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नई टोल पॉलिसी : कार के साइज के आधार देना पड़ सकता है टैक्स

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अब हाईवे पर तय किया गया समय और वाहन का साइज..इन सभी मानकों के आधार पर वसूला जाएगा टोल टैक्स

जल्द ही ऐसा हो सकता है कि आपकी छोटी कार आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो जाए. दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अगले साल नई टोल नीति जारी करने जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक नए टोल सिस्टम में GPS आधारित टोल प्रणाली के साथ वाहनों के साइज और सड़कों पर उससे पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर भी टोल वसूली हो सकती है.

अगर ऐसा होता है तो छोटी कार रखने वालों को हाईवे, एक्सप्रेस वे पर बड़ी कार वालों के मुकाबले कम टोल देना पड़ सकता है. गाड़ी के साइज के आधार पर टोल वसूली का विचार मौजूदा सिस्टम से अलग होगा. फिलहाल टोल वसूली का काम दूरी के आधार पर किया जाता है.

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी GPS आधारित टोल सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की बात कहते रहे हैं. अब संशोधित PCU के आधार पर टोल की गणना के प्रस्ताव का मतलब है कि अगर आपके पास छोटी-हल्की कार है और आप किसी हाईवे पर कम दूरी तय करते हैं तो आपको बहुत कम टोल चुकाना होगा. वहीं बड़े और भारी वाहनों को ज्यादा चार्ज देना होगा. IIT-BHU को PCU में इसी बदलाव का फार्मूला बताना है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टोल वसूली के नए नियमों में टोल चार्ज हाईवे पर लगाए गए वास्तविक समय और दूरी से तय होगा. वाहनों के साइज के आधार पर टोल वसूली के विचार के पीछे की सोच ये है कि कोई वाहन सड़क पर कितनी जगह घेरता है, उससे सड़क पर कितना भार पड़ता है और उससे होने वाला संभावित नुकसान कितना है.

दरअसल वाहनों के वजन और दबाव का बोझ सड़कों पर पड़ता है और इससे सड़कें खराब होती हैं. मंत्रालय की ओर से अभी इस बारे में अधिकृत रूप से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन IIT-BHU में सड़क परिवहन के प्रोफेसर डा. अंकित गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से उन्हें पैसेंजर कार यूनिट (PCU) तैयार करने का प्रोजेक्ट मिला है.

इस प्रोजेक्ट में किसी कार से सड़क पर पड़ने वाले लोड का आकलन करना है. प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन हम जल्द ही इस पर काम शुरू करेंगे और अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेंगे. पीसीयू का निर्धारण कई साल पहले किया गया था और तब से वाहनों के आकार और उनकी रफ्तार में बहुत बदलाव आ चुका है.

दरअसल माना यह भी जाता है कि छोटी कार खरीदने वाले लोग अधिकतर लोकल यात्राएं करते हैं वहीं बड़ी कार खरीदने वाले लोग लंबी दूरी भी तय करते हैं. इन सभी तरह के आंकलन और तथ्यों को भी ध्यान में रखा जाएगा. ऐसे में यदि वाहन का साइज बड़ा है और दूरी भी लंबी तय कर रहे हैं तो ज्यादा टोल देना पड़ सकता है. मतलब साफ है कि नए टोल सिस्टम में तय की गई दूरी, हाईवे पर तय किया गया समय और वाहन का साइज..इन सभी मानकों के आधार पर टोल वसूला जाएगा.

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