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मां पद्मावती (रानी पद्मिनी) 16000 क्षत्राणीयों के साथ किया जौहर, जौहर की गाथाओं में सर्वाधिक चर्चित प्रसंग चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का है, आज से तकरीबन 720 वर्ष पहले जिन्होंने 26 अगस्त, 1303 को 16,000 क्षत्राणियों के साथ जौहर किया था।
पद्मिनी का मूल नाम पद्मावती था। वह सिंहलद्वीप के राजा गंधर्भ सेन की पुत्री थी। चित्तौड़ के राजा रत्न सिंह से उनका विवाह हुआ, यह वो दौर था जब दिल्ली की सल्तनत पर अलाउद्दीन खिलजी का कब्जा था.
ऐसा कहा जाता है कि जब खिलजी ने चित्तौड़गढ़ किले पर जीत हासिल की तो रानी पद्मिनी ने हजारों क्षत्राणियों के साथ जौहर कुंड में छलांग लगाकर आत्मदाह कर लिया था. आज भी चित्तौड़गढ़ दुर्ग में वह जौहर कुंड मौजूद है ।
उनकी याद आते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं । मन रोने लगता है कितना भीभत्स होगा वो दृश्य जब महारानी अपनी सहेलियों के साथ अग्नि कुंड में समर्पित हो रही होंगी। भारत नारी की पवित्रता देव तुल्य है।