |
थाइरॉयड ग्रंथि को सही प्रकार से काम करने के लिए सक्रिय बनाता है| विशुद्धि चक्र की जागृति पर भी इसका प्रभाव होता है | प्रत्येक अभ्यास से जिस मांसपेशी समूह मे खिंचाब आता है, उस पर एकाग्रता रखनी है | अच्छी सोच का संकल्प लें, क्योंकि हम जो सोचते हैं , वह सिद्ध होता है | आओ हम सब मिलकर संकल्प लें, योग करें स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें|
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