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स्पेन की डांसर से महाराजा पटियाला की लव स्टोरी

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महाराजा ने अनिता के कैबरे डांस की मोहकता की चर्चाएं जरूर सुन रखी थीं. लेकिन जब उसने पहली बार उसे देखा वो मोहित होते चले गए. राजा को डांसर के हर मूवमेंट के साथ दिल पर बिजली गिरती हुई महसूस हुईं. महाराजा उस समय 34 साल के थे यानि अनिता की उम्र से दोगुनी उम्र के. दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब “महारानी” में इस किस्से का विस्तार से वर्णन किया है. इसके अलावा जेवियर मोरो ने भी अपनी किताब “पैशन इंडिया” में इस पर पूरा उपन्यास ही लिख दिया है. इस किताब पर फिल्म बनाने के अधिकार मशहूर एक्ट्रैस पेनेलोप क्रूज ने खरीदे लेकिन बाद में महाराजा के परिवार के विरोध के चलते ये फिल्म बन नहीं सकी।

अनिता डेलगादो स्पेन की 17 साल की बेहद खूबसूरत लड़की थी. परियों जैसा चेहरा और आकर्षक नृत्य. इसी पर फिदा हो गए पंजाब के कपूरथला महाराजा. पहले उससे प्यार किया. फिर उसे ले आए अपने महलों में. अनिता के बारे में कहा जाता है कि वह सम्मोहक और दूसरी औरतों से एकदम अलग थी. भारतीय से लेकर ब्रिटिश अधिकारी उससे मिलने के लिए आतुर रहते थे. उसकी सुंदरता, शालीनता और हंसी-मजाक के अंदाज ने सभी को प्रभावित किया था।

वह महाराजा की पांचवीं पत्नी थी. महाराजा के पहले से चार बेटे थे, उसमें बड़ा बेटा करीब अनिता का हमउम्र ही था. 20 साल की अनिता के लिए भारत आकर राजा के महल में रहना बहुत सुखद नहीं रहा. उस पर सौतेले बेटे के साथ संबंधों के आरोप भी लगे, जो जेवियर मोरो की किताब के अनुसार सही ही थे, क्योंकि वह महाराजा के बड़े बेटे कमल से प्यार करने लगी थी. बाद में महाराजा ने उसको अपनी जिंदगी से निकाल फेंका. उसे अच्छी-खासी पेंशन बांधकर वापस स्पेन भेज दिया गया।

इसी कारण राजाओं ने ब्रिटिशराज के समय जितने भी युद्ध किये , शायद ही किसी युद्ध में उन्हें सफलता मिली क्योंकि इन राजाओं ने न तो कभी देश के लिए लड़ा और न अपनी प्रजा के लिए लड़ा। इन्होंने हमेशा अपने राज को बचाने के लिए युद्ध किया और कभी प्रजा ने इनका साथ नहीं दिया।आखिर देती भी क्यों। उन्हें राजा के राज में वही जीवन जीना था ,जो ब्रिटिश राज में। हमेशा ही प्रजा इन सियासी मामलों से उदासीन रही। याद कीजिये 1857 का स्वाधीनता संग्राम ,वो विफल कर दिया गया। क्योंकि सभी राजा अपने अपने राज को बचाने के लिए लड़ रहे थे, मातृभूमि के लिए नहीं, अपने मादरे वतन के लिए नहीं।राजाओं ने प्रजा से लगान के रूप में उनका खून चूसा और अपने ऐशोआराम पर उड़ाया। ऊपर जैसे आपने उदाहरण पढ़ा ही है।

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