इस ख़बर को शेयर करें:
1. काली मंत्र- ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।।
आदिशक्ति काली- दस महाविद्याओं में आदिशक्ति काली प्रथम देवी हैं. इनकी पूजा रात्रि में पूर्व दिशा की ओर मुख करें. लाल रंग के आसन पर बैठ काली हकीक की माला से इस मंत्र का जाप करें-‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।
2. तारा मंत्र- ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।।
मां तारा- दस महाविद्याओं में मां तारा दूसरी महाविद्या हैं. इनकी साधना से शत्रुओं का नाश होता है हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. सफदे रंग के आसन में बैठकर स्फटिक माला से इस मंत्र का जाप करें-‘ॐ ऐं ओं क्रीं क्रीं हूं फट्।’
3. षोडशी मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क ए ह ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं महाज्ञानमयी विद्या षोडशी मॉं सदा अवतु।।
षोडशी महाविद्या- तीसरी महाविद्या मां षोडशी हैं. इनकी साधना से हर मनोकामना पूरी होती है. ब्रह्म मुहूर्त में इनकी साधना में इस मंत्र का जाप करें-‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’
4. भुवनेश्वरी मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं।।
मां भुवनेश्वरी- मां भुवनेश्वरी चौथी महाविद्या हैं. इनकी साधना से वशीकरण, सम्मोहन, धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष आदि की प्राप्ति होती है. इनकी साधना में इन मंत्र का जाप करें-‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।’
5.भैरवी मंत्र- हस्त्रौं हस्क्लरीं हस्त्रौं।।
त्रिपुर भैरवी- त्रिपुर भैरवी माता छठी महाविद्या हैं. इनकी साधना ऐश्वर्य प्राप्ति, रोग निवारण और आर्थिक उन्नति की बाधाएं दूर करने के लिए की जाती हैं. इनकी साधना का मूल मंत्र है-‘ह स: हसकरी हसे।’
6. छिन्नमस्तिका मंत्र- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।
माता छिन्नमस्ता- मां छिन्नमस्ता पांचवी महाविद्या हैं. संतान प्राप्ति, दरिद्रता दूर करने आदि के लिए इनकी साधना की जाती है. इनका मूल मंत्र है- ‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरायनीये हूं हूं फट् स्वाहा।’
7. धूमावती मंत्र- धूं धूं धूमावती ठः ठः।।
धूमावती- मां धूमावती सातवीं महाविद्या हैं. कर्ज और दरिद्रता दूर करने के लिए इनकी साधना की जाती है. इनकी साधना सुनसान जगह या श्मशान में की जाती है. इनका मूल मंत्र है-‘धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।’
8. बगलामुखी मंत्र- ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचं मुखं पदं स्तम्भय-स्तम्भय जिह्वा कीलय-कीलय बुद्धि विनाशाय-विनाशाय ह्रीं ऊँ स्वाहा।।
श्री बगलामुखी- मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं. रोग-दोष, शत्रु शांति, वाद-विवाद वशीकरण के लिए इनकी साधना में इस मूलमंत्र का जाप करें-‘ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा।’
9. मातंगी मंत्र- ऊँ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।
मातंगी- मां मातंगी नौंवी महाविद्या हैं. इनकी साधना शीघ्र विवाह, गृहस्थ जीवन में खुशहाली और वशीकरण के लिए की जाती है. इनका मूलमंत्र है-‘श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।’
10. कमला मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः जगत्प्रसूत्यै नमः।।
मां कमला- दसवीं महाविद्या मां कमला हैं. इनकी साधना से भौतिक साधनों की वृद्धि, व्यापार में वृद्धि, धन आदि में वृद्धि होती है. कमल गट्टे की माला इस मूलमंत्र का जाप करें-‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।’